तमिलनाडु में पटाखा फैक्ट्री में धमाकेदार विस्फोट, अब तक चार की मौत, राहत एवं बचाव कार्य जारी

शिवकाशी। तमिलनाडु के शिवकाशी में मंगलवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ जब चिन्नाकामनपट्टी गांव स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में जोरदार विस्फोट हो गया। इस भीषण धमाके में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि पांच से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया और राहत व बचाव कार्य में पुलिस, फायर ब्रिगेड और प्रशासनिक अधिकारी जुट गए हैं।
धमाके के समय फैक्ट्री में हो रहा था रासायनिक कार्य
शुरुआती जानकारी के अनुसार, धमाका उस समय हुआ जब कर्मचारी पटाखा निर्माण के दौरान खतरनाक रसायनों को मिलाने का कार्य कर रहे थे। अचानक तेज आवाज के साथ विस्फोट हुआ, जिसकी गूंज एक किलोमीटर से अधिक दूरी तक सुनाई दी। इसके बाद फैक्ट्री से भारी मात्रा में धुआं उठने लगा और अंदर से लगातार पटाखों के फटने की आवाजें आती रहीं।
घायलों का इलाज जारी, मौके पर जुटीं आपातकालीन सेवाएं
इस हादसे में पांच लोग गंभीर रूप से झुलस गए, जिन्हें तत्काल बचाकर बाहर निकाला गया और इलाज के लिए विरुधुनगर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं अन्य घायलों को शिवकाशी के अस्पताल में भी भर्ती किया गया है। राहत कार्य के लिए कई एम्बुलेंस, अग्निशमन वाहन और आपातकालीन टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं। बचावकर्मी मलबे को हटाने में लगे हुए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई और कर्मचारी अंदर फंसा न हो।
घटनास्थल पर उठता रहा धुआं, लोगों में दहशत
विस्फोट इतना भीषण था कि आसपास के गांवों में भी लोगों ने तेज धमाके की आवाज सुनी और धुएं का घना गुबार देखा। स्थानीय लोगों के अनुसार, धमाके के बाद कई मिनटों तक फैक्ट्री से लगातार धुआं उठता रहा। घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई और बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल की ओर भागे।
प्रशासन ने शुरू की जांच, सुरक्षा मानकों पर सवाल
विरुधुनगर जिले के पुलिस अधीक्षक कन्नन ने बताया कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है। प्रशासन यह पता लगाने में जुटा है कि फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था या नहीं। अक्सर देखा गया है कि पटाखा फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरती जाती है, जिससे ऐसे हादसे होते हैं।
पटाखा उद्योग का केंद्र, लेकिन हादसों का इतिहास भी
शिवकाशी देश में पटाखा उद्योग का प्रमुख केंद्र है, जहां सैकड़ों छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां कार्यरत हैं। यहां हर साल दीवाली सहित अन्य त्योहारों के लिए पटाखों का उत्पादन किया जाता है। लेकिन इस उद्योग से जुड़े श्रमिकों की जान हमेशा खतरे में रहती है। समय-समय पर यहां इस तरह के विस्फोट और आग लगने की घटनाएं सामने आती रही हैं, जिनमें कई लोगों की जान जा चुकी है।
तेलंगाना में भी हुआ था विस्फोट, 34 की मौत
इस हादसे के एक दिन पहले ही तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के एक फार्मा प्लांट में बड़ा विस्फोट हुआ था, जिसमें 34 लोगों की जान चली गई थी। लगातार हो रही इन घटनाओं ने औद्योगिक सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि पटाखा फैक्ट्रियों में श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और दोषी फैक्ट्री संचालकों पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, ऐसे उद्योगों में नियमित निरीक्षण और सख्त लाइसेंस प्रणाली लागू की जाए। यह हादसा एक बार फिर साबित करता है कि जब तक सुरक्षा मानकों को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा, तब तक ऐसे दर्दनाक हादसे होते रहेंगे और निर्दोष लोगों की जान जाती रहेगी। प्रशासन और समाज दोनों को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।
