बोरिंग रोड में सड़क पर तेज आंधी से गिड़ा विशाल पेड़, यातायात बाधित, कई मोहल्लों की बिजली कटी
पटना। बिहार में मानसून की सक्रियता एक बार फिर देखने को मिल रही है। बुधवार की सुबह राजधानी पटना के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। इसी दौरान तेज हवा और आंधी के कारण पटना के व्यस्ततम क्षेत्रों में से एक बोरिंग कैनाल रोड पर एक विशाल पेड़ सड़क पर गिर पड़ा। यह हादसा न केवल यातायात के लिए बड़ी बाधा बना, बल्कि आसपास के कई मोहल्लों की बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई।
तेज आंधी ने मचाई तबाही
सुबह के समय जब अधिकतर लोग अपने काम पर निकलने की तैयारी कर रहे थे, तभी अचानक तेज हवाएं चलने लगीं। मौसम विभाग पहले ही बारिश और आंधी का अलर्ट जारी कर चुका था। आंधी के साथ आई तेज हवाओं ने बोरिंग रोड पर एक पुराने और विशाल पेड़ को जड़ से उखाड़ दिया, जिससे वह सीधे सड़क पर गिर पड़ा। यह पेड़ इतना बड़ा था कि उसने पूरी सड़क को जाम कर दिया और वहां से किसी भी वाहन का गुजरना लगभग असंभव हो गया।
यातायात पूरी तरह बाधित
बोरिंग रोड पटना के प्रमुख व्यस्त मार्गों में से एक है, जहां दिनभर वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। पेड़ गिरने के कारण इस मार्ग पर तीन घंटे तक यातायात पूरी तरह से ठप रहा। सड़क पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। ऑटो, बस, बाइक और निजी वाहनों को वैकल्पिक रास्तों की तलाश करनी पड़ी। कार्यालय जाने वाले कर्मचारी, छात्र और आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग विशेष रूप से परेशान दिखे।
नगर निगम की तत्परता
घटना की सूचना मिलते ही पटना नगर निगम की टीम मौके पर पहुंच गई। निगम कर्मियों ने पेड़ को हटाने का काम शुरू किया। सबसे पहले पेड़ की मोटी शाखाओं को काटा गया ताकि रास्ते में अवरोध कम हो। इसके बाद ट्रंक को जेसीबी की सहायता से उठाकर हटाने की कोशिश की गई। पूरी प्रक्रिया में लगभग तीन घंटे का समय लग गया, तब जाकर सड़क से अवरोध हटाया जा सका और यातायात को आंशिक रूप से बहाल किया गया।
बिजली आपूर्ति पर असर
पेड़ गिरने का असर सिर्फ सड़क पर ही नहीं रहा बल्कि आसपास के इलाकों की बिजली व्यवस्था भी इससे प्रभावित हुई। पेड़ के गिरने से कुछ बिजली के तार टूट गए जिससे कई मोहल्लों की आपूर्ति बाधित हो गई। बिजली विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और क्षतिग्रस्त तारों की मरम्मत का काम शुरू किया। हालांकि, बिजली आपूर्ति सामान्य होने में कई घंटे लग गए।
स्थानीय लोगों की भूमिका
घटना के बाद आसपास के स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन का सहयोग किया। कई लोग स्वयं जेसीबी और निगम कर्मियों की मदद करते नजर आए। कुछ लोगों ने यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए वाहनों को मार्ग बदलने की सलाह दी और कई राहगीरों को वैकल्पिक रास्ता भी बताया। बोरिंग रोड की यह घटना न केवल प्राकृतिक आपदा की चेतावनी है बल्कि यह शहरी व्यवस्था की परीक्षा भी बन गई। यह घटना दिखाती है कि शहर में पुराने और कमजोर पेड़ों की समय-समय पर जांच और देखरेख कितनी आवश्यक है। नगर निगम की तत्परता ने जरूर स्थिति को नियंत्रण में लाया, लेकिन अगर यह पेड़ किसी चलती गाड़ी या राहगीर पर गिरता तो एक बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। आने वाले समय में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन को और अधिक सतर्कता और पूर्व योजना के साथ काम करना होगा।


