लालू से मिलने राबड़ी आवास पहुंचे जदयू एमएलसी गुलाम गौस, ईद को लेकर दी बधाई

पटना। बिहार में सियासी गतिविधियां लगातार तेज होती जा रही हैं। इसी बीच ईद-उल-फितर के अवसर पर प्रदेशभर में नमाजियों ने सुबह से ही नमाज अदा की। राजधानी पटना के गांधी मैदान में भी बड़ी संख्या में लोग नमाज के लिए एकत्र हुए, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे। उन्होंने नमाजियों से मुलाकात की और उन्हें ईद की शुभकामनाएं दीं। इसके साथ ही उन्होंने मुसलमानों के लिए खास संदेश भी दिया। गांधी मैदान में नमाज अदा करने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने ईद की बधाई देते हुए कहा कि यह त्योहार प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है। उन्होंने सभी को आपसी सद्भाव बनाए रखने का संदेश दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री वहां से रवाना हो गए, लेकिन इसके बाद राजनीतिक हलचल अचानक तेज हो गई।
जदयू एमएलसी गुलाम गौस की लालू यादव से मुलाकात
ईद के अवसर पर जदयू एमएलसी गुलाम गौस राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मिलने के लिए राबड़ी आवास पहुंचे। उन्होंने लालू यादव को ईद की बधाई दी और उनके स्वास्थ्य का हालचाल जाना। इस मुलाकात के बाद बिहार के राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। गुलाम गौस ने इस मुलाकात को सिर्फ एक औपचारिकता बताया और कहा कि वे हर त्योहार पर सभी से मिलते हैं।
मुलाकात को लेकर गुलाम गौस की सफाई
मीडिया द्वारा मुलाकात पर सवाल पूछे जाने पर गुलाम गौस ने कहा कि इसे राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे हमेशा ईद, होली और दशहरा जैसे त्योहारों पर लोगों से मिलते हैं, और इसी परंपरा के तहत वे लालू यादव से भी मिलने पहुंचे। उन्होंने रमजान के महत्व पर भी बात की और कहा कि रोजा केवल भूखा रहने का नाम नहीं है, बल्कि अपनी इच्छाओं और बुरी आदतों पर नियंत्रण रखना भी इसका एक महत्वपूर्ण पहलू है।
वक्फ बोर्ड के सवाल पर चुप्पी
जब गुलाम गौस से वक्फ बोर्ड को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि आज ईद का दिन है और इस मौके पर इस तरह के मुद्दों पर चर्चा करना उचित नहीं है। उन्होंने बार-बार यह दोहराया कि उनकी लालू यादव से मुलाकात का कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।
बिहार की सियासत में चर्चाओं का दौर
गुलाम गौस और लालू यादव की मुलाकात को लेकर बिहार की राजनीति में अटकलें लगाई जाने लगीं। कुछ लोगों का मानना है कि आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह मुलाकात महत्वपूर्ण हो सकती है। हालांकि, गुलाम गौस ने इसे सिर्फ ईद की बधाई देने तक सीमित बताया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद यह स्पष्ट हो गया कि बिहार में राजनीति और त्योहारों का गहरा संबंध बना रहता है। हर छोटे से छोटे राजनीतिक कदम पर चर्चाओं का दौर शुरू हो जाता है, और इसी वजह से गुलाम गौस की यह मुलाकात भी चर्चा का विषय बन गई।

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