मुफलिसों की झोपड़ी में नशे को मिली थी पनाह, जानिए क्या है गरीबों की झोपड़ी का दारू कनेक्शन?

अमृतवर्षाः पूर्ण शराबबंदी वाला बिहार उस जुगाड़ से हमेशा त्रस्त रहा है जो तस्कर और शराब माफिया अपनाते रहे हैं। बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद पीने वाले और बेचने वालों ने इस बुराई से तौबा नहीं किया है। कानून के डर से बेपरवाह शराबबंदी को चुनौती देने वाली तस्करों के जुगाड़ की कहानी अक्सर सामने आती रही है। लेकिन आज जो तस्वीर सामने आयी है वो बेहद चैकाने वाली है। दरअसल मुफलिसों की झोपड़ी में शराब बनाने का काम चल रहा था। राजधानी पटना में आशियाना रेलवे लाइन पर प्रस्तावित सड़क निर्माण के लिए डीएम पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के साथ लाइन के किनारे बसी झोपड़ियों को हटाने गये थे। वहां जो दृश्य मिला उसे देखकर सब हैरान रह गये। इन झोपड़ियों में देसी दारू बनाने का काम चल रहा था। वह भी एक दो जगह नहीं बल्कि तकरीबन साढ़े 6 किलोमीटर तक के इलाके में लाइन के दोनो तरफ मजे से महुआ मिट्ठा और जुलाही शराब का कारोबार हो रहा था। जिसमें सेैंकड़ो लोग लगे थे। पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में यह तस्वीर वाकई हैरान करती है।

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