पटना में मोबाइल दुकान में लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद पाया काबू

पटना। जिले के फतुहा क्षेत्र में मंगलवार देर रात एक दर्दनाक हादसा सामने आया जब स्टेशन रोड स्थित एक मोबाइल दुकान में अचानक भीषण आग लग गई। आग की भयावहता इतनी अधिक थी कि इसकी लपटों ने आसपास की दुकानों को भी अपनी चपेट में लेने की कोशिश की। हालांकि, समय रहते फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पा लिया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। इस घटना में लाखों का नुकसान हुआ और एक परिवार की पूरी आजीविका पर संकट खड़ा हो गया।
घटना की जानकारी और आगजनी की स्थिति
घटना फतुहा थाना क्षेत्र के स्टेशन रोड पर घटी, जो थाने से महज एक किलोमीटर की दूरी पर है। देर रात जब अधिकांश दुकानें बंद थीं और लोग घरों में सो रहे थे, तभी अचानक मोबाइल की दुकान से धुआं उठता दिखाई दिया। धीरे-धीरे आग ने विकराल रूप ले लिया और आसपास की दुकानों को भी चपेट में लेने लगी। आग लगते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
फायर ब्रिगेड ने किया त्वरित नियंत्रण
स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी। सूचना मिलते ही फतुहा थाना की पुलिस और फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। दमकलकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। यदि फायर ब्रिगेड कुछ देर और करती, तो आसपास की तीन-चार अन्य दुकानें भी आग की भेंट चढ़ सकती थीं। राहत की बात यह रही कि समय रहते आग को नियंत्रित कर लिया गया और एक बड़ा नुकसान होने से बच गया।
दुकानदार की पहचान और पारिवारिक स्थिति
इस दुकान के मालिक रौशन कुमार हैं, जो मूल रूप से जहानाबाद जिले के रहने वाले हैं। वर्तमान में वे फतुहा के मिर्जापुर नोहटा मोहल्ला में अपनी मां और छोटे भाई के साथ रहते हैं। रौशन और उनके छोटे भाई की पूरी आजीविका इसी दुकान से चलती थी। इस दुकान में मोबाइल फोन, टीवी कवर, मोबाइल टेंपर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक एक्सेसरीज रखी जाती थीं।
लगभग दो लाख की संपत्ति का नुकसान
आग इतनी तेजी से फैली कि दुकान में रखा अधिकांश सामान जलकर राख हो गया। अनुमान है कि इस अग्निकांड में करीब दो लाख रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है। यह दुकान रौशन और उनके परिवार के लिए आमदनी का एकमात्र जरिया थी, जिससे पूरे परिवार का भरण-पोषण होता था। दुकान के जलने के बाद परिवार पूरी तरह से सदमे में है और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि अब जीवन कैसे आगे बढ़ेगा।
परिवार में मातम, मां की हालत नाजुक
इस हादसे के बाद रौशन कुमार की मां गहरे सदमे में हैं। जानकारी के अनुसार, आग की खबर सुनते ही उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें चिकित्सकीय देखरेख की आवश्यकता पड़ी। रौशन का परिवार पहले से सीमित संसाधनों में जी रहा था और अब यह घटना उनके लिए किसी आपदा से कम नहीं है।
प्रशासन से सहायता की उम्मीद
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को राहत राशि देने और उनकी मदद करने की अपील की है। चूंकि यह घटना दुकान मालिक की गलती के बजाय एक अचानक हुई दुर्घटना है, इसलिए प्रशासन को चाहिए कि वह आपदा राहत कोष से उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करे ताकि वे दोबारा अपनी आजीविका खड़ी कर सकें। फतुहा की इस आगजनी की घटना ने एक बार फिर यह बता दिया कि छोटे व्यापारियों की जिंदगी कितनी नाजुक डोर पर टिकी होती है। एक छोटी सी चूक या अचानक हुई घटना उनके पूरे जीवन को हिला सकती है। यह घटना सिर्फ एक दुकान के जलने की नहीं, बल्कि एक परिवार की उम्मीदों और सपनों के राख हो जाने की है। जरूरत है प्रशासनिक सहयोग और सामाजिक संवेदना की, ताकि रौशन कुमार और उनका परिवार फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो सके।
