विधानसभा चुनाव में जदयू ने जारी की पहली सूची, 57 उम्मीदवारों को नीतीश ने दिया टिकट
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र जनता दल (यूनाइटेड) ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय से 57 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करते हुए चुनावी बिगुल फूंक दिया। इस सूची में जदयू ने संगठनात्मक संतुलन और जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए पुराने अनुभवी चेहरों के साथ-साथ नए उम्मीदवारों को भी मौका दिया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, जारी सूची में मौजूदा विधायकों, पूर्व मंत्रियों और युवा कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है। नीतीश कुमार ने कहा कि पार्टी ने इस बार “काम और विश्वास” के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया है। उन्होंने कहा कि जिन विधायकों ने क्षेत्र में विकास कार्यों को गति दी, जनता से जुड़ाव बनाए रखा और संगठन को मजबूत किया, उन्हें पुनः मौका दिया गया है। वहीं कई सीटों पर नए चेहरों को उतारा गया है ताकि युवाओं और महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा मिल सके। सूत्र बताते हैं कि जदयू की पहली सूची में सर्वाधिक सीटें मगध और मिथिलांचल क्षेत्र से हैं, जबकि सीमांचल और उत्तर बिहार से कुछ महत्वपूर्ण नाम शामिल किए गए हैं। नीतीश कुमार ने सूची जारी करते हुए कहा कि जदयू पूरी मजबूती के साथ एनडीए गठबंधन में चुनाव लड़ेगी और राज्य के विकास के मुद्दे पर जनता के बीच जाएगी। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है बिहार को विकसित राज्य की श्रेणी में लाना। गठबंधन की सरकार ने जो काम किए हैं, वही हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं।” राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जदयू की यह पहली सूची उसके चुनावी मंसूबों की झलक दिखाती है। पार्टी ने जहां वफादार नेताओं को टिकाए रखा है, वहीं युवाओं को आगे कर एक संतुलित संदेश देने की कोशिश की है। आने वाले दिनों में दूसरी और तीसरी सूची जारी होने की संभावना जताई जा रही है। जदयू की पहली सूची जारी होने के बाद अब राजनीतिक सरगर्मी और तेज हो गई है। भाजपा और राजद भी जल्द अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकते हैं, जिससे बिहार में चुनावी माहौल और अधिक गर्म होने वाला है।
नीतीश कुमार ने खुद किया प्रत्याशियों पर मंथन
संजय झा ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी उम्मीदवारों के नामों पर स्वयं विचार किया है। उन्होंने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक परिस्थिति और स्थानीय समीकरणों का गहराई से विश्लेषण किया। उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हर सीट पर विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उम्मीदवारों का चयन जनता की अपेक्षाओं और संगठन की मजबूती को ध्यान में रखकर किया जाए।” यह भी बताया गया कि मंगलवार देर रात तक जदयू के प्रदेश मुख्यालय में बैठक चली, जिसमें प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप दिया गया। बैठक में शीर्ष नेताओं के साथ प्रदेश पदाधिकारी और जिला इकाइयों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
कल से नीतीश कुमार की चुनावी यात्रा शुरू
जदयू की पहली सूची जारी होने के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब मैदान में उतरने जा रहे हैं। वे कल से अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। जानकारी के अनुसार, नीतीश कुमार की पहली रैली समस्तीपुर से शुरू होगी और संभवत: उसी दिन वे दरभंगा में भी सभा को संबोधित करेंगे। इन सभाओं में वे एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में जनता से समर्थन की अपील करेंगे। पार्टी के अनुसार, नीतीश कुमार अपनी चुनावी सभाओं में ‘विकास और स्थिरता’ के एजेंडे को प्रमुखता से रखेंगे और पिछले 20 वर्षों में हुए बिहार के विकास कार्यों का उल्लेख करेंगे।
एनडीए गठबंधन के भीतर तालमेल और तैयारियां
जदयू की सूची जारी होने के बाद एनडीए का चुनावी अभियान औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगा। भाजपा और अन्य घटक दलों के साथ संयुक्त रैलियों की तैयारियां भी तेज़ कर दी गई हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आने वाले सप्ताह में बिहार में अपनी चुनावी सभाओं की शुरुआत कर सकते हैं। इससे एनडीए का प्रचार अभियान और अधिक संगठित और प्रभावी होने की उम्मीद है। एनडीए के नेताओं का मानना है कि संयुक्त सभाओं से गठबंधन की एकजुटता का संदेश जनता तक पहुंचेगा और विपक्ष की रणनीति पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
विपक्ष की तैयारी में दिख रही सुस्ती
जहां एक ओर जदयू और एनडीए ने अपने चुनाव अभियान को गति दे दी है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष अब तक सीट बंटवारे और प्रत्याशियों के चयन को लेकर असमंजस में नजर आ रहा है। महागठबंधन के घटक दलों में अभी तक पूरी सहमति नहीं बन पाई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जदयू की सूची जारी होने और नीतीश कुमार के सक्रिय प्रचार अभियान से एनडीए को शुरुआती बढ़त मिल सकती है।
‘विकास और स्थिरता’ रहेगा जदयू का मुख्य एजेंडा
नीतीश कुमार हमेशा से विकास के मुद्दे को अपनी राजनीति का केंद्र मानते आए हैं। इस चुनाव में भी वे ‘विकास और स्थिरता’ को अपना मुख्य नारा बना रहे हैं। जदयू का मानना है कि बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में जो काम हुए हैं, वे जनता के विश्वास को मजबूत करेंगे।
पार्टी का लक्ष्य है कि वह अपने शासन के कामकाज को जनता के बीच रखे और यह दिखाए कि एनडीए सरकार ने पिछले वर्षों में बिहार को एक नई दिशा दी है।
चुनावी अभियान को मिली रफ्तार
जदयू की पहली सूची जारी होने और नीतीश कुमार के प्रचार अभियान की शुरुआत से बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का राजनीतिक माहौल और भी गतिशील हो गया है। एनडीए अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गया है। वहीं विपक्ष के असमंजस का फायदा जदयू और एनडीए को मिल सकता है। नीतीश कुमार एक बार फिर विकास के एजेंडे के साथ जनता के बीच जा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि जनता इस एजेंडे को कितना स्वीकार करती है और बिहार की सियासत में कौन-सा नया अध्याय लिखती है।





