पटना समेत तीन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, आकाशीय बिजली गिरने की संभावना, 1 अगस्त से तेज होगी वर्षा

पटना। मौसम विभाग ने बुधवार को दक्षिण-पश्चिम बिहार के आठ जिलों में भारी बारिश की आशंका जताई है। इसे देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। चेतावनी के अनुसार, इन जिलों में हवा की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है, जिससे जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है। बाकी 30 जिलों में मौसम सामान्य रहने की संभावना है, हालांकि कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।
पटना में बादल और बारिश का दौर जारी
राजधानी पटना में बुधवार को बादल छाए रहने की संभावना जताई गई है। हालांकि, बारिश की संभावना कम है, लेकिन मंगलवार को पटना समेत कई जिलों में बारिश ने लोगों को भारी परेशानी में डाल दिया। पटना, बक्सर और औरंगाबाद में जहां आसमान में बादल छाए रहे, वहीं नालंदा, सुपौल जैसे जिलों में तेज धूप निकली रही।
अगले छह दिनों में और तेज होगा मानसून
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, मानसून की सक्रियता आने वाले 24 घंटों में और अधिक बढ़ेगी। 1 अगस्त से प्रदेश में अगले छह दिनों तक भारी बारिश की संभावना जताई गई है। अब तक बिहार में औसतन 272 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य आंकड़ा 474.2 मिमी होना चाहिए था। इस प्रकार प्रदेश में 42 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई है। कुछ जिलों में तो स्थिति और भी गंभीर है। सीतामढ़ी में 83 प्रतिशत, पूर्वी चंपारण में 78 प्रतिशत और सहरसा में 72 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
पटना में मंगलवार रात मूसलाधार बारिश
मंगलवार को पटना में लगातार बारिश का सिलसिला जारी रहा। दिनभर हल्की बारिश के बाद रात 8 बजे मूसलाधार बारिश हुई। सोमवार देर रात 1:30 बजे से मंगलवार सुबह 8:30 बजे तक 175.4 मिमी बारिश रिकार्ड की गई, जबकि पूरे दिन में 3.3 मिमी अतिरिक्त वर्षा हुई। इस बारिश ने सावन में अब तक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
150 घरों में घुसा बारिश का पानी
लगातार बारिश के कारण पटना के न्यू बाइपास क्षेत्र के आसपास स्थित कई मोहल्लों में पानी घरों तक घुस गया है। रामलखन पथ के पास मेट्रो स्टेशन का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें लापरवाही बरती गई। निर्माण एजेंसी ने कच्चे नाले को पाटकर उसमें पाइप डाल दिया, जिससे पानी के बहाव की क्षमता घट गई और नाला संकरा हो गया। इसका असर यह हुआ कि रामलखन पथ, भोजपुर कॉलोनी, इंदिरा नगर, संजय नगर, पोस्टल पार्क, नवरतनपुर, सब्जी मंडी और अशोक नगर की गलियों में पानी भर गया।
संप हाउस और ड्रेनेज सिस्टम की नाकामी
बारिश के पानी को निकालने के लिए जिम्मेदार जीरो प्वाइंट संप हाउस और अन्य ड्रेनेज पंपिंग स्टेशनों से पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं खींचा जा सका। इसके पीछे कारण पानी का अत्यधिक दबाव बताया गया। इसके चलते निचले इलाकों में पानी का जमाव बना रहा, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ।
तापमान में भी उतार-चढ़ाव
पटना में तापमान में 1 डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई। सोमवार को जहां तापमान 29.1 डिग्री सेल्सियस था, वहीं मंगलवार को यह बढ़कर 30.1 डिग्री पर पहुंच गया। वैशाली में अधिक असर देखने को मिला, जहां तापमान 3 डिग्री बढ़कर 32.2 डिग्री दर्ज किया गया। बिहार में इस समय मानसून की गतिविधि ने एक ओर जहां कुछ जिलों में राहत दी है, वहीं दूसरी ओर भारी बारिश और जलजमाव ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पटना जैसे शहर में बुनियादी सुविधाओं और जलनिकासी तंत्र की असफलता बार-बार उजागर हो रही है। आने वाले दिनों में बारिश और तेज हो सकती है, ऐसे में प्रशासन को तत्परता से कार्य करना होगा ताकि लोगों को राहत मिल सके।
