जदयू ने शुरू की आरसीपी सिंह की संपत्ति खोजने का अभियान, कार्यकर्ता रूपी फौज पटना से लेकर दिल्ली-मुबई में कर रही कैंप

पटना। जेडीयू के आरसीपी पर पत्नी और दोनों बेटियों के नाम पर 58 संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप लगे हैं। ये संपत्ति 2013 से लेकर 2022 तक अर्जित की गई। सभी जमीन नालंदा के सैफाबाद और शेरपुर मालती मौजा में खरीदी गई। आरसीपी सिंह की पत्नी गिरजा देवी,बेटी लिपि सिंह और लता सिंह के नाम पर करीब 40 बीघा जमीन रजिस्ट्री कराई गई। खुलासे के बाद हड़कंप मच गया है। जेडीयू नेतृत्व ने पूर्व केंद्रीय मंत्री से स्पष्टीकरण की मांग की है। इधर खबर है कि जेडीयू की सेना अपने रामचंद्र की संपत्ति खोजो अभियान पर निकल गई है। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष ने आरसीपी सिंह से पत्नी और दोनों बेटियों के नाम पर 58 संपत्ति अर्जित किये जाने को लेकर स्पष्टीकरण देने को कहा है। ये सभी संपत्ति नालंदा जिले में है। वही खबर है कि यह संपत्ति तो सिर्फ नालंदा जिले के दो कार्यकर्ताओं की खोज है। पहली खोज में जमीन के 58 कागजात मिलने के बाद नेतृत्व ने अपने रामचंद्र की संपत्ति खोजने को लेकर फौज उतार दी है। कहा जा रहा है कि जेडीयू की कार्यकर्ता रूपी फौज पटना में भी जमीन के कागजात तलाश रही है। वहीं दूसरी और तीसरी टीम दिल्ली और मुंबई में कैंप कर रही है। पटना,दिल्ली और मुंबई में भी संपत्ति अर्जित करने का पता चला है।बताया जाता है कि अभी तो सिर्फ नालंदा की 58 संपत्ति के बारे में खुलासा हुआ है। यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। पटना वाली संपत्ति के बारे में भी खुलासा होने की संभावना है। नालंदा के इंस्लामपुर अंचल के सैफाबाद और अस्थावं अंचल के शेरपुर मालती मौजा में 58 जमीन की खोज नालंदा जिले के ही दो कार्यकर्ता सुरेश प्रसाद और संजय पटेल के द्वारा की गई है।
आरसीपी सिंह को भेजे पत्र में प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा है कि पार्टी के दो कार्यकर्ताओं का सूबत के साथ आवेदन मिला है। जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि आपके एवं आपके परिवार के नाम से 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति का निबंधन कराया गया है। जिसमें कई प्रकार की अनियमितताएं प्रतीत होती हैं। आप लंबे समय से दल के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार के साथ अधिकारी एवं राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे हैं। आपको मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो बार राज्यसभा का सदस्य, पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव संगठन, राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा केंद्र में मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर दिया। साथ ही विश्वास एवं भरोसा के साथ आपको जिम्मेदारी दी।
4 अगस्त को पत्र भेज जवाब मांगा
उमेश कुशवाहा ने अपने पत्र में आगे लिखा है कि आप इस तथ्य से भी अवगत हैं कि हमारे नेता नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर काम करते हैं। इतने लंबे सार्वजनिक जीवन के बाद भी नेता पर कभी कोई दाग नहीं लगा और, ना ही उन्होंने कोई संपत्ति बनाई। आप से यह अपेक्षा की जाती है कि परिवाद के बिंदुओं पर अपनी स्पष्ट राय से तत्काल अवगत कराएं। प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने परिवाद की प्रति और सबूतों के साथ 4 अगस्त को रामचंद्र प्रसाद सिंह को पत्र भेजा। लेकिन अभी तक उन्होंने अपना जवाब नहीं दिया है।

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