पटना में रिजल्ट से पहले जदयू ने लगाया पोस्टर, लिखा- टाइगर अभी जिंदा है, दिया राजनीतिक संदेश
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों से पहले पटना की सियासी गलियों में उत्सुकता और हलचल तेज हो गई है। दो चरण की वोटिंग पूरी हो चुकी है और अब सभी की निगाहें 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं। लेकिन नतीजों से पहले ही राज्य में राजनीतिक दलों का पोस्टर वॉर शुरू हो गया है, जिसने चुनावी माहौल को और भी गरम कर दिया है।
जेडीयू कार्यालय के बाहर लगा चर्चा का पोस्टर
पटना की सड़कों पर जनता दल (यू) कार्यालय के बाहर लगा एक बड़ा पोस्टर इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बड़ी तस्वीर है और नीचे लिखा है—“टाइगर अभी जिंदा है।” यह पोस्टर अब सिर्फ एक चुनावी नारा नहीं, बल्कि बिहार की बदलती राजनीति का एक मजबूत संदेश माना जा रहा है। यह पोस्टर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रणजीत सिन्हा द्वारा लगवाया गया है। पोस्टर में आगे लिखा है—“दलित, महादलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा, सवर्ण, अल्पसंख्यक के संरक्षक—टाइगर अभी जिंदा है।” इससे साफ है कि जेडीयू नीतीश कुमार की सामाजिक समीकरणों पर पकड़ और उनकी राजनीतिक मजबूती को सामने लाने की कोशिश कर रही है।
नीतीश कुमार की तबीयत पर उठे सवालों का जवाब
चुनाव की शुरुआत में ही नीतीश कुमार की तबीयत को लेकर कई तरह की चर्चाएं सामने आई थीं। विपक्ष ने भी इस मुद्दे को हवा देने की कोशिश की। ऐसे माहौल में यह पोस्टर एक तरह से संदेश दे रहा है कि नीतीश कुमार की राजनीतिक सक्रियता और नेतृत्व क्षमता पर किसी तरह का असर नहीं पड़ा है।
पोस्टर के जरिए जेडीयू कार्यकर्ताओं ने यह दिखाने का प्रयास किया है कि उनकी नजर में नीतीश कुमार अभी भी मजबूत नेतृत्व का प्रतीक हैं, जिन्हें समर्थन करने में सामाजिक समूह अब भी एकजुट हैं।
एग्जिट पोल ने बढ़ाई एनडीए की उम्मीदें
नतीजों से एक दिन पहले आए एग्जिट पोल्स ने एनडीए खेमे में उत्साह भर दिया है। पोल ऑफ पोल्स में 16 एजेंसियों के अनुमान के अनुसार, बिहार की 243 सीटों में से करीब 154 सीटें एनडीए के खाते में जा सकती हैं। यदि यह अनुमान सच साबित होते हैं, तो यह नीतीश कुमार की सरकार की वापसी का संकेत होगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, महिला मतदाताओं ने इस बार भारी संख्या में मतदान किया है और माना जा रहा है कि उनका समर्थन एनडीए को बड़ा फायदा दे सकता है। नीतीश कुमार की कई योजनाएँ, जैसे मुख्यमंत्री साइकिल योजना, कन्या उत्थान योजना और शराबबंदी का प्रभाव महिलाओं के बीच खासा लोकप्रिय रहा है।
विपक्ष भी आक्रामक मोड में
जेडीयू के पोस्टर के जवाब में विपक्ष ने भी अपनी रणनीति तेज कर दी है। समाजवादी पार्टी की ओर से आरजेडी के दफ्तर के बाहर एक पोस्टर लगाया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीरें दिखाई दे रही हैं। इस पोस्टर में बड़े अक्षरों में लिखा है—“अलविदा चाचा।” यह राजनीतिक संदेश यह संकेत देने की कोशिश कर रहा है कि विपक्ष नीतीश कुमार के राजनीतिक अंत का दावा कर रहा है। सपा और आरजेडी मिलकर इस चुनाव में भाजपा-जेडीयू गठबंधन को घेरने की कोशिश कर रहे हैं और इस तरह के पोस्टर उसी रणनीति का हिस्सा हैं।
पोस्टरों पर जनता की प्रतिक्रिया
पटना की सड़कों पर लोग इन पोस्टरों को ध्यान से देख रहे हैं और उनके राजनीतिक संकेतों पर चर्चा कर रहे हैं। एक तरफ जेडीयू का “टाइगर अभी जिंदा है” पोस्टर संदेश देता है कि नीतीश कुमार अब भी संघर्षरत और मजबूत नेता हैं। दूसरी ओर, विपक्ष के “अलविदा चाचा” पोस्टर से राजनीतिक व्यंग्य और टकराव का भाव झलकता है। कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के पोस्टर चुनाव परिणामों से पहले जनता की मनोवैज्ञानिक स्थिति को प्रभावित करने के लिए लगाए जाते हैं। इससे कार्यकर्ताओं में ऊर्जा आती है और विरोधियों पर दबाव बढ़ता है।
नतीजों से पहले माहौल गरम
14 नवंबर को होने वाली मतगणना से पहले पटना का राजनीतिक माहौल पूरी तरह गरम हो चुका है। सड़कों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और हर दल अपने-अपने कार्यकर्ताओं को सतर्क रहने के निर्देश दे चुका है। पोस्टर वॉर की यह शुरुआत बताती है कि नतीजों से पहले ही राजनीतिक टकराव अपने चरम पर पहुँच चुका है। अब जनता की नजर इस बात पर टिकी है कि मतगणना किस दिशा में जाती है। क्या “टाइगर अभी जिंदा है” वाले पोस्टर की बात सच साबित होगी, या विपक्ष का “अलविदा चाचा” नारा नई राजनीतिक राह तैयार करेगा—यह सब कुछ कुछ ही घंटों में स्पष्ट हो जाएगा। चुनाव समाप्त होने के बाद परिणामों से पहले लगाया गया यह पोस्टर वॉर राजनीतिक दलों की रणनीति का हिस्सा है। जेडीयू और विपक्ष दोनों ही अपनी-अपनी जीत के दावे के साथ हार-जीत की मनोवैज्ञानिक तैयारी कर रहे हैं। पटना की दीवारों पर लगे ये संदेश राज्य की राजनीति की तीखी तस्वीर पेश कर रहे हैं, जिसका फैसला अब जनता के वोटों से तय होगा।


