दरभंगा में जन सुराज प्रत्याशी के साथ अभद्र व्यवहार, शिकायत दर्ज, भाजपा समर्थकों पर लगाया
दरभंगा। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में जहां पूरे राज्य में शांतिपूर्ण मतदान जारी है, वहीं दरभंगा जिले से एक अप्रिय घटना सामने आई है जिसने चुनावी माहौल को अचानक गर्मा दिया। जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी आर.के. मिश्रा ने आरोप लगाया है कि मतदान के दौरान उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया और विरोध करने पर उन्हें धमकाया गया। इस घटना को लेकर उन्होंने भाजपा समर्थकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
हसन चौक पर हुई अभद्रता की घटना
घटना दरभंगा नगर क्षेत्र के हसन चौक की बताई जा रही है। गुरुवार सुबह जन सुराज प्रत्याशी आर.के. मिश्रा अपने समर्थकों के साथ क्षेत्र का भ्रमण कर रहे थे, तभी कुछ लोगों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। मिश्रा का कहना है कि ये लोग भाजपा समर्थक थे और उन्होंने जानबूझकर चुनावी माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि उनके साथ गाली-गलौज की गई और उन्हें धक्का देकर वहां से जाने की धमकी दी गई। इस घटना के बाद आर.के. मिश्रा ने तुरंत नगर थाना जाकर इसकी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उनका कहना है कि पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
पुलिस की निष्क्रियता पर उम्मीदवार का आक्रोश
आर.के. मिश्रा ने बताया कि शिकायत देने के बावजूद पुलिस ने न तो आरोपियों की पहचान की और न ही उन्हें गिरफ्तार किया। इससे नाराज होकर उन्होंने नगर थाना परिसर में ही धरना शुरू कर दिया। उनके साथ जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। मिश्रा ने कहा, “मैंने लोकतांत्रिक तरीके से शिकायत दर्ज कराई, लेकिन प्रशासन निष्क्रिय बना हुआ है। अगर उम्मीदवार के साथ ऐसा व्यवहार होगा तो आम मतदाता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी?” उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस पर राजनीतिक दबाव है, इसलिए वह निष्पक्ष कार्रवाई करने से बच रही है। मिश्रा ने मांग की है कि घटना की तत्काल जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
भाजपा समर्थकों पर लगाया आरोप
जन सुराज प्रत्याशी ने स्पष्ट रूप से कहा कि दुर्व्यवहार करने वाले भाजपा समर्थक थे, जो उनके प्रचार अभियान में बाधा डालने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ स्थानीय कार्यकर्ता जानबूझकर तनाव पैदा करना चाहते हैं ताकि मतदान प्रभावित हो सके। मिश्रा ने कहा, “जन सुराज पार्टी लोगों के बीच काम और विकास की राजनीति कर रही है, जबकि विरोधी दल जनता को गुमराह करने में लगे हैं। जब उन्हें जनता का समर्थन नहीं मिल रहा, तो वे डराने-धमकाने की राजनीति कर रहे हैं।”
पुलिस ने कहा— जांच जारी है
इस मामले में नगर थाने के एक अधिकारी ने बताया कि शिकायत दर्ज कर ली गई है और घटना की जांच की जा रही है। पुलिस ने कहा कि चुनाव के समय किसी भी प्रकार की हिंसा या अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारी ने यह भी बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि घटना की पूरी सच्चाई सामने लाई जा सके। हालांकि, देर शाम तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी। इस बीच, जन सुराज पार्टी के समर्थक थाने के बाहर जुटे रहे और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।
चुनाव आयोग की निगरानी में मामला पहुँचा
घटना की सूचना स्थानीय चुनाव अधिकारियों तक भी पहुंचाई गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि किसी भी उम्मीदवार या दल के साथ दुर्व्यवहार गंभीर मामला है और अगर इसमें किसी पार्टी या समूह की संलिप्तता पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पुलिस को तुरंत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। चुनाव आयोग ने राज्य भर में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों में विशेष निगरानी टीमें तैनात की हैं। दरभंगा की इस घटना को लेकर आयोग भी सतर्क हो गया है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
हसन चौक के कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना अचानक हुई और कुछ देर के लिए वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। हालांकि बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। एक दुकानदार ने कहा, “चुनाव के दौरान यहां काफी चहल-पहल रहती है, लेकिन आज जो हुआ वह ठीक नहीं था। सभी उम्मीदवारों को बराबर मौका मिलना चाहिए।”
जन सुराज की प्रतिक्रिया
जन सुराज पार्टी के प्रवक्ताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन निष्पक्ष कार्रवाई नहीं करता, तो वे चुनाव आयोग से औपचारिक शिकायत करेंगे। पार्टी ने कहा कि उनके प्रत्याशी को डराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इससे वे पीछे नहीं हटेंगे। दरभंगा में जन सुराज प्रत्याशी आर.के. मिश्रा के साथ हुई अभद्रता ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राज्य में मतदान पूरी तरह निष्पक्ष और निर्भय वातावरण में हो रहा है। एक ओर प्रशासन निष्पक्षता का दावा कर रहा है, वहीं दूसरी ओर उम्मीदवार खुलेआम पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। मसले ने स्थानीय राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। अब सबकी निगाहें प्रशासन और चुनाव आयोग पर हैं कि वे इस मामले में कितनी तत्परता दिखाते हैं। दरभंगा की यह घटना लोकतंत्र के उस मूल सिद्धांत की याद दिलाती है— कि चुनाव सिर्फ वोट डालने का अधिकार नहीं, बल्कि समानता और सुरक्षा की गारंटी भी है, जिसे किसी भी सूरत में कमजोर नहीं पड़ने दिया जा सकता।


