October 31, 2025

सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर पटना में होगा भव्य समारोह, गृह मंत्री करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस, जातीय समीकरण तोड़ने की कोशिश

पटना। बिहार की राजनीति इस समय चुनावी रंग में रंगी हुई है, लेकिन इसी बीच राजधानी पटना में एक ऐसा आयोजन होने जा रहा है जो न केवल ऐतिहासिक होगा, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी बेहद अहम माना जा रहा है। सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर 31 अक्टूबर को देशभर में ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ मनाया जाएगा। इसी क्रम में पटना में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। अमित शाह पटना के प्रतिष्ठित होटल मौर्य में सुबह 10:45 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस (पीसी) करेंगे। इस दौरान वे सरदार पटेल के विचारों, देश की एकता और अखंडता के प्रति उनके योगदान पर विस्तृत चर्चा करेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह आयोजन केवल औपचारिक नहीं बल्कि राजनीतिक रूप से भी बेहद रणनीतिक है।
एकता के संदेश के साथ जातीय राजनीति को चुनौती
बिहार की राजनीति लंबे समय से जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों पर आधारित रही है। यादव, कुशवाहा, पासवान, राजपूत, दलित और महादलित जैसे वोट बैंक वर्षों से चुनावी समीकरणों का निर्धारण करते आए हैं। ऐसे में बीजेपी इस बार ‘एकता और राष्ट्रवाद’ के संदेश के जरिए इन सीमाओं को तोड़ने की कोशिश कर रही है। पार्टी का मानना है कि सरदार पटेल की जयंती जैसे अवसर जनता के बीच राष्ट्रीय एकता और विकास की भावना को मजबूत करने का माध्यम बन सकते हैं। अमित शाह की प्रेस कॉन्फ्रेंस इसी दिशा में एक बड़ा राजनीतिक संकेत मानी जा रही है। बीजेपी नेतृत्व पटेल की छवि को केवल एक लौहपुरुष या स्वतंत्रता सेनानी के रूप में नहीं, बल्कि विकास और निर्णायक नेतृत्व के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करना चाहती है। यह कोशिश नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व को पटेल की विरासत से जोड़ने की रणनीति का हिस्सा बताई जा रही है।
‘मिशन 2025 बिहार’ से जुड़ा आयोजन
सूत्रों के अनुसार, पार्टी इस समारोह को केवल एक ऐतिहासिक स्मरण कार्यक्रम के रूप में नहीं देख रही, बल्कि इसे सीधे ‘मिशन 2025 बिहार’ से जोड़ रही है। बीजेपी इस कार्यक्रम के जरिए बूथ स्तर तक संगठन को सक्रिय करने और कार्यकर्ताओं में एकजुटता का संदेश देने की योजना पर काम कर रही है। राज्य भर में एकता दिवस के मौके पर जिला और मंडल स्तर पर भी कई छोटे-बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता, सांसद, विधायक और संगठन के पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में सरदार पटेल के योगदान पर जनसभाएं करेंगे।
ग्रामीण मतदाताओं पर भी नजर
बीजेपी के रणनीतिकारों का मानना है कि सरदार पटेल को किसान नेता के रूप में भी व्यापक रूप से सम्मानित किया जाता है। ग्रामीण मतदाता वर्ग में उनका विशेष प्रभाव रहा है। पार्टी इस भावनात्मक जुड़ाव को भुनाने की योजना बना रही है ताकि गांवों में किसान समुदाय के बीच भाजपा की पकड़ और मजबूत की जा सके। इसके लिए पटना में आयोजित समारोह में सरदार पटेल की नीतियों और विचारों को किसानों और श्रमिकों के संदर्भ में भी रेखांकित किया जाएगा। यह संदेश देने की कोशिश होगी कि बीजेपी वही पार्टी है जो पटेल की सोच के अनुरूप विकास और एकता का सपना साकार कर रही है।
भव्य आयोजन की तैयारी
कार्यक्रम स्थल होटल मौर्य और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और प्रशासन की टीमें चौकसी में जुटी हुई हैं। होटल परिसर को पटेल की विरासत को दर्शाने वाले पोस्टरों, झंडों और सजावट से सुसज्जित किया जा रहा है। समारोह के बाद अमित शाह कुछ चुनिंदा पत्रकारों से भी संवाद करेंगे और बिहार के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य पर अपनी बात रखेंगे।
राजनीतिक हलचल तेज
अमित शाह की इस यात्रा को बिहार की सियासत में बड़ा संदेश माना जा रहा है। एक ओर जहां विपक्ष जातीय समीकरणों के सहारे चुनावी जंग की तैयारी में है, वहीं बीजेपी राष्ट्रीय एकता और विकास की थीम पर जनता के बीच उतरने की रणनीति बना रही है। सरदार पटेल की 150वीं जयंती का यह आयोजन इस दिशा में पहला बड़ा कदम साबित हो सकता है।

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