बिहार विधान परिषद में उठा महंगाई का मुद्दा : कांग्रेस MLC बोले- पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हो रही वृद्धि, सरकार टैक्स कम कर

पटना। बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के चौथे दिन विधान परिषद में गुरुवार को बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों का मामला उठा। पक्ष-विपक्ष में इस दौरान हल्की बहस भी हुई। कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा के सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों से नियंत्रित होती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार के टैक्स में कटौती किए जाने से डीजल और पेट्रोल की कीमतों में मामूली कमी होगी।
श्री मिश्रा ने सवाल पूछा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। कच्चे तेल की कीमत को सरकार कम नहीं कर सकती, लेकिन सरकार इसमें जो टैक्स लेती है, उसमें छूट दे सकती है। उन्होंने कहा कि 50 रुपए से ज्यादा पेट्रोल पर और 39 रुपए से ज्यादा डीजल पर सरकार टैक्स लेती है। इसलिए सरकार दोनों के टैक्स पर छूट दे। उन्होंने कहा कि कालाबाजारी को लेकर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई।
सरकार की ओर से जवाब देते हुए भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि से खाद्य पदार्थ और साग-सब्जी के मूल्य में वृद्धि होना स्पष्ट नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में राज्य का राजस्व संग्रहण प्रभावित होने के बावजूद राज्य की जनता को चिकित्सा और अन्य राहत पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा कई प्रकार के कदम उठाए गए हैं। इसमें राज्य के वित्तीय ढांचे पर अतिरिक्त भार भी पड़ा है। पेट्रोल और डीजल की दरों को कम किए जाने से लोक कल्याण के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाएं प्रभावित होंगी।
एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कहा कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमत को लेकर मुख्यमंत्री ने भी बयान दिया, तो कृपया मुख्यमंत्री स्वयं अपनी बात रखें। उनके कहने के बावजूद मुख्यमंत्री ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

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