लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सरकारी नलकूपों को चलाने वाले मजदूरों/पम्प चालकों को ग्यारह माह से मजदूरी का भुगतान नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण: महासंघ (गोप गुट)
- प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं विभागीय अफसरों को पत्र लिख महासंघ (गोप गुट) ने अविलम्ब पारिश्रमिक भुगतान की मांग की: प्रेमचंद
पटना। सुशासन एवं न्याय की ढिंढोरा पीटने वाली नीतीश- भाजपा की सरकार ग्यारह माह से बिना पारिश्रमिक भुगतान के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सरकारी नलकूपों को संचालित करा रही है। कर्मचारी नेता एवं महासंघ (गोप गुट) के महासचिव प्रेमचंद कुमार सिन्हा ने कार्यरत मजदूरों का बकाये मजदूरी का भुगतान करने के संबंध में बिहार के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है, साथ ही उसकी प्रतिलिपि प्रधान सचिव, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, बिहार, पटना एवं अभियंता प्रमुख -सह- विशेष सचिव,लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, बिहार, पटना को समर्पित किया है। उपर्युक्त विषय के सम्बन्ध में महासंघ (गोप गुट)की ओर से पत्र में कहा गया है कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अधीन सैकड़ों नलकूप संचालित हैं। उक्त नलकूपों को संचालित करने हेतु स्थाई कर्मचारियों की कमी के कारण कुशल मजदूरों से उक्त कार्य लिया जा रहा है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि स्थाई कर्मचारी – पदाधिकारी जैसे-लिपिक से लेकर कनीय अभियंता, सहायक अभियंता , कार्यपालक अभियंता, मुख्य अभियंता तक को प्रत्येक माह लाखों रुपए वेतन का भुगतान हो रहा है परंतु उनके अधीनस्थ अल्प मजदूरी पर काम करने वाले कुशल मजदूरों का मजदूरी का भुगतान ग्यारह माह से नहीं किया जा रहा है जो आम जनों को जल जैसे आवश्यक सुविधा उपलब्ध करा रहे मजदूरों के प्रति विभाग के घोर उदासीनता एवं लापरवाही को दर्शाता है तथा यह श्रम कानून का भी उल्लंघन है। महासंघ (गोप गुट) ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अधीन सरकारी नलकूपों को संचालित करने वाले कुशल मजदूरों का जुलाई 2024 से बकाये मजदूरी का भुगतान यथाशीघ्र करने का अनुरोध मुख्यमंत्री सहित सभी सक्षम अफसरों से किया है। एक तरफ राज्य सरकार कहती है कि पैसे की कोई कमी नहीं है लेकिन सबसे कम मजदूरी प्राप्त करने वाले मजदूरों को ग्यारह- ग्यारह माह से मजदूरी का भुगतान नहीं करना छोटे कर्मचारियों के प्रति इनके तानाशाही व्यवहार एवं बंधुआ मजदूरी कराने के समान है।


