नवंबर में पड़ेगी कड़ाके की ठंड, मौसम विभाग का अलर्ट जारी, टूटेंगे कई सालों के रिकॉर्ड
पटना। बिहार में इस साल नवंबर की शुरुआत से ही सर्दी ने जोर पकड़ लिया है। आमतौर पर नवंबर का महीना हल्की ठंड और सुहाने मौसम के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार हालात कुछ अलग हैं। पछुआ हवाओं के असर से राज्य के कई हिस्सों में तापमान लगातार गिर रहा है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि आने वाले कुछ दिनों में ठंड का असर और बढ़ेगा तथा कई जिलों में तापमान पिछले कई सालों के रिकॉर्ड को तोड़ सकता है।
पछुआ हवाओं से तेजी से गिर रहा तापमान
उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली शुष्क पछुआ हवाओं ने बिहार के मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल दिया है। रविवार को राज्य के छह जिलों में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया। गया में सबसे कम तापमान 13.5°C दर्ज किया गया, जो इस मौसम के औसत से लगभग चार डिग्री कम है। इसी तरह बक्सर में 14.3°C, औरंगाबाद में 13.9°C, शेखपुरा में 14.4°C, मधुबनी में 14.5°C और अरवल में 15°C तापमान दर्ज किया गया। इन इलाकों में सुबह-सुबह की धुंध और रात की ठिठुरन ने लोगों को जनवरी जैसी सर्दी का एहसास कराया।
दिन में धूप, लेकिन असर कमजोर
हालांकि दिन में धूप निकल रही है, लेकिन हवाओं की रफ्तार और उनमें नमी की कमी के कारण धूप का असर बहुत सीमित है। सुबह और शाम के समय सर्द हवाएं चलने से लोगों को ठिठुरन का अनुभव हो रहा है। राजधानी पटना में भी ठंड का असर महसूस किया जा रहा है, जहां रविवार को न्यूनतम तापमान 17.8°C दर्ज किया गया। पिछले साल इसी दिन यह तापमान 22.8°C था, यानी इस साल तापमान में करीब 5 डिग्री की कमी दर्ज की गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, इस तरह का तापमान नवंबर के पहले पखवाड़े में बहुत असामान्य है। सामान्यत: इतनी ठंड दिसंबर के मध्य या जनवरी के आरंभ में देखने को मिलती है।
अगले 4 दिनों में और गिरेगा तापमान
मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि अगले तीन से चार दिनों में राज्य के अधिकांश जिलों में रात का तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक और गिर सकता है। यानी न्यूनतम तापमान 12°C तक पहुंच सकता है। वहीं, दिन का अधिकतम तापमान 28°C से 30°C के बीच रहने का अनुमान है। पछुआ हवाओं की रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, जिससे ठंड का प्रभाव और बढ़ेगा। खासकर उत्तर बिहार के जिलों में यह ठंड अधिक महसूस की जाएगी, जबकि दक्षिण बिहार में भी सुबह और रात के वक्त सर्दी बढ़ने की संभावना है।
कोहरा और धुंध से होगी विजिबिलिटी कम
मौसम विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि अगले सप्ताह से राज्य के कई हिस्सों में सुबह के समय कोहरा और धुंध छा सकती है। गया, पटना, भागलपुर और दरभंगा जिलों में दृश्यता (विजिबिलिटी) कम होने की संभावना है। इससे सुबह-सुबह वाहनों की आवाजाही पर असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों ने बताया कि रात के तापमान में गिरावट और वायुमंडलीय नमी की कमी के कारण सतह पर धुंध जमने लगी है। इसका असर अगले कुछ दिनों में और स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
रिकॉर्ड तोड़ ठंड की संभावना
मौसम विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कई वर्षों की तुलना में इस बार नवंबर में ठंड जल्दी शुरू हो गई है। पिछले पांच वर्षों में नवंबर का औसत न्यूनतम तापमान 18°C से 19°C के बीच रहा है, जबकि इस बार यह औसतन 15°C के करीब है। मौसम विज्ञानी बताते हैं कि “नवंबर के दूसरे सप्ताह में इस तरह की ठंड बहुत असामान्य है। पछुआ हवाएं सामान्य से पहले सक्रिय हो गई हैं, जिससे तापमान में तेजी से गिरावट आई है। आने वाले दिनों में यह ठंड और बढ़ेगी और कुछ जिलों में तापमान 12°C तक जा सकता है, जो कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ देगा।”
लोगों को दी गई सावधानी बरतने की सलाह
मौसम विभाग ने आम लोगों से ठंड से बचाव के लिए सावधानी बरतने की अपील की है। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को सुबह और देर शाम बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है। डॉक्टरों ने भी ठंड के मौसम में श्वसन संबंधी बीमारियों, खांसी-जुकाम और अस्थमा के मरीजों को सतर्क रहने की सलाह दी है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड के दौरान सुबह की सैर या नहाने के समय विशेष सतर्कता जरूरी है, क्योंकि तापमान में अचानक गिरावट से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
किसानों पर भी असर
इस बढ़ती ठंड का असर कृषि गतिविधियों पर भी दिखने लगा है। खेतों में आलू, प्याज और सरसों की बुआई जारी है और मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि हल्की ठंड इन फसलों के लिए फायदेमंद साबित होगी। हालांकि, अगर ठंड का असर अचानक बहुत अधिक बढ़ गया तो कुछ नाजुक फसलों को नुकसान भी हो सकता है। नवंबर के महीने में बिहार में पड़ रही यह ठंड अब तक के कई वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ सकती है। पछुआ हवाओं की तेजी और लगातार गिरते तापमान ने लोगों को दिसंबर-जनवरी जैसी ठिठुरन का एहसास करा दिया है। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक ठंड में और बढ़ोतरी की चेतावनी दी है। जहां एक ओर लोग सर्दी की तैयारी में जुट गए हैं, वहीं प्रशासन ने भी ठंड से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। यह तय है कि इस बार बिहार में सर्दी अपने चरम पर होगी और नवंबर का महीना लंबे समय तक लोगों को याद रहेगा।


