अतिथि शिक्षकों की अब नहीं जाएगी नौकरी, मुख्यमंत्री के सचिवालय ने शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव को लिखा पत्र

पटना। बिहार में 1 अप्रैल को शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली होने के बाद राज्य के स्कूलों में तैनात अतिथि शिक्षकों की सेवा को समाप्त कर दिया गया है। इस आदेश के बाद जहां एक और अतिथि शिक्षक लगातार शिक्षा विभाग का विरोध कर रहे हैं वहीं बीते दिनों सीएम आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर पुलिस प्रशासन के द्वारा लाठीचार्ज किया गया जिसके बाद अब विपक्ष के बढ़ते दबाव के कारण मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से शुक्रवार को शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव केके पाठक को एक पत्र लिखा गया है। पत्र में यह कहा गया है कि फिलहाल अतिथि शिक्षकों की नौकरी उनसे वापस नहीं ली जाए। हालांकि यह कोई मुख्यमंत्री के द्वारा जारी किया गया आदेश नहीं बल्कि निवेदन पत्र है जिस पर अंतिम फैसला केके पाठक करेंगे। एक ओर पत्र जारी होने के बाद अतिथि शिक्षकों को कुछ राहत मिलने की संभावना है ऐसा माना जा रहा है कि चुनाव को देखते हुए बिहार सरकार फिलहाल उनकी नौकरी उनसे वापस नहीं लेने जा रही है।
अतिथि शिक्षकों के मामले में मुख्यमंत्री सचिवालय ने लिया संज्ञान
गेस्ट टीचर मामले पर सीएम सचिवालय ने संज्ञान लिया है। संयुक्त सचिव मनोज कुमार ने केके पाठक को पत्र लिखा है। इस पत्र के पाठक को माध्यम से प्लस 2 स्कूल के गेस्ट टीचर्स मामले पर फिर से विचार करने को कहा गया है। सचिवालय ने अतिथि शिक्षकों के अनुभव का लाभ देते हुए उन्हें बीपीएससी शिक्षक बहाली में मौका देने और फार्म भरने पर निर्णय लेने को कहा गया है। शिक्षा विभाग के आदेश के बाद 1 अप्रैल से अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त हो गई है। वहीं इसके विरोध में अतिथि शिक्षकों ने पटना में जमकर बवाल भी किया था। वहीं पटना पुलिस ने इस दौरान अतिथि शिक्षकों पर लाठियां भी बरसाई थी। साथ ही कई अतिथि शिक्षक हिरासत में भी लिए गए थे। वहीं इसके बाद एमएलसी जीवन कुमार ने सीएम नीतीश को पत्र लिखा था। जिसमें प्लस 2 स्कूल के अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्ति को लेकर निर्णय लेने को कहा था। वहीं सीएम के संज्ञान के बाद अब के.के पाठक को इस मामले में निर्णय लेना है।
बीपीएससी शिक्षक बहाली अतिथि शिक्षकों को भी फार्म भरने दिया जाए
सीएम सचिवालय से केके पाठक को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि, केके पाठक अतिथि शिक्षकों को बीपीएससी शिक्षक बहाली में मौका दिया जाए, अतिथि शिक्षकों को भी फार्म भरने दिया जाए। वहीं अब इस मामले मेंके के पाठक क्या फैसला लेते हैं, यह देखने योग्य बात होगी। गौरतलब हो कि, शिक्षा विभाग ने बीते दिन पत्र जारी कर कहा था कि 1 अप्रैल से किसी भी परिस्थिति में अतिथि शिक्षकों से सेवा नहीं ली जाएगी। वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारियों को अतिथि शिक्षकों के सेवा में नहीं होने का प्रमाण पत्र भी शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराना होगा। इस पत्र को माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी जिला के शिक्षापदाधिकारियों को लिखा था।
