देश में गृह मंत्रालय ने ब्लॉक किये 17 हज़ार से अधिक व्हाट्सएप अकाउंट, साइबर ठगी और फर्जीवाडे पर हुई कार्रवाई
नई दिल्ली। देश में बढ़ते साइबर धोखाधड़ी और डिजिटल अपराधों पर लगाम कसने के लिए गृह मंत्रालय (एमएचए) ने बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने 17,000 से अधिक व्हाट्सएप खातों को ब्लॉक कर दिया है, जो साइबर ठगी और फर्जीवाड़े से जुड़े हुए थे। यह कार्रवाई गृह मंत्रालय के साइबर अपराध समन्वय केंद्र द्वारा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्राप्त शिकायतों के आधार पर की गई।
घोटालों का अंतरराष्ट्रीय जाल
जांच में खुलासा हुआ है कि इन साइबर अपराधों का संचालन मुख्य रूप से कंबोडिया, म्यांमार और वियतनाम से किया जा रहा था। घोटालेबाज इन देशों से भारतीय नागरिकों और डिजिटल प्लेटफॉर्म को निशाना बना रहे थे। उनके आईपीडीआर (इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड) से इनका ठिकाना और गतिविधियां ट्रेस की गईं। जालसाज भारतीय सिम कार्ड का इस्तेमाल कर व्हाट्सएप खाते बनाते थे और फिर उनका उपयोग साइबर ठगी के लिए करते थे। अब तक 45,000 से अधिक सिम कार्ड इन देशों में भेजे जा चुके हैं। भारतीय एजेंसियों ने इन सिम कार्डों को नष्ट कर दिया है।
नौकरी के नाम पर मानव तस्करी और घोटाले
जांच में यह भी पाया गया कि भारतीय नागरिकों को नौकरी का झांसा देकर कंबोडिया ले जाया जाता है। वहां उन्हें ऑनलाइन वित्तीय घोटाले और साइबर अपराधों में धकेल दिया जाता है। अधिकांश अपराधी चीनी कैसीनो के कॉल सेंटरों से काम करते हैं। इन अपराधियों ने अपने झूठे दावों से कई भारतीयों को ठगने का काम किया। ये लोग सीबीआई एजेंट, आयकर अधिकारी, या सीमा शुल्क एजेंट बनकर पीड़ितों से संपर्क करते थे। फर्जी आरोप लगाकर उन्हें डराते और बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए मजबूर करते थे। साइबर अपराधियों द्वारा रोजाना करीब करोड़ रुपये ठगे जाते हैं। साल 2024 के शुरुआती 10 महीनों में, इन अपराधों से देश को लगभग 2,140 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। गृह मंत्रालय की साइबर शाखा ने अक्तूबर तक डिजिटल अरेस्ट से जुड़े 92,334 मामले दर्ज किए हैं।
साइबर अपराधियों का फर्जीवाड़ा
घोटालेबाज अवैध गतिविधियों का झूठा आरोप लगाकर पीड़ितों से संपर्क करते और उनसे डर के माहौल में बड़ी धनराशि ट्रांसफर करवाते। ये अपराधी लोगों को लुभावने ऑफर देकर या डराने-धमकाने की आड़ में उनका बैंक बैलेंस साफ कर देते। घोटाले के पैसे दुबई और वियतनाम के एटीएम से निकाले जाते हैं।
गृह मंत्रालय की कार्रवाई
गृह मंत्रालय के साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने इन शिकायतों के आधार पर संदिग्ध व्हाट्सएप खातों की पहचान की और 17,000 से अधिक खातों को ब्लॉक कर दिया। इसके अलावा, डिजिटल लेन-देन और सिम कार्ड के दुरुपयोग को रोकने के लिए मंत्रालय ने सख्त निगरानी और सुरक्षा उपाय अपनाए हैं। एजेंसियां इस घोटाले में शामिल सभी अपराधियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए प्रयासरत हैं।
समाज पर प्रभाव और सतर्कता की आवश्यकता
साइबर ठगी के मामलों में बढ़ोतरी डिजिटल युग में एक बड़ी चुनौती बन गई है। ऐसे अपराध न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि समाज में असुरक्षा की भावना भी बढ़ाते हैं। आम नागरिकों को फर्जी कॉल और संदेशों से सतर्क रहने की आवश्यकता है। सरकार और प्रशासन को साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाने चाहिए। डिजिटल सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उन्नत तकनीकों और सख्त कानूनों की आवश्यकता है। गृह मंत्रालय द्वारा उठाया गया यह कदम साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। हालांकि, यह समस्या तभी पूरी तरह हल होगी जब नागरिकों और सरकार के बीच साइबर सुरक्षा को लेकर सामूहिक जागरूकता और सतर्कता होगी। साइबर अपराधों से बचने के लिए हर नागरिक को सतर्क रहना और फर्जीवाड़े की किसी भी घटना की तत्काल सूचना देना चाहिए। डिजिटल युग में सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल सरकार की जिम्मेदारी है, बल्कि हर नागरिक का भी दायित्व है।


