पटना में तेज रफ्तार हाइवा ने स्कूटी को मारी टक्कर, रेलवे गैंगमैन की दर्दनाक मौत

पटना। पटना-बख्तियारपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर आज सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसमें एक रेलवे गैंगमैन की जान चली गई। यह हादसा न केवल मृतक के परिवार के लिए गहरा सदमा लेकर आया, बल्कि स्थानीय लोगों में भी आक्रोश और चिंता की लहर दौड़ा गया।
मृतक की पहचान और पृष्ठभूमि
हादसे में जान गंवाने वाले शख्स की पहचान फतुहा थाना क्षेत्र के मोमिंदपुर गांव निवासी 42 वर्षीय लोरिक सिंह के रूप में हुई। वे दानापुर रेलवे स्टेशन पर स्टोर कीपर के पद पर कार्यरत थे। रोज़ की तरह वे अपनी नाइट ड्यूटी पूरी करने के बाद स्कूटी से घर लौट रहे थे। लेकिन, नियति को कुछ और ही मंजूर था।
हादसे की भयावह तस्वीर
फतुहा के फोरलेन पर नूतन पेट्रोल पंप के पास उनकी स्कूटी को पीछे से एक तेज रफ्तार हाइवा ने जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि हाइवा ने स्कूटी को लगभग 50 मीटर तक घसीटते हुए डिवाइडर पर चढ़ा दिया। स्कूटी हाइवा के अगले पहिए में बुरी तरह फंस गई। यह दृश्य इतना भयानक था कि देखने वालों के रोंगटे खड़े हो गए।
घायल अवस्था और मौत
हादसे के तुरंत बाद वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। स्थानीय लोगों ने मिलकर लोरिक सिंह को गंभीर हालत में फतुहा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें पटना रेफर कर दिया। लेकिन, दुर्भाग्यवश पटना ले जाने के रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा
इस हादसे की खबर जैसे ही फैली, मृतक के परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। लोगों ने पटना-बख्तियारपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-30 को जाम कर दिया। कुछ समय के लिए दोनों ओर से यातायात पूरी तरह ठप हो गया। ग्रामीणों का आरोप था कि फोरलेन किनारे अवैध रूप से खड़ी रहने वाली बड़ी गाड़ियां, खासकर वेयरहाउस से जुड़ी गाड़ियां, अक्सर इस तरह की दुर्घटनाओं की वजह बनती हैं।
प्रशासन की दखल और आश्वासन
जाम की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए फतुहा एसडीपीओ अवधेश प्रसाद दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। लगभग आधे घंटे बाद जाम हटाया जा सका।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों का साफ कहना था कि सड़क किनारे खड़ी होने वाली भारी गाड़ियां, जिनमें ट्रक और हाइवा शामिल हैं, सबसे बड़े खतरे का कारण बनती हैं। वे चाहते थे कि प्रशासन इन गाड़ियों पर सख्ती बरते और वेयरहाउस मालिकों तथा लाइन होटल वालों को चेतावनी दी जाए कि अब सड़क किनारे कोई भी बड़ी गाड़ी खड़ी न हो।
पुलिस की कार्रवाई
एसडीपीओ अवधेश प्रसाद ने मौके पर ही वेयरहाउस मालिकों और होटल संचालकों को सख्त निर्देश दिया कि सड़क किनारे बड़ी गाड़ियां पार्क करने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि इस आदेश का उल्लंघन किया गया, तो दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने हादसे में शामिल हाइवा को जब्त कर लिया है। वहीं, मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
हादसों की बढ़ती श्रृंखला
यह पहला मौका नहीं है जब इस राजमार्ग पर ऐसी दर्दनाक घटना हुई हो। तेज रफ्तार और अव्यवस्थित ट्रैफिक व्यवस्था के कारण आए दिन यहां सड़क हादसे होते रहते हैं। खासकर भारी वाहनों की लापरवाही और मनमानी पार्किंग के चलते आम लोगों की जान पर खतरा मंडराता रहता है।
समाज और परिवार पर असर
लोरिक सिंह की मौत ने उनके परिवार को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। परिवार का मुख्य सहारा छिन गया, जिससे उनकी आर्थिक और भावनात्मक स्थिति पर गहरा असर पड़ेगा। वहीं, स्थानीय लोग भी लगातार हो रहे हादसों से दहशत और गुस्से में हैं। उनका कहना है कि जब तक प्रशासन सख्त कदम नहीं उठाएगा, तब तक इस तरह की घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं। पटना-बख्तियारपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ यह हादसा एक बार फिर यातायात व्यवस्था की खामियों और भारी वाहनों की मनमानी को उजागर करता है। प्रशासन ने भले ही सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया हो, लेकिन जब तक इन्हें सख्ती से लागू नहीं किया जाएगा, तब तक आम जनता की जान यूं ही जोखिम में रहेगी। लोरिक सिंह की मौत एक दुखद उदाहरण है, जिसने सड़क सुरक्षा और जिम्मेदार यातायात प्रबंधन की कमी की ओर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
