पटना में एग्जिट पोल पर बोले तेजस्वी, कहा- ये उनकी चाल, 18 को हमारी सरकार का होगा शपथ ग्रहण
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के अंतिम चरण के मतदान के बाद जैसे-जैसे एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आने लगे, वैसे-वैसे राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है। लगभग सभी सर्वेक्षणों में एनडीए को बढ़त मिलती दिखाई गई, जबकि महागठबंधन को पिछड़ता हुआ बताया गया। लेकिन इन एग्जिट पोल्स को आरजेडी नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी प्रसाद यादव ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने साफ कहा कि ये सर्वे “भाजपा और पीएमओ की चाल” हैं, जिनका मकसद मतगणना से पहले अधिकारियों और जनता के बीच भ्रम फैलाना है।
एग्जिट पोल पर तेजस्वी का सीधा हमला
तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब भाजपा और उसकी समर्थक एजेंसियों ने इस तरह का खेल रचा हो। उन्होंने आरोप लगाया कि “एग्जिट पोल्स पूरी तरह से पीएमओ से सेट हैं। इनका उद्देश्य प्रशासनिक अधिकारियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना है ताकि मतगणना के दौरान गड़बड़ी की जा सके।” तेजस्वी ने सवाल उठाया कि “किस आधार पर ये एग्जिट पोल तैयार किए गए हैं? कोई सैंपल सर्वे नहीं बताया जा रहा, न ही कोई मानक बताया गया। ये सब मनगढ़ंत आंकड़े हैं जो जनता को भ्रमित करने के लिए जारी किए गए हैं।” उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब समझदार है, उसे पता है कि कौन उसके लिए काम करता है और कौन केवल जुमलेबाजी करता है। “भाजपा को इस बार जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है। जो लोग इन सर्वेक्षणों के भरोसे सत्ता में वापसी का सपना देख रहे हैं, उन्हें 14 नवंबर को झटका लगने वाला है,” तेजस्वी ने कहा।
14 नवंबर को परिणाम और 18 को शपथग्रहण का दावा
तेजस्वी यादव ने आत्मविश्वास से कहा कि 14 नवंबर को जब परिणाम आएंगे तो बिहार में “परिवर्तन की आंधी” साफ नजर आएगी। उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार बनने जा रही है। 18 नवंबर को महागठबंधन की सरकार का शपथग्रहण होगा। यह बदलाव बिहार की जनता का फैसला है, किसी राजनीतिक सौदेबाजी का नहीं।”उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेगी। यह सरकार “नौकरी देने वाली, पढ़ाई और कमाई की व्यवस्था करने वाली” सरकार होगी। तेजस्वी ने कहा, “बिहार अब भाषणों से नहीं, काम से चलने वाली सरकार चाहता है, और हम वही लेकर आएंगे।”
72 लाख नए वोटरों ने दिया बदलाव का संदेश
तेजस्वी यादव ने बताया कि इस बार के चुनाव में अभूतपूर्व मतदान हुआ है। उन्होंने कहा कि “2020 के मुकाबले इस बार 72 लाख अधिक लोगों ने वोट किया है। हर विधानसभा क्षेत्र में औसतन 30 हजार ज्यादा मतदाताओं ने हिस्सा लिया है। यह वोट सरकार बचाने के लिए नहीं, बल्कि सरकार बदलने के लिए पड़ा है।”उनका कहना था कि जनता ने अब विकास, रोजगार और शिक्षा की दिशा में सोचने वाली सरकार के लिए मतदान किया है। उन्होंने कहा कि “बिहार के लोग अब ठकुरसुहाती, नारेबाजी और वादाखिलाफी की राजनीति से ऊब चुके हैं। उन्हें अब काम चाहिए, और वह काम देने वाली सरकार हमारी होगी।”
पिछली बार की गड़बड़ियों का किया जिक्र
तेजस्वी यादव ने मतगणना को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि “2020 के चुनाव में गिनती के दौरान बेईमानी हुई थी। कई जगहों पर जानबूझकर काउंटिंग धीमी की गई, कई सीटों पर रिजल्ट बदल दिए गए। इस बार वैसा नहीं होने दिया जाएगा।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी स्तर पर मतगणना में हेराफेरी की कोशिश की गई, तो जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी। उन्होंने कहा, “हमारे लोग हर बूथ और हर काउंटिंग टेबल पर नजर रखेंगे। अगर वोट चोरी की कोशिश हुई तो चाहे जो भी कुर्बानी देनी पड़े, हम लोकतंत्र की रक्षा करेंगे।” तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार और भाजपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “एनडीए की सरकार भय, पक्षपात और भ्रष्टाचार की सरकार रही है। पिछले बीस वर्षों में बिहार को न रोजगार मिला, न शिक्षा का विकास हुआ। जनता अब इन सब से मुक्ति चाहती है।” उन्होंने कहा कि “बिहार के युवाओं के सामने रोजगार की समस्या, किसानों के सामने बाढ़ और सूखे की मार, और महिलाओं के सामने सुरक्षा का संकट है। हमने इन सबके समाधान के लिए ठोस नीति बनाई है। हमारी सरकार ‘कलम का राज’ स्थापित करेगी — यानी शिक्षा, रोजगार और न्याय आधारित शासन।”
अधिकारियों को दी निष्पक्षता की नसीहत
तेजस्वी यादव ने मतगणना से पहले अधिकारियों से अपील की कि वे किसी दबाव में न आएं और निष्पक्ष तरीके से काम करें। उन्होंने कहा कि “काउंटिंग के दिन प्रशासनिक अधिकारी किसी राजनीतिक प्रभाव में न आएं। लोकतंत्र में निष्पक्षता सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। जनता सब कुछ देख रही है और अब कोई भी गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करेगी।”
सकारात्मक फीडबैक से उत्साहित
तेजस्वी ने बताया कि उन्हें पूरे राज्य से बेहद सकारात्मक फीडबैक मिल रहा है। उन्होंने कहा, “1995 के बाद यह पहला चुनाव है जिसमें हमें इतना जबरदस्त जनसमर्थन मिला है। गांव-गांव में जनता ने महागठबंधन के पक्ष में मतदान किया है। यह बदलाव की लहर है, जिसे कोई नहीं रोक सकता।” उन्होंने कहा कि “बिहार की जनता ने बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ वोट किया है। भाजपा के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है। उनके पास केवल डर और झूठ का प्रचार है, लेकिन इस बार जनता ने सच्चाई के पक्ष में वोट दिया है।” तेजस्वी यादव का यह प्रेस कॉन्फ्रेंस स्पष्ट संकेत देता है कि महागठबंधन आत्मविश्वास से भरा हुआ है और किसी भी परिस्थिति में पीछे हटने के मूड में नहीं है। उन्होंने न केवल एग्जिट पोल्स को सिरे से खारिज किया, बल्कि यह दावा भी किया कि “14 नवंबर को परिणाम साफ कर देंगे कि बिहार में परिवर्तन हो चुका है।” तेजस्वी का यह बयान केवल एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि उनकी तैयारी और आत्मविश्वास का संकेत भी है। अब सबकी निगाहें 14 नवंबर की मतगणना पर टिकी हैं — जब यह तय होगा कि बिहार की गद्दी पर नीतीश कुमार की वापसी होती है या फिर तेजस्वी यादव अपने वादे के मुताबिक “नौकरी वाली सरकार” का शपथ ग्रहण करते हैं।


