बिहटा में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के इंटर्न डॉक्टरों का प्रदर्शन, स्टाइपेंड को लेकर की नारेबाजी
बिहटा। बिहार की राजधानी पटना के बिहटा स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप कर रहे डॉक्टरों को बीते आठ महीनों से स्टाइपेंड नहीं मिला है। इसको लेकर इंटर्न डॉक्टरों ने गुरुवार को अस्पताल के गेट पर विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना है कि उनकी शिकायत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंच चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
इंटर्न डॉक्टरों की मांग
इस आंदोलन में शामिल इंटर्न डॉक्टर मोनिका सिंह ने बताया कि कॉलेज प्रशासन का कहना है कि उनके दस्तावेज दिल्ली भेज दिए गए हैं, लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। डॉक्टरों का आरोप है कि देश के अन्य ईएसआईसी अस्पतालों में इंटर्न डॉक्टरों को समय पर स्टाइपेंड और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं, लेकिन बिहटा में उनकी अनदेखी की जा रही है। इसी कारण अब वे कानूनी रास्ता अपनाने की तैयारी कर रहे हैं।
पहले भी उठ चुका है मुद्दा
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने बताया कि जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री निरीक्षण के लिए मेडिकल कॉलेज आए थे, तब भी उन्होंने इस मुद्दे को उनके सामने रखा था। इसके बावजूद कोई समाधान नहीं निकला। इस वजह से वे अब अदालत जाने पर विचार कर रहे हैं ताकि न्याय मिल सके।
कॉलेज प्रशासन का पक्ष
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विनय कुमार विश्वास का कहना है कि इंटर्न डॉक्टरों की मांगों को मंत्रालय तक पहुंचा दिया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जैसे ही दिल्ली से स्वीकृति मिलेगी, आगे की कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि कॉलेज प्रशासन ईएसआईसी अस्पताल और नेशनल मेडिकल काउंसिल के नियमों का पूरी तरह पालन कर रहा है और जल्द ही इसका समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
विपक्ष का बयान
इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. ज्ञान रंजन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बिहटा ईएसआईसी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज देश का एक बड़ा सरकारी संस्थान है, लेकिन यहां इंटर्नशिप कर रहे डॉक्टरों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में डॉक्टरों को न तो समय पर स्टाइपेंड मिल रहा है और न ही अन्य आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को बिहार से लेकर दिल्ली तक उठाया जाएगा और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी इस संबंध में चर्चा की जाएगी।
बिहार में डॉक्टरों की समस्याएं
बिहार में पहले भी डॉक्टरों से जुड़ी समस्याएं सामने आती रही हैं। युवा डॉक्टरों को राज्य में बेहतर अवसर और सुविधाएं नहीं मिलने के कारण वे अन्य राज्यों में जाने को मजबूर हो जाते हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए सरकार के तहत भी बिहार से प्रतिभाशाली डॉक्टरों का पलायन जारी है।
समाधान की उम्मीद
इंटर्न डॉक्टरों के इस प्रदर्शन के बाद प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय लेगी और डॉक्टरों को उनका बकाया स्टाइपेंड मिलेगा। डॉक्टरों का कहना है कि अगर जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।


