पटना में कार्तिक पूर्णिमा पर मरीन ड्राइव पर लगा भीषण जाम, कतार से गाड़ियां फंसी, आवागमन हुआ बाधित
पटना। राजधानी में बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व श्रद्धा और आस्था के उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए घाटों की ओर उमड़ पड़े। लेकिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और वाहनों की अनियंत्रित संख्या के कारण शहर का यातायात पूरी तरह ठप हो गया। सबसे ज्यादा असर पटना के जेपी गंगा पथ (मरीन ड्राइव), एम्स फ्लाईओवर और अशोक राजपथ जैसे प्रमुख मार्गों पर देखा गया, जहां हजारों वाहन कई घंटों तक जाम में फंसे रहे। कार्तिक पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर जहां गंगा घाटों पर भक्तिमय माहौल था, वहीं सड़कों पर लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सुबह से शुरू हुआ जाम का सिलसिला
बुधवार तड़के से ही श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए घरों से निकलने लगे। बड़ी संख्या में लोग निजी वाहनों, ऑटो और बसों से घाटों की ओर बढ़ रहे थे। जैसे-जैसे सुबह आगे बढ़ी, वैसे-वैसे शहर के विभिन्न इलाकों में ट्रैफिक का दबाव बढ़ता गया। सुबह आठ बजे के बाद स्थिति और बिगड़ गई, जब मरीन ड्राइव, दीघा रोड, एम्स रोड और अशोक राजपथ पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। एम्स फ्लाईओवर पर तो हालत यह रही कि कई किलोमीटर तक वाहन रेंगते हुए आगे बढ़ रहे थे। कुछ जगहों पर वाहनों को रोकना पड़ा, जिससे यात्रियों और श्रद्धालुओं में हताशा फैल गई। कई लोग घंटों तक जाम में फंसे रहे और सार्वजनिक परिवहन सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुईं।
प्रशासन की एडवाइजरी नाकाम साबित हुई
पटना ट्रैफिक पुलिस ने मंगलवार रात ही एडवाइजरी जारी की थी, जिसके तहत कुछ सड़कों पर वाहनों के परिचालन में बदलाव किया गया था। अशोक राजपथ को सुबह 11 बजे तक बंद रखा गया और एम्स एलिवेटेड रोड व उससे जुड़ी सड़कों पर डायवर्जन लागू किया गया था। लेकिन कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की भीड़ अनुमान से कहीं अधिक रही। भीड़ के दबाव में प्रशासन की तैयारियां नाकाफी साबित हुईं। कई जगहों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी मौजूद तो थे, लेकिन वाहनों की बेतहाशा संख्या के सामने वे व्यवस्था बनाए रखने में असमर्थ दिखे। जेपी गंगा पथ पर कई जगह वाहन एक-दूसरे से सटकर खड़े हो गए, जिससे जाम की स्थिति और गंभीर हो गई।
श्रद्धालुओं की भीड़ और पोलिंग पार्टियों की आवाजाही ने बढ़ाई मुश्किलें
कार्तिक पूर्णिमा का पर्व इस बार विधानसभा चुनावी गतिविधियों के बीच आया है। ऐसे में प्रशासन के लिए यह दिन दोहरी चुनौती लेकर आया। एक ओर गंगा स्नान के लिए उमड़ती भीड़ थी, तो दूसरी ओर चुनावी ड्यूटी पर निकल रही पोलिंग पार्टियों की आवाजाही भी हो रही थी। जिला प्रशासन के अनुसार, लाखों श्रद्धालु जेपी गंगा पथ, दीघा घाट, और दानापुर की ओर जा रहे थे। इसके अलावा गांधी सेतु और एम्स फ्लाईओवर के रास्ते से भी बड़ी संख्या में लोग घाटों की ओर बढ़े। इन दोनों कारणों से ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। एम्स रोड और दीघा चौक पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। कई लोग अपने वाहनों को सड़कों के किनारे छोड़कर पैदल ही घाट की ओर निकल गए। ट्रैफिक पुलिस लगातार राहत कार्य में जुटी रही, लेकिन भीड़ के कारण सुगमता बहाल करने में देर होती रही।
मरीन ड्राइव बना सबसे बड़ी परेशानी का केंद्र
पटना का जेपी गंगा पथ, जिसे लोग मरीन ड्राइव के नाम से जानते हैं, इस बार जाम का केंद्र बन गया। यह मार्ग गंगा किनारे स्थित प्रमुख घाटों की ओर जाता है, इसलिए सुबह से यहां वाहनों का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक थी कि कुछ जगहों पर ट्रैफिक पूरी तरह रुक गया। घंटों तक फंसे वाहनों के कारण कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर प्रशासन की आलोचना की। कुछ लोगों ने कहा कि हर साल ऐसी स्थिति बनती है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकाला जाता। ट्रैफिक पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद तो थे, मगर श्रद्धालुओं की भीड़ और निजी वाहनों की संख्या को नियंत्रित करना उनके बस की बात नहीं रही।
पुलिस की कोशिशें और प्रशासन की अपील
हालांकि जाम से राहत दिलाने के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। पुलिसकर्मी मौके पर तैनात हैं और ट्रैफिक को धीरे-धीरे सुचारू करने की कोशिश की जा रही है। कई इलाकों में बैरिकेड हटाकर वैकल्पिक मार्ग बनाए गए हैं ताकि लोगों को कुछ राहत मिल सके। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि यदि जरूरी न हो तो सुबह के समय मरीन ड्राइव, एम्स रोड और अशोक राजपथ की ओर यात्रा न करें। साथ ही यह भी कहा गया कि श्रद्धालुओं को सार्वजनिक परिवहन या पैदल मार्ग का अधिक उपयोग करना चाहिए ताकि जाम की स्थिति को कुछ हद तक कम किया जा सके।
कार्तिक पूर्णिमा पर उमड़ी श्रद्धा की लहर
जाम की इस स्थिति के बावजूद गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं दिखी। भोर से ही लोग परिवार के साथ गंगा स्नान करने पहुंचे और ‘हर-हर गंगे’ के जयकारों से घाटों का वातावरण भक्तिमय बना हुआ था। गंगा स्नान के बाद भक्तों ने दीपदान, दान और पूजा-पाठ किया। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दीपदान करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी श्रद्धा के चलते लाखों लोगों ने कठिनाइयों और जाम के बावजूद इस पवित्र स्नान में भाग लिया। पटना में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व इस बार आस्था और अव्यवस्था दोनों का मिश्रण बन गया। जहां एक ओर श्रद्धालु गंगा तटों पर धार्मिक आचरण में लीन दिखे, वहीं दूसरी ओर शहर की सड़कों पर वाहनों का सैलाब लोगों की परीक्षा लेता रहा। प्रशासन की तैयारियां भीड़ के सामने कमजोर पड़ गईं। फिर भी, लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने इस पर्व की भव्यता को कम नहीं होने दिया। यह घटना एक बार फिर यह संदेश देती है कि धार्मिक अवसरों पर प्रशासनिक योजना और यातायात प्रबंधन में और अधिक समन्वय की आवश्यकता है, ताकि श्रद्धा का यह पर्व श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का कारण न बने।


