November 17, 2025

तेजस्वी के आवास पर इंडिया के घटक दलों की आज होगी बैठक, सीट शेयरिंग पर बनेगी सहमति, साझा एजेंडा पर जोर

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इसी क्रम में बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के पटना स्थित आवास पर इंडिया गठबंधन की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में राजद के अलावा कांग्रेस, वामदलों और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) जैसे घटक दलों के शीर्ष नेता शामिल होंगे। बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय करना और साझा एजेंडा को अंतिम रूप देना है।
सीट शेयरिंग पर सहमति जरूरी
पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो 2020 में राजद ने सबसे अधिक 75 सीटें जीती थीं। कांग्रेस ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं वाम दलों ने 16 सीटों पर विजय पाई थी, जिसमें भाकपा-माले का प्रदर्शन सबसे मजबूत रहा। वीआईपी को चार सीटें मिली थीं। दूसरी ओर एनडीए गठबंधन में भाजपा ने 74 और जदयू ने 43 सीटें जीती थीं। पिछले चुनाव में इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर असंतोष की स्थिति बनी थी। इसका खामियाजा परिणामों में भी दिखा था। इस बार तेजस्वी यादव यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सीट शेयरिंग को लेकर सभी दलों में कोई मतभेद न रहे। इसलिए इस बैठक को राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है।
सामाजिक न्याय और जनहित पर रहेगा फोकस
बैठक में सिर्फ सीट शेयरिंग ही नहीं, बल्कि साझा एजेंडा को लेकर भी विस्तार से चर्चा होगी। इंडिया गठबंधन इस बार सामाजिक न्याय, युवाओं को रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी जैसे जमीनी मुद्दों को चुनावी एजेंडे में प्रमुखता देने की तैयारी में है। गठबंधन चाहता है कि मतदाताओं को यह संदेश जाए कि वह सत्ता हासिल करने के लिए नहीं, बल्कि बदलाव की सोच और नीति लेकर मैदान में उतरा है।
युवाओं के लिए रोजगार और पारदर्शिता
बिहार में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा रहा है। बड़ी संख्या में युवा रोजगार के अवसरों की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में गठबंधन के साझा एजेंडे में सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता और समय पर नियुक्तियों का वादा शामिल किया जा सकता है। इसके साथ ही स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बनाने पर भी विचार होगा।
शिक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने का वादा
राज्य में सरकारी स्कूलों और कॉलेजों की स्थिति सुधारने की बात भी बैठक में प्रमुखता से उठाई जाएगी। शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करना, शिक्षकों की नियुक्ति में पारदर्शिता और विद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करना गठबंधन के प्रमुख बिंदुओं में रहेगा। इसके अलावा तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास को भी प्राथमिकता दी जाएगी ताकि युवा नए अवसरों के लिए तैयार हो सकें।
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
कोरोना काल में स्वास्थ्य व्यवस्था की कमजोरियों ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए थे। इस बार इंडिया गठबंधन गांव-गांव तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का वादा कर सकता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आधुनिक बनाना, जिला अस्पतालों में डॉक्टरों और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना और स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या बढ़ाना इस एजेंडे का हिस्सा रहेगा।
जातिगत जनगणना और आरक्षण नीति पर भी चर्चा
जातिगत जनगणना का मुद्दा भी बैठक में अहम रहेगा। गठबंधन के कई घटक दलों ने पहले भी जातिगत जनगणना की मांग उठाई है। उनका मानना है कि जातिगत आधार पर संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण और सामाजिक न्याय की अवधारणा को मजबूत किया जा सकता है। आरक्षण नीति को और सशक्त बनाने और वंचित तबकों तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए विशेष योजनाएं लाई जा सकती हैं।
महिला सुरक्षा और भागीदारी पर जोर
महिला सुरक्षा और उनके सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण को भी साझा एजेंडा में विशेष महत्व मिलेगा। महिलाओं को सुरक्षित वातावरण देने और उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए योजनाएं तैयार करने पर चर्चा होगी। महिला सशक्तिकरण से जुड़े मुद्दों को भी चुनावी मंच से प्रमुखता से उठाया जाएगा।
एकजुटता और स्पष्टता से मैदान में उतरने की तैयारी
पिछले चुनाव में घटक दलों के बीच असंतोष ने विपक्ष को नुकसान पहुंचाया था। इस बार तेजस्वी यादव और अन्य नेता यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि सभी दल एकजुट होकर और आपसी तालमेल के साथ मैदान में उतरें। बैठक में सीटों के समान और तर्कसंगत बंटवारे को लेकर सहमति बनने की पूरी उम्मीद है।
चुनावी माहौल को लेकर बढ़ी सरगर्मी
बिहार विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। ऐसे में यह बैठक इंडिया गठबंधन के लिए एक मजबूत नींव का काम कर सकती है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर विपक्ष एकजुट होकर साझा रणनीति के साथ आगे बढ़ता है तो यह सत्ताधारी एनडीए के लिए चुनौती खड़ी कर सकता है।
जनता के मुद्दों को केंद्र में रखने की रणनीति
इंडिया गठबंधन का मकसद साफ है कि जनता के मुद्दों को चुनाव का मुख्य आधार बनाया जाए। रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय, महिला सुरक्षा और महंगाई जैसे मुद्दों पर वोटरों से जुड़ाव बढ़ाया जाए। अगर इन मुद्दों पर भरोसेमंद रणनीति के साथ गठबंधन आगे बढ़ता है तो बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। अब देखना यह होगा कि आज तेजस्वी यादव के आवास पर होने वाली बैठक से क्या ठोस निष्कर्ष निकलते हैं और क्या यह बैठक विपक्ष के लिए चुनावी मैदान में मजबूत आधार बन पाती है या नहीं। जनता की नजरें अब इस बैठक और इसके परिणामों पर टिकी हुई हैं।

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