December 5, 2025

बिहार के 25 लाख से अधिक स्कूली बच्चों के आधार नहीं होने से अपार आईडी मे परेशानी, चलेगा विशेष अभियान

पटना। बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 25 लाख बच्चों के पास आधार कार्ड नहीं है, जिससे शिक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्यों में बाधा आ रही है। इन बच्चों के लिए ऑटोमेटेड परमानेंट अकादमिक रजिस्ट्री (अपार) कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन आधार कार्ड की अनुपलब्धता इस प्रक्रिया को जटिल बना रही है। अपार कार्ड, जिसे शिक्षा के क्षेत्र में वन नेशन, वन आईडी के तहत अनिवार्य किया गया है, छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में संरक्षित करेगा।
आधार कार्ड की आवश्यकता और अपार आईडी का महत्व
अपार आईडी कार्ड एक डिजिटल शैक्षणिक पहचान पत्र है, जिसमें छात्रों के शिक्षा से जुड़े सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। यह 12 अंकों की स्थायी पहचान संख्या होगी, जो एक छात्र की पढ़ाई के आरंभ से लेकर उसके शिक्षा जीवन के समाप्त होने तक उपयोगी रहेगी। इसे आधार कार्ड के माध्यम से जोड़ा जाएगा, जिससे छात्र के व्यक्तिगत और शैक्षणिक विवरण डिजिटल रूप से संरक्षित होंगे। हालांकि, जिन छात्रों के पास आधार कार्ड नहीं है, उनके लिए यह प्रक्रिया चुनौतीपूर्ण बन गई है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने स्पष्ट किया है कि जिन बच्चों का आधार कार्ड बना हुआ है, उनके रिकॉर्ड को ई-शिक्षा कोष पोर्टल और यू-डायस पोर्टल पर अपलोड किया जाना चाहिए। लेकिन, बिना आधार कार्ड के, छात्रों के अपार आईडी कार्ड बनाना संभव नहीं होगा।
समस्याओं के मूल कारण
आधार कार्ड की कमी का मुख्य कारण बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र का न होना और अभिभावकों की उदासीनता है। कई बच्चों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है, जो आधार कार्ड बनाने के लिए आवश्यक है। ग्रामीण इलाकों में इस समस्या का प्रभाव ज्यादा देखा गया है, जहां जन्म पंजीकरण की प्रक्रिया अब भी पिछड़ी हुई है। सरकार द्वारा आधार कार्ड बनाने के लिए हर प्रखंड में दो स्कूलों में व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद, कई अभिभावक बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के प्रति उदासीनता दिखा रहे हैं।
सरकार का विशेष अभियान
बिहार सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए 16 नवंबर को एक आदेश जारी किया, जिसके तहत 17 नवंबर से 25 नवंबर तक अपार आईडी कार्ड बनाने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत: जिला, प्रखंड, संकुल, और विद्यालय स्तर पर बच्चों के अपार कार्ड बनाने का कार्य किया जाएगा। जिन बच्चों का आधार कार्ड नहीं बना है, उनके लिए प्राथमिकता के आधार पर आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। विद्यालय स्तर पर अभिभावकों को प्रेरित किया जाएगा कि वे बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाएं और आधार कार्ड निर्माण में सहयोग करें।
आधार की कमी से शिक्षा पर प्रभाव
आधार कार्ड की कमी न केवल अपार आईडी के निर्माण में बाधा है, बल्कि इसका प्रभाव शिक्षा के अन्य क्षेत्रों पर भी पड़ रहा है। छात्रवृत्ति, सरकारी योजनाओं, और शिक्षा से जुड़े अन्य लाभों का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है। इस कमी के कारण कई छात्रों को शिक्षा संबंधी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।
समस्या का समाधान और भविष्य की दिशा
सरकार को आधार कार्ड निर्माण की प्रक्रिया को और तेज और सरल बनाना होगा। इसके लिए स्कूलों और पंचायत स्तर पर बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए विशेष शिविर लगाए जा सकते हैं। बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए माता-पिता को प्रेरित करना होगा। स्कूल शिक्षकों और प्रशासन को मिलकर ऐसे बच्चों की सूची बनानी होगी, जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, और उनके अभिभावकों को सीधे संपर्क कर प्रक्रिया पूरी करने में मदद करनी होगी। आधार कार्ड और अपार आईडी का निर्माण न केवल छात्रों की शिक्षा को डिजिटल रूप से संरक्षित करने का प्रयास है, बल्कि यह उनकी पहचान और भविष्य के विकास के लिए भी जरूरी है। सरकार द्वारा शुरू किए गए विशेष अभियान से आधार कार्ड और अपार आईडी बनाने की प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है। यदि इस अभियान को सफलता मिलती है, तो यह न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि बिहार के डिजिटल भविष्य की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

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