वैशाली में घूसखोर दरोगा को निगरानी विभाग की टीम ने दबोचा, 5 हज़ार की मांगी थी रिश्वत

वैशाली। बिहार के वैशाली जिले से एक बार फिर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। इस बार निगरानी विभाग की टीम ने महुआ थाना में पदस्थापित दारोगा मेघनाथ राम को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। बताया जा रहा है कि यह दारोगा महुआ थाना कांड संख्या 409/25 के सिलसिले में एक व्यक्ति से रिश्वत मांग रहा था।
रिश्वत की मांग और शिकायत
पीड़ित व्यक्ति दामोदर सिंह से दारोगा ने केस डायरी में मदद करने और आरोपियों की गिरफ्तारी के नाम पर पांच हजार रुपये की मांग की थी। दामोदर सिंह ने इस अवैध मांग की जानकारी निगरानी विभाग को दी और मामले की शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत मिलने के बाद पटना स्थित निगरानी विभाग की टीम ने मामले की जांच शुरू की।
जांच में मिला प्रमाण, निगरानी टीम की कार्रवाई
जांच में यह पाया गया कि दारोगा द्वारा की गई रिश्वत की मांग सही है। इसके बाद निगरानी विभाग ने पूरी योजना बनाकर छापेमारी का निर्णय लिया। योजना के तहत दारोगा मेघनाथ राम को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया।
छतवारा चौक पर हुई गिरफ्तारी
घटना के अनुसार, दारोगा ने दामोदर सिंह को महुआ थाना क्षेत्र के छतवारा चौक पर बुलाया था। वह थाने से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहां दारोगा पीड़ित से पांच हजार रुपये ले रहा था। जैसे ही पैसे का लेन-देन हुआ, निगरानी विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर दारोगा को पकड़ लिया। यह पूरी कार्रवाई योजनाबद्ध तरीके से की गई थी।
पकड़ने के बाद पूछताछ और कार्रवाई
गिरफ्तारी के तुरंत बाद निगरानी विभाग की टीम ने आरोपी दारोगा को महुआ थाना लाकर पूछताछ की। वहां से प्रारंभिक पूछताछ के बाद उसे पटना ले जाया गया, जहां आगे की कार्रवाई की जाएगी। निगरानी विभाग के डीएसपी पवन कुमार ने इस पूरे मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपी दारोगा केस में सहायता के नाम पर घूस ले रहा था।
कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू
अब निगरानी विभाग इस मामले में कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। आरोपी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। इसके साथ ही विभागीय स्तर पर भी उसकी सेवा की समीक्षा की जाएगी।
भ्रष्टाचार पर निगरानी की सख्ती
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि राज्य में निगरानी विभाग भ्रष्टाचार को लेकर सख्त रुख अपना रहा है। खासकर सरकारी पदों पर बैठे अधिकारी अगर अपने पद का दुरुपयोग कर रिश्वत लेते हैं तो उन पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। जनता से जुड़ी शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है और दोषियों को कानून के हवाले किया जा रहा है।
लोगों में भरोसा और जागरूकता
इस तरह की कार्रवाई से आम जनता में यह संदेश जा रहा है कि अगर किसी अधिकारी द्वारा रिश्वत की मांग की जाती है तो उसकी शिकायत की जा सकती है और उस पर कार्रवाई भी होगी। यह घटनाक्रम जागरूकता बढ़ाने और सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
