पटना में स्कूल में एक दर्जन छात्राएं हुई बेहोश, मचा हडकंप, ठंड की आशंका
मसौढ़ी। पटना जिले के मसौढ़ी स्थित भदौरा इस्लामपुर उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक अप्रत्याशित घटना घटी। कक्षा 9 की लगभग एक दर्जन छात्राएं अचानक चक्कर खाकर बेहोश हो गईं। इस घटना ने स्कूल प्रशासन और स्थानीय लोगों के बीच हड़कंप मचा दिया। स्कूल में चल रही पढ़ाई के दौरान अचानक कुछ छात्राओं ने सिर दर्द और कमजोरी की शिकायत की। इसके तुरंत बाद वे एक के बाद एक बेहोश होने लगीं। स्कूल प्रशासन ने प्राथमिक उपचार देकर स्थिति को संभालने की कोशिश की। हालांकि, छात्राओं की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए उन्हें तत्काल उनके घर भेज दिया गया। इस घटना की खबर सुनते ही अभिभावक भी स्कूल पहुंच गए और उन्होंने प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर की। अभिभावकों का आरोप था कि ठंड और खराब व्यवस्थाओं के कारण यह घटना हुई। स्थानीय लोगों और स्कूल प्रशासन का मानना है कि कड़ाके की ठंड के कारण छात्राओं की तबीयत बिगड़ी। घटना की जानकारी मिलते ही मसौढ़ी से एक मेडिकल टीम एंबुलेंस के साथ स्कूल पहुंची। हालांकि, टीम के आने से पहले ही सभी छात्राओं को घर भेजा जा चुका था। मेडिकल टीम ने बाद में स्थानीय क्लिनिकों में जाकर छात्राओं की जांच की। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के प्रभारी डॉ. रामानुजम सिंह ने बताया कि टीम ने निजी क्लिनिक में दो छात्राओं की गंभीर हालत का इलाज किया। इन छात्राओं को मसौढ़ी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन पर ठंड के दौरान पर्याप्त सावधानियां न बरतने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि स्कूल में पर्याप्त गर्म कपड़ों की अनिवार्यता या ठंड से बचाव के अन्य उपाय नहीं किए गए थे। इसके अलावा, स्कूल में चिकित्सा सुविधाओं की कमी भी इस घटना का कारण हो सकती है। स्कूल की प्राचार्या श्वेता शिखा ने बताया कि सभी छात्राओं को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया था और अभिभावकों को सूचित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और स्कूल प्रशासन इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है। यह घटना न केवल स्कूल प्रशासन के लिए बल्कि सभी शिक्षण संस्थानों के लिए एक चेतावनी है। सर्दियों के मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। ठंड के मौसम में स्कूलों को उचित सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे कि बच्चों को गर्म कपड़े पहनने के लिए प्रोत्साहित करना और गर्म वातावरण सुनिश्चित करना। इस घटना से सीख लेते हुए उम्मीद है कि प्रशासन और स्कूल मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएंगे। वहीं, अभिभावकों को भी अपने बच्चों की सेहत और सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना होगा।


