राजद कार्यालय मामले में कूदे जदयू अध्यक्ष ललन सिंह, कहा- जगदानंद सिंह थेथरलॉजी में पीएचडी

पटना। राजद के कार्यालय की जमीन मामले में जदयू और राजद खुलकर अब आमने-सामने आ गई है। बीते शनिवार को राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बयान आने के बाद अब जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह राजनीतिक मैदान में कूद गए हैं। रविवार को ललन सिंह ने जगदानंद सिंह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे थेथरलॉजी में पीएचडी हैं। जगदानंद सिंह कुतर्क करने में मास्टर हैं। बता दें जगदानंद सिंह ने यह आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार जानबूझकर राजद को जमीन नहीं दे रहे हैं। इस मामले पर नीतीश कुमार भी आगबबूला हो चुके हैं।
2005 में सबसे पहले नीतीश कुमार ने नीतिगत फैसला लिया था
ललन सिंह ने कहा कि 2005 में सबसे पहले नीतीश कुमार ने नीतिगत फैसला लिया था। मान्यता प्राप्त सभी राजनीतिक दलों को पटना में जगह दी जाएगी। उसके तहत जिस पार्टी ने जो जगह मांगी, उन्हें वो जगह मिली। राजद को वो जगह पसंद थी। पहले जगदानंद सिंह और उनकी पार्टी ने दूसरी जगह क्यों नहीं जमीन ली थी। जो जमीन वो मांग रहे हैं वो हाईकोर्ट पुल की है। ललन सिंह ने कहा कि जब 2015 में महगठबंधन की सरकार थी तब भवन निर्माण मंत्री कौन था। उस वक़्त हाईकोर्ट से बातचीत करके क्यों नहीं जमीन ले ली गई। पटना हाईकोर्ट से कह दें कि जमीन वापस कर दीजिए। जब पटना हाईकोर्ट जमीन वापस कर देगी तो पार्टी कार्यालय का विस्तार कर लेंगे। इसमें राज्य सरकार कहां से आती है। हाईकोर्ट को जो जमीन ट्रांसफर है वो राजद को कहां से दे दी जाएगी।
भाजपा और जदयू नेताओं की टिप्पणी घोर आपत्तिजनक : राजद
इधर, राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने प्रमाणिक तथ्यों के साथ मुख्यमंत्री और भवन निर्माण मंत्री को पत्र लिखकर राजद कार्यालय के विस्तारीकरण के लिए जमीन की मांग की है। इस पर भाजपा और जदयू नेताओं ने जिस प्रकार अमर्यादित टिप्पणियां की हैं, वह घोर आपत्तिजनक और निंदनीय है। जमीन की मांग सरकार से की गई है, भाजपा और जदयू से नहीं। आखिर वे किस हैसियत से टिप्पणी कर अपनी ओछी मानसिकता का परिचय दे रहे हैं। यह प्रशासनिक मामला है राजनीतिक नहीं।

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