August 20, 2025

पटना सिविल कोर्ट में वकीलों और पुलिस में तीखी बहस, वकील की गिरफ्तारी का विरोध, खूब हुआ हंगामा

पटना। पटना सिविल कोर्ट परिसर सोमवार को उस समय तनावग्रस्त हो गया जब एक वकील की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस और वकीलों के बीच तीखी बहस और हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई। छेड़खानी के आरोप में पीरबहोर थाना की पुलिस द्वारा वकील जयप्रकाश को न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने के बाद कोर्ट परिसर में भारी विरोध देखने को मिला। वकीलों का कहना है कि यह गिरफ्तारी पूरी तरह से गलत, गैरकानूनी और दुर्भावनापूर्ण है। उनका आरोप है कि पुलिस ने बिना अग्रसारण रिपोर्ट, एफआईआर और कस्टडी वारंट के वकील को न्यायालय में पेश कर दिया, जो न्यायिक प्रक्रिया का सीधा उल्लंघन है। घटना की शुरुआत रविवार की शाम हुई, जब वकील जयप्रकाश शहर के कुल्हाड़ियां इलाके से गुजर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों और वकील समुदाय के अनुसार, जयप्रकाश ने देखा कि ट्रैफिक पुलिसकर्मी एक ऑटो चालक के साथ मारपीट कर रहे थे। जयप्रकाश ने इस घटना का विरोध किया और उसका वीडियो बनाना शुरू कर दिया। वकीलों के अनुसार, इसी बात से नाराज़ होकर पुलिस ने जयप्रकाश को मौके पर ही पकड़ लिया, उनके साथ मारपीट की और रातभर थाने में रखा। सोमवार सुबह उन्हें कोर्ट में छेड़खानी के आरोप में पेश किया गया, जिस पर वकील समाज ने तीखी प्रतिक्रिया दी। वकीलों ने पुलिस पर फर्जी केस में फंसाने और पेशेवर बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया। वकील जयप्रकाश ने कोर्ट में बताया कि उन्हें रात भर थाने में शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए टाउन एएसपी दीक्षा कुमारी स्वयं कोर्ट परिसर पहुंचीं और स्थिति को संभालने का प्रयास किया। उन्होंने वकीलों को समझाने का प्रयास किया और जांच का आश्वासन भी दिया। हालांकि, वकील शांत नहीं हुए और उन्होंने पुलिस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। वकील ऋषिकेश नारायण सिन्हा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, *”यह सीधा-सीधा पुलिसिया दमन है। एक वकील समाज का प्रहरी होता है। अगर उसे ही यूं प्रताड़ित किया जाएगा तो आम जनता की सुरक्षा की क्या गारंटी रह जाएगी?”* वकीलों ने यह भी चेतावनी दी कि अगर इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हुई और दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। वहीं, पुलिस विभाग की ओर से फिलहाल कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि जयप्रकाश पर एक महिला ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने छेड़खानी का आरोप लगाया है, जिसके आधार पर कार्रवाई की गई। मामले की जांच के लिए उच्च अधिकारियों द्वारा एक विशेष टीम गठित की जा सकती है। इस घटना ने पटना में कानून व्यवस्था और पुलिस-वकील संबंधों को एक बार फिर से सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। कोर्ट परिसर में हुए इस हंगामे से न्यायिक प्रक्रिया भी प्रभावित हुई, जिससे न्यायालय आने वाले आम लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ी। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि मामले की जांच किस दिशा में जाती है और क्या दोषियों पर कार्रवाई होती है या नहीं। वकील समाज फिलहाल एकजुट होकर न्याय की मांग पर अडिग है।

You may have missed