December 8, 2025

बिहार के राजस्व कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने की तैयारी में बिहार सरकार, पदनाम में भी बदलाव, घोषणा जल्द

पटना। बिहार के राजस्व विभाग से जुड़े कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। लंबे समय से वेतन वृद्धि और पदनाम बदलाव जैसी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे कर्मचारियों को आखिरकार राज्य सरकार से सकारात्मक जवाब मिला है। नीतीश सरकार ने राजस्व कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को स्वीकार कर लिया है और जल्द ही इसका औपचारिक ऐलान किया जाएगा। इससे न केवल कर्मचारियों में उत्साह है, बल्कि कई महीनों से रुके हुए प्रशासनिक कार्यों को भी गति मिलने की उम्मीद है।
वार्ता के बाद बनी सहमति
राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और संयुक्त संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधियों के बीच हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई और सरकार ने कर्मचारियों की अधिकतर मांगों को मान लिया। इस बातचीत के बाद संघ के महासचिव नारायण शर्मा ने जानकारी दी कि अब राजस्व कर्मचारियों का पदनाम ‘राजस्व कर्मचारी’ से बदलकर ‘सहायक राजस्व अधिकारी’ कर दिया जाएगा। इससे उनकी प्रतिष्ठा और जिम्मेदारियों में भी बढ़ोतरी होगी।
गृह जिले में पोस्टिंग की व्यवस्था
राजस्व कर्मियों की एक और बड़ी मांग थी कि उन्हें उनके गृह जिले या उसके आसपास के जिले में ही तैनाती दी जाए ताकि वे अपने परिवार के साथ रह सकें और बेहतर तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें। सरकार ने इस मांग को भी स्वीकार कर लिया है। यह व्यवस्था लागू होने से कर्मचारियों को मानसिक और पारिवारिक सुकून मिलेगा, जिससे उनके काम की गुणवत्ता में भी सुधार होने की संभावना है।
वेतन और ग्रेड पे में सुधार
एक लंबे समय से राजस्व कर्मचारी अपने वेतनमान को लेकर असंतुष्ट थे। वे समान कार्य के लिए अन्य विभागों के कर्मचारियों की तुलना में कम वेतन पा रहे थे। अब सरकार ने इस विषय पर सकारात्मक निर्णय लिया है। ग्रेड पे और मूल वेतन दोनों में वृद्धि की जाएगी। यह संशोधित वेतनमान जल्द ही तय किया जाएगा और इसके अनुसार पंचायत स्तर पर लेवल-2 के क्लर्क सहायक के रूप में उन्हें मान्यता दी जाएगी।
हड़ताल खत्म, काम पर लौटे कर्मचारी
सरकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त करने का ऐलान कर दिया है। पिछले महीने से चल रही इस हड़ताल के कारण पूरे राज्य में जमीन संबंधित कार्य बुरी तरह प्रभावित हो गए थे। जमीन की रजिस्ट्री, दाखिल-खारिज, और सीमांकन जैसे काम ठप पड़े थे। अब लगभग 4 हजार राजस्व कर्मी फिर से अपनी ड्यूटी पर लौट आए हैं, जिससे इन कार्यों में फिर से गति आनी शुरू हो गई है।
सरकार की चेतावनी और समाधान की पहल
हड़ताल के दौरान राज्य सरकार की ओर से कई बार चेतावनी दी गई थी कि अगर कर्मचारी काम पर नहीं लौटे तो कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, सरकार ने सख्ती के बजाय संवाद का रास्ता चुना और यह वार्ता सफल रही। इससे यह संकेत भी मिला है कि सरकार कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है और समाधान के लिए तत्पर है। राजस्व कर्मचारियों की मांगों को स्वीकार कर सरकार ने न सिर्फ एक बड़ी प्रशासनिक अड़चन को सुलझाया है, बल्कि कर्मचारियों का भरोसा भी जीता है। पदनाम में बदलाव, वेतन वृद्धि और स्थानीय पोस्टिंग की व्यवस्था से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और वे अधिक तत्परता से अपने कार्यों को अंजाम देंगे। यह कदम राज्य के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

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