CM नीतीश ने की जेपी सेनानियों की सम्मान राशि में डेढ़ गुना बढ़ोतरी की घोषणा

  • लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जीवन पर आधारित पुस्तक द ड्रीम आफ रेवोल्यूशन का किया लोकार्पण

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जीवन पर आधारित पुस्तक द ड्रीम आॅफ रेवोल्यूशन का लोकार्पण किया। गांधी संग्रहालय स्थित सत्याग्रह शताब्दी स्मृति मंडप में आयोजित लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री ने लोकनायक जेपी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। गांधीवादी विचारक रजी अहमद ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। ज्ञात हो कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सहयोगी रहे प्रो. विमल प्रसाद ने ‘द ड्रीम आॅफ रेवोल्यूशन बायोग्राफी आॅफ जयप्रकाश नारायण’ पुस्तक के लेखन की शुरूआत की थी लेकिन उनके निधन के बाद पुस्तक अधूरी रह गयी थी। उनकी सुपुत्री सुजाता प्रसाद ने इस पुस्तक के लेखन का कार्य पूर्ण किया ।


लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि पुस्तक की लेखिका सुजाता प्रसाद ने जेपी के जीवन पर आधारित पुस्तक के लेखन का कार्य पूर्ण किया है, जिसकी शुरूआत इनके पिताजी प्रोफेसर विमल प्रसाद ने की थी। लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जीवन भर के कामों पर आधारित पुस्तक का लेखन कर श्रीमती सुजाता ने बहुत अच्छा काम किया है। प्रो. विमल प्रसाद 1991 से 1995 के बीच नेपाल में भारत के राजदूत थे। आज की राजनीति में हमलोगों का जो योगदान है, वह जेपी मूवमेंट की उपज है। जब छात्र आंदोलन यहां शुरू हुआ, उस समय हमलोगों ने जेपी से आंदोलन का नेतृत्व करने का आग्रह किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 के नवम्बर माह में बिहार के लोगों ने हमें काम करने का मौका दिया। प्रारंभ से ही हमलोगों ने बापू, लोहिया और जेपी के विचारों को ध्यान में रखकर ही विकास और सामाजिक उत्थान का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए नई पीढ़ी के लोगों को बापू, लोहिया और जेपी के विचारों से अवगत कराना बेहद जरूरी है, इसके लिए हरसंभव कोशिश होनी चाहिए।
जेपी के नाम को कभी हमलोग भूल नहीं सकते
लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मृति भवन सह पुस्तकालय में लोकनायक के जीवन और सम्पूर्ण क्रांति से संबंधित 500 मूल छायाप्रति 800 पुस्तकों का संग्रह और विभिन्न संस्थाओं द्वारा बनाई गयी फिल्म की 28 सीडी का संग्रह उपलब्ध है। हमलोग इस पुस्तक को भी वहां रखवायेंगे। जेपी के नाम को कभी हमलोग भूल नहीं सकते हैं। जेपी सेतु का निर्माण कराया गया है और अब जेपी गंगा पथ भी बन रहा है ताकि आवागमन में लोगों को असुविधा न हो।
जेपी सेनानी सम्मान राशि में वृद्धि होगी
हमलोगों ने वर्ष 2009 में जेपी सेनानी सम्मान योजना की शुरूआत की। इसके अंतर्गत जेपी मूवमेंट के दौरान एक माह से छह माह तक जेल में रहने वाले को पांच हजार रुपए प्रतिमाह और छह माह से अधिक समय तक जेल में रहने वाले लोगों को दस हजार रुपए सम्मान राशि दिए जाते हैं। अब हमलोगों ने इसमें डेढ़ गुना वृद्धि करने का निर्णय लिया है। इस बढ़ोत्तरी के बाद अब एक से छह माह तक जेल में रहने वाले जेपी सेनानियों को साढ़े सात हजार रुपए प्रतिमाह, जबकि छह माह से अधिक समय तक जेल में रहने वाले लोगों को प्रतिमाह पन्द्रह हजार रुपए सम्मान राशि दी जायेगी। जेपी सेनानी सम्मान योजना की यह राशि पति के निधन के पश्चात उनकी पत्नी को भी मिलेगी।
जब तक जीवन है जेपी प्रति प्रतिबद्धता रहेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला चरखा समिति, कदमकुआं का विस्तार करने के लिए 3 करोड़ रुपए का कॉर्पस फंड दिया गया था, जिसे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। महिला चरखा समिति, जेपी का निवास स्थल रहा है, जहां वे मीटिंग किया करते थे। उन्होंने मुझे अपने शयन कक्ष तक आने की अनुमति दी थी। जब तक जीवन है उनके प्रति हमारी प्रतिबद्धता रहेगी। गांधी संग्रहालय के विकास के लिए 2 करोड़ रुपए का कॉर्पस फंड दिया गया था। इसके अतिरिक्त भी 3 करोड़ रुपए का कॉर्पस फंड दिया जाएगा।
समारोह को गांधीवादी विचारक डॉ. रजी अहमद, लेखिका सुजाता प्रसाद एवं हृदय रोग विशेषज्ञ सह नवरंग के संस्थापक डॉ. अजीत प्रधान ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, सांसद रविशंकर प्रसाद, सांसद राजीव प्रताप रूडी, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत, प्रधान सचिव खान एवं भूतत्व हरजोत कौर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव कला, संस्कृति एवं युवा वंदना प्रेयसी, डीएम चंद्रशेखर सिंह, एसएसपी उपेन्द्र शर्मा, गांधी संग्रहालय के संयुक्त सचिव श्री आशिफ वसी सहित वरीय अधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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