मुख्यमंत्री आवास पर जदयू नेताओं की हुई बैठक, कई विधायकों का कटेगा टिकट, नाम पर अंतिम मुहर लगाएंगे नीतीश
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आवास 1 अणे मार्ग पर जनता दल (यूनाइटेड) की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। यह बैठक लगभग पैंतालीस मिनट तक चली, जिसमें संगठन के कई वरिष्ठ नेता और मंत्री शामिल हुए। इस बैठक में टिकट बंटवारे, उम्मीदवार चयन और चुनावी रणनीति को लेकर गहन चर्चा की गई।
टिकट वितरण पर गहन मंथन
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह स्पष्ट किया कि इस बार टिकट वितरण पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के चयन में किसी भी प्रकार की पक्षपातपूर्ण या व्यक्तिगत अनुशंसा को स्थान नहीं दिया जाएगा। पार्टी इस बार उम्मीदवारों की छवि, उनके कार्य प्रदर्शन और जनता से जुड़ाव जैसे पहलुओं को प्राथमिकता देगी। जिन विधायकों का प्रदर्शन पिछले कार्यकाल में कमजोर रहा है या जो किसी विवाद में घिरे रहे हैं, उनका टिकट इस बार काटा जा सकता है। इससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि नीतीश कुमार इस बार केवल योग्य और जनता के बीच लोकप्रिय चेहरों को ही मौका देंगे।
महिलाओं और युवाओं को मिलेगी प्राथमिकता
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि पार्टी महिलाओं और युवाओं को अधिक अवसर देने की दिशा में काम करेगी। नीतीश कुमार ने कहा कि राजनीति में नई सोच और ऊर्जा का समावेश जरूरी है, इसलिए इस बार युवाओं को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। महिलाओं को भी राजनीति में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि समाज के हर वर्ग की आवाज विधानसभा तक पहुंचे।
सीटवार समीक्षा और संभावित उम्मीदवारों की सूची
जदयू ने अपने परंपरागत निर्वाचन क्षेत्रों के साथ-साथ कुछ नई संभावित सीटों की भी समीक्षा की है। प्रत्येक सीट के लिए तीन संभावित उम्मीदवारों का पैनल तैयार किया गया है। इन पैनलों पर अंतिम निर्णय स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लेंगे। बैठक में बताया गया कि सीटवार समीक्षा के दौरान ग्राउंड सर्वे रिपोर्ट और जनमत को विशेष महत्व दिया जा रहा है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पार्टी का प्रत्याशी जनता के बीच लोकप्रिय और स्वीकार्य चेहरा हो।
एनडीए सहयोगियों के साथ तालमेल पर चर्चा
बैठक में यह भी मुद्दा उठाया गया कि एनडीए गठबंधन के तहत सीट शेयरिंग और आपसी तालमेल को लेकर स्पष्ट रणनीति बनाई जाए। नीतीश कुमार ने संकेत दिया कि गठबंधन की मजबूती ही चुनावी सफलता की कुंजी होगी। इसलिए जदयू, भाजपा और अन्य सहयोगी दलों के बीच समन्वय को प्राथमिकता दी जाएगी।
विजय चौधरी और संजय झा को मिली जिम्मेदारी
बैठक में दो प्रमुख नेताओं—विजय चौधरी और संजय झा—को विशेष जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। विजय चौधरी को उम्मीदवार चयन और रणनीति निर्माण के तकनीकी पहलुओं की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है, वहीं संजय झा संगठनात्मक स्तर पर चुनावी तैयारियों को गति देने का काम संभालेंगे। दोनों नेता मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि पार्टी की चुनावी प्रक्रिया सुव्यवस्थित और प्रभावी तरीके से संचालित हो।
जनता के बीच पहुंच पर जोर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी नेताओं और विधायकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे जनता के बीच जाएं और सरकार की उपलब्धियों को व्यापक रूप से प्रचारित करें। उन्होंने कहा कि विपक्ष के आरोपों का जवाब तथ्यों और कार्यों के आधार पर दिया जाना चाहिए। जनता को यह बताया जाए कि सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, रोजगार और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में क्या ठोस कदम उठाए हैं।
प्रदर्शन और जनता से जुड़ाव पर फोकस
बैठक के अंत में नीतीश कुमार ने दो मुख्य बिंदुओं पर जोर दिया—“परफॉर्मेंस” और “पब्लिक कनेक्शन”। उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव का आधार केवल पार्टी का नाम या गठबंधन नहीं होगा, बल्कि उम्मीदवार का व्यक्तिगत प्रदर्शन और जनता के साथ उसका जुड़ाव निर्णायक भूमिका निभाएगा। पार्टी चाहती है कि हर उम्मीदवार जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता और सेवा भावना के दम पर चुनाव लड़े। इस बैठक से यह स्पष्ट हो गया है कि नीतीश कुमार इस बार चुनाव में किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहते। वे चाहते हैं कि पार्टी मजबूत संगठन, स्पष्ट रणनीति और योग्य उम्मीदवारों के साथ मैदान में उतरे। टिकट बंटवारे की प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने का निर्णय पार्टी की नई दिशा को दर्शाता है। जदयू अब पूरी तरह से चुनावी मोड में है और नीतीश कुमार खुद इस प्रक्रिया की कमान संभाल रहे हैं। यह बैठक न केवल जदयू के भीतर संगठनात्मक मजबूती का प्रतीक है, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की गंभीर तैयारी का भी संकेत देती है।


