बिहार में नियोजित शिक्षकों के लिए अपर मुख्य सचिव के नेतृत्व में बनेगी उच्च स्तरीय कमेटी, राज्यकर्मी का दर्जा देने पर होगा विचार

पटना। प्रदेश के नियोजित शिक्षकों की लंबे समय से मांग रही है कि बिना शर्त उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए और वो नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली के तहत बीपीएससी परीक्षा के प्रावधान का लगातार विरोध कर रहे थे। बीते 5 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षकों के इस मुद्दे पर महागठबंधन विधानमंडल दल की बैठक बुलाई थी और अब जानकारी मिल रही है, उसके मुताबिक आज मंगलवार को सरकार शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिए जाने को लेकर एक कमेटी का गठन कर सकती है। सीएम के साथ हुई बैठक में शामिल नेताओं ने एक सुर में कहा था कि नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा मिलना चाहिए। बैठक के बाद महागठबंधन नेताओं ने कहा भी था कि सीएम के सामने इस मसले पर सकारात्मक बातचीत हुई है और शिक्षक निश्चिंत रहें। शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने का लिए जो कमेटी बनने जा रही है उसका नेतृत्व प्रदेश के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी करेंगे, जो यह तय करेंगे कि किन नियमों और किन शर्तों के आधार पर नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए। यह कमेटी नियोजित शिक्षकों के लिए डिपार्टमेंटल परीक्षा का भी प्रावधान कर सकती है और शिक्षक संघ भी डिपार्टमेंटल परीक्षा का विरोध नहीं कर रहे। बीते दिनों महागठबंधन विधानमंडल दल की बैठक में शामिल नेताओं ने स्पष्ट संकेत दिया कि शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण होगा और उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा देने को लेकर जो बाधाएं आ रही है उसे दूर की जाएंगी। जानकारी के मुताबिक इसी बाधाओं को दूर करने के लिए यह कमेटी बनाई जा रही है। जानकारी के अनुसार इस कमेटी के अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे। जबकि कमेटी में वित्त विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, नगर विकास विभाग, पंचायती राज विभाग और शिक्षा विभाग के प्रमुख भी मौजूद रहेंगे। वित्त विभाग इसमें नोडल विभाग की भूमिका में रहेगा। यह कमेटी इस बात का निर्धारण करेगी कि नियोजित शिक्षकों को कैसे राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए और राज्य कर्मी का दर्जा देने को लेकर जो कानूनी अड़चनें हैं, उसे कैसे दूर किया जाए।

 

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