बिहार में टूट की कगार पर एनडीए गठबंधन, संतोष सुमन ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान, मची खलबली

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ती जा रही है। खासकर एनडीए गठबंधन के अंदर अब सीटों को लेकर खींचतान साफ नजर आने लगी है। ताजा मामला हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) पार्टी का है, जिसने 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर एनडीए की चिंता बढ़ा दी है।
संतोष सुमन का बड़ा ऐलान
हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने सोमवार को पटना में आयोजित पार्टी के एकदिवसीय कार्यशाला शिविर में बड़ा बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और इससे कम सीटों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अभी तक एनडीए के भीतर सीटों को लेकर कोई औपचारिक सहमति नहीं बनी है।
कार्यशाला में जुटे पार्टी नेता
इस कार्यक्रम में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार, बिहार प्रभारी राजेश रंजन, मुख्य प्रवक्ता श्याम सुंदर और अन्य नेता भी शामिल थे। बैठक का मकसद आगामी चुनाव की रणनीति तैयार करना था, लेकिन संतोष सुमन के सीटों को लेकर दावे ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है।
एनडीए की एकजुटता की बात भी दोहराई
हालांकि संतोष सुमन ने यह भी कहा कि एनडीए के सभी घटक दल एकजुट हैं और आगामी चुनाव मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने दावा किया कि एनडीए 243 में से 225 सीटों पर जीत हासिल करेगा और फिर से राज्य में सरकार बनाएगा। यह बयान संतुलन साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, ताकि सीटों को लेकर टकराव के संकेत ना जाएं, लेकिन दबी जुबान में दबाव की राजनीति साफ झलक रही है।
चिराग पासवान को बताया एनडीए की ताकत
चिराग पासवान के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर पूछे गए सवाल पर संतोष सुमन ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर चिराग बिहार से चुनाव लड़ते हैं तो उनका स्वागत है, इससे एनडीए को मजबूती मिलेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इससे उनकी पार्टी को भी ताकत मिलेगी।
क्या है हम पार्टी की रणनीति
हम पार्टी पिछले कुछ वर्षों से बिहार की राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है। पार्टी का दावा है कि वह दलित, महादलित और पिछड़े वर्गों के बीच मजबूत पकड़ बना चुकी है और यही आधार बनाकर वह ज्यादा सीटों की मांग कर रही है।
गठबंधन पर असर की आशंका
हालांकि इस ऐलान से एनडीए में भीतर ही भीतर तनाव बढ़ने की संभावना है। खासकर तब जब जेडीयू, बीजेपी और लोजपा (रामविलास) जैसी पार्टियां भी बड़ी हिस्सेदारी की तैयारी में हैं। हम पार्टी का 40 सीटों पर अड़ जाना कहीं ना कहीं गठबंधन के गणित को प्रभावित कर सकता है।
समझौते की राह या टकराव की दिशा
बिहार एनडीए में सीटों को लेकर चल रही खींचतान अभी शुरूआती चरण में है, लेकिन हम पार्टी के इस खुले ऐलान ने भविष्य की मुश्किलें जरूर बढ़ा दी हैं। यदि सभी दल समय रहते आपसी तालमेल नहीं बैठाते तो यह अंदरूनी मतभेद चुनावी नुकसान में बदल सकता है। फिलहाल यह देखना होगा कि भाजपा और जेडीयू जैसे बड़े घटक दल हम पार्टी की मांग को कितनी गंभीरता से लेते हैं और क्या कोई संतुलित फार्मूला सामने आता है।

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