पटना में खुले नाले में गिरा डेढ़ साल का बच्चा, दर्दनाक मौत, नाराज परिजनों का प्रदर्शन

पटना। जिले के मोकामा क्षेत्र में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसमें खुले नाले में गिरने से एक डेढ़ साल के मासूम की मौत हो गई। मृतक बच्चे का नाम दिलखुश कुमार बताया गया है, जो इंदिरा नगर क्षेत्र के निवासी मिथुन मांझी का पुत्र था। यह घटना रविवार देर रात की है जब दिलखुश अपने घर के पास खेल रहा था। खेलते-खेलते वह नाले के किनारे पहुंच गया और अचानक उसमें गिर गया।
स्थानीय लोगों ने किया रेस्क्यू, लेकिन नहीं बची जान
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने बच्चे को नाले से निकालने का प्रयास किया। कुछ ही देर में उसे बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दिलखुश को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मासूम की मौत से पूरे इलाके में मातम का माहौल बन गया है।
नगर परिषद पर लापरवाही का आरोप
घटना के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला। लोगों का कहना है कि शनिवार को नगर परिषद के कर्मियों द्वारा नाले की सफाई की गई थी, लेकिन काम पूरा करने के बाद नाले का ढक्कन बंद नहीं किया गया। यह नाला काफी गहरा था और इंदिरा नगर वार्ड का सारा पानी इसी नाले से बहता है। खुला ढक्कन न सिर्फ दिलखुश के लिए बल्कि अन्य बच्चों और राहगीरों के लिए भी खतरा बना हुआ था।
थाने का घेराव और विरोध प्रदर्शन
मासूम की मौत की खबर फैलते ही स्थानीय लोग आक्रोशित हो उठे और सोमवार सुबह मोकामा थाना का घेराव किया। लोगों ने नगर परिषद की लापरवाही पर नाराजगी जताई और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। परिजनों का कहना है कि अगर नाले का ढक्कन समय पर बंद कर दिया गया होता तो यह हादसा नहीं होता। वहीं कुछ लोगों ने यह भी कहा कि प्रशासन और स्थानीय निकाय अक्सर सफाई कार्यों के बाद सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों ने दिया आश्वासन
घटना की जानकारी मिलते ही मोकामा थानाध्यक्ष संतोष कुमार शर्मा मौके पर पहुंचे। उन्होंने आक्रोशित लोगों को समझाने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि नगर परिषद के जिम्मेदार कर्मियों की पहचान कर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आगे ऐसी लापरवाही दोहराई न जाए, इसके लिए निगरानी बढ़ाई जाएगी।
वार्ड पार्षद पहुंचे सांत्वना देने
घटना के बाद वार्ड पार्षद भी मौके पर पहुंचे और शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि नगर परिषद की लापरवाही से हुई इस दुर्घटना में जिम्मेदार कर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा और आगे से इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
जरूरत है सिस्टम में सुधार की
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर नगर निकाय कितनी जिम्मेदारी से अपने कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। खुले नाले, अधूरी सफाई और सुरक्षा उपायों की अनदेखी आमजन के लिए जानलेवा साबित हो रही है। ऐसे में यह जरूरी है कि प्रशासनिक स्तर पर जवाबदेही तय हो और नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। मासूम दिलखुश की असमय और दर्दनाक मौत ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। यह सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की पीड़ा है। इस घटना ने यह दिखा दिया कि थोड़ी सी लापरवाही कितनी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है। अब समय है कि शासन और स्थानीय निकाय जिम्मेदारी लें और ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए ठोस कदम उठाएं।
