राजद में मचे सियासी घमासान के बीच जगदानंद सिंह ने की इस्तीफे की पेशकश, लालू करेंगे अंतिम फैसला

पटना। बिहार के सियासी सियासत में राजद में चल रहा अंदरूनी कलह चरम पर आ गया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। बताया जा रहा हैं की लालू प्रसाद यादव को जगदानंद सिंह नेनअपना इस्तीफा वाला पत्र सौंप दिया है। अब चर्चा चल रही है कि बिहार में राजद का अगला अध्यक्ष कौन होगा। इस श्रृंखला में कई नेताओं के नाम हैं जिनमें उदय नारायण चौधरी और श्याम रजक का नाम सामने आया है। लेकिन, अब्दुल बारी सिद्दीकी का नाम सबसे ऊपर है। दिल्ली में आरजेडी का दो दिवसीय सम्मेलन चल रहा है। आज राष्ट्रीय परिषद की बैठक में लालू प्रसाद यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया जाएगा। उसके बाद लालू यादव बिहार प्रदेश अध्यक्ष को लेकर नया फैसला कर सकते हैं। बता दे की बेटे सुधाकर सिंह के मंत्री पद से त्यागपत्र देने के बाद से जगदानंद सिंह पार्टी और सरकार दोनों से नाराज चल रहे थे। उनके इस्तीफे की खबरें पहले ही सामने आ चुकी थी। पुत्र सुधाकर सिंह के इस्तीफे के बाद जगदानंद सिंह ने इसका इशारा भी दिया था। अपने बयान में उन्होंने कहा था की लंबी लड़ाई लड़ने के लिए त्याग करना पड़ता है। पिछले दिनों लालू यादव से मिलने जगदानंद सिंह दिल्ली निकल गए। लेकिन, वह कई दिनों बाद तक वहां नहीं पहुंचे। रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जब वे शामिल नहीं हुए तो तय माना जा रहा था कि जगदानंद सी पार्टी छोड़ देंगे। सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि उन्होंने लालू यादव के पास अपना इस्तीफा भेज दिया है। आज सोमवार को लालू यादव जगदानंद सिंह के राजनीतिक भविष्य पर फैसला करेंगे।
बिहार में नीतीश कुमार से नहीं टूटेगा गठबंधन : लालू यादव
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा है कि नीतीश कुमार से हर हाल में गठबंधन कायम रहेगा। यह अब टूटने वाला नहीं है। हम समान विचारधारा वाले लोग हैं। वे राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रहे थे। कहा कि अब नीतिगत और महत्वपूर्ण मुद्दों पर सिर्फ तेजस्वी यादव ही बोलेंगे। उन्होंने बिना-सोचे समझे कुछ भी बोलने वाले पार्टी नेताओं को भी सख्त हिदायत दी। कहा कि आजकल बिना सोचे-समझे लोग बोल रहे हैं। किसके मुंह से क्या निकल जाएगा और मामला गड़बड़ हो जाएगा। लालू ने पार्टी कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर रहने और मिलकर लड़ाई लड़ने की नसीहत दी। कहा कि इधर-उधर नहीं झांकना है। पार्टी को बड़ी लड़ाई लड़नी है। साथ रहकर ही इस लड़ाई को जीता जा सकता है।

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