पटना के पीएमसीएच में गार्ड की मौत, 5 दिन पहले अपराधियों ने मारी थी गोली

पटना। पटना के प्रतिष्ठित पीएमसीएच अस्पताल में इलाज के दौरान बिहटा निवासी एक फैक्ट्री गार्ड, संजय मांझी की मृत्यु हो गई। संजय को बीते रविवार की रात उनके ही गांव मूसेपुर में कुछ अपराधियों ने गोली मार दी थी। घटना उस समय की है जब संजय मांझी रोज की तरह काम से घर लौटकर खाना खाकर अपने घर के बाहर सो रहे थे। इसी दौरान दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार अपराधी वहां पहुंचे और उन्होंने अचानक संजय पर गोलीबारी शुरू कर दी। सिर में दो गोलियां लगने के कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गए। परिजन उन्हें आनन-फानन में पहले बिहटा के अस्पताल और फिर बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच ले गए, लेकिन गुरुवार की रात उन्होंने दम तोड़ दिया। संजय मांझी एक मेहनतकश मजदूर थे, जो पास की एक फैक्ट्री में गार्ड की नौकरी करते थे। उनके परिवार में पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं, जिन पर अब दुख और असुरक्षा का गहरा साया मंडरा रहा है। इस नृशंस वारदात के बाद पूरे गांव और परिवार में भय और आक्रोश का माहौल है। मृतक के भाई अजय मांझी ने बताया कि घटना के बाद तुरंत बिहटा थाना में गांव के ही चार लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। बावजूद इसके पुलिस अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं कर पाई है। परिजनों ने स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो और उन्हें सख्त सजा दी जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। बिहटा थाना प्रभारी राजकुमार पांडेय ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और कुछ संदिग्धों से पूछताछ भी की जा चुकी है। पुलिस मुख्य आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन वे अब तक फरार हैं। पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे परिजनों को सौंप दिया है। यह घटना बिहार में लगातार बढ़ रहे आपराधिक घटनाओं की एक और कड़ी है, जो पुलिस की कार्यशैली और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। जिस प्रकार से एक आम नागरिक को घर के बाहर सोते समय गोली मार दी जाती है और कई दिन बीतने के बाद भी अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, यह प्रशासनिक कमजोरी और संवेदनहीनता को उजागर करता है। अब देखना यह है कि पुलिस कितनी जल्दी आरोपियों को पकड़कर पीड़ित परिवार को न्याय दिला पाती है।
