पूर्णिया में बच्चों के विवाद में 2 गुटों में मारपीट, चार लोग ज़ख़्मी, खूब चले लाठी-डंडे

पूर्णिया। जिले केके नगर थाना क्षेत्र के भोकराहा गांव में एक मामूली विवाद ने बड़ा रूप ले लिया। बच्चों के बीच हुए छोटे से झगड़े ने दो गुटों को आमने-सामने कर दिया, जिसके बाद लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से हमला हुआ। इस मारपीट की घटना में चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए जीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
विवाद की शुरुआत
घटना की जड़ बच्चों के बीच का एक मामूली विवाद था। जानकारी के अनुसार, जलालुद्दीन नामक ग्रामीण ने पड़ोस के एक बच्चे को डांटकर भगा दिया, क्योंकि वह उन्हें लगातार परेशान कर रहा था। बच्चा रोते हुए अपने नाना और परिजनों के पास पहुंचा और शिकायत की। इसी बात से मामला बिगड़ गया और बच्चा के नाना मो. शमशाद ने अपने परिजनों और साथियों को लेकर जलालुद्दीन के घर पर हमला कर दिया।
हमले की घटना
पीड़ित जलालुद्दीन ने बताया कि अचानक उनके घर पर मो. शमशाद, इरशाद, बबलू और इमरान अपने साथियों के साथ पहुंचे। उन्होंने लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से हमला बोल दिया। इस हमले में जलालुद्दीन के साथ-साथ उनकी पत्नी शमीमा खातून (45) और बेटी आजादी खातून भी गंभीर रूप से घायल हो गईं। बताया जा रहा है कि शमीमा और आजादी पर धारदार हथियार से हमला किया गया, जिससे दोनों को गहरी चोटें आईं। वहीं जलालुद्दीन को लाठी-डंडों से पीटा गया।
गंभीर रूप से घायल परिजन
मारपीट में जलालुद्दीन का पूरा परिवार प्रभावित हुआ। पत्नी शमीमा खातून और बेटी आजादी खातून को अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है। दोनों के शरीर पर धारदार हथियार के वार से गहरे जख्म आए हैं। वहीं जलालुद्दीन को भी सिर और शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर चोटें आईं। घटना से गांव का माहौल तनावपूर्ण हो गया और लोग सहमे हुए हैं।
ग्रामीणों की भूमिका
जब दोनों गुटों में मारपीट हो रही थी, तब आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। उन्होंने बीच-बचाव कर किसी तरह स्थिति को शांत कराया। ग्रामीणों की तत्परता से बड़ा हादसा टल गया, वरना स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी। हालांकि, इस दौरान घायल लोग जमीन पर पड़े कराहते रहे और उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की गई।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही डगरूआ पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने सबसे पहले घायलों को अस्पताल पहुंचाया और फिर पूरे मामले की जांच शुरू की। पीड़ित परिवार की ओर से के. नगर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपितों की पहचान शुरू कर दी है और उनके खिलाफ छानबीन कर रही है।
गांव में दहशत और तनाव
भोकराहा गांव में इस घटना के बाद दहशत का माहौल है। गांव के लोग इसे बच्चों के विवाद से उपजा तनाव मान रहे हैं, लेकिन हमले की गंभीरता ने सबको चौंका दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों की मामूली बात को इतना बड़ा रूप देना गलत है और प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। पूर्णिया की यह घटना इस बात का उदाहरण है कि छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करने या शांतिपूर्वक हल करने के बजाय हिंसा का रास्ता अपनाने से कितनी बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। बच्चों के विवाद को लेकर दो गुटों का भिड़ जाना और पूरे परिवार का गंभीर रूप से घायल होना इस बात की ओर इशारा करता है कि समाज में धैर्य और आपसी समझ की कमी बढ़ रही है। पुलिस अब आरोपितों की तलाश में जुटी है, लेकिन यह घटना इस सवाल को छोड़ जाती है कि आखिर क्यों लोग छोटी-सी बात पर भी हिंसक हो जाते हैं। समाज को ऐसे मामलों से सीख लेकर संयम और आपसी सहयोग की राह अपनाने की जरूरत है।
