महागठबंधन की बैठक पर गिरिराज सिंह का तंज, कहा- कुछ भी करेंगे फिर भी बिहार की जनता यहां बंगाल नहीं बनने देगी
पटना। बिहार की राजनीति एक बार फिर से गरमा गई है, खासकर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में पटना स्थित राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कार्यालय में महागठबंधन की एक अहम बैठक आयोजित होने जा रही है। इस बैठक में राजद के साथ-साथ कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई-एमएल के नेता हिस्सा लेंगे। साथ ही, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मुखिया मुकेश सहनी की भी इस बैठक में उपस्थिति की संभावना जताई जा रही है।
एनडीए नेताओं की प्रतिक्रिया, गिरिराज सिंह का तीखा बयान
महागठबंधन की इस सक्रियता को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस बैठक को निरर्थक बताते हुए कहा कि इससे कोई ठोस परिणाम नहीं निकलने वाला। गिरिराज सिंह ने देहाती अंदाज में टिप्पणी करते हुए कहा, “मूस मोटाइहैं तो लोढ़ा होइहैं।” उनका इशारा था कि महागठबंधन की तमाम कोशिशें व्यर्थ जाने वाली हैं।
बंगाल का उदाहरण देकर चेतावनी
गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सत्ता में आने पर बिहार को बंगाल जैसा बना देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता बंगाल जैसी स्थिति यहां नहीं होने देगी। गिरिराज सिंह ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध के चलते हुई हिंसा का हवाला दिया, जिसमें दर्जनों घर जलाए जाने और कई लोगों की हत्या की बात सामने आई है। उन्होंने दावा किया कि इस हिंसा के चलते हिंदू बंगाली समुदाय को पलायन करना पड़ा।
वक्फ कानून को लेकर तेजस्वी यादव का रुख
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने वक्फ कानून का खुलकर विरोध किया है और यह ऐलान किया है कि यदि महागठबंधन की सरकार बनी, तो यह कानून बिहार में लागू नहीं किया जाएगा। गिरिराज सिंह ने तेजस्वी के इस बयान को हथियार बनाकर उन पर निशाना साधा और कहा कि महागठबंधन की बैठकें केवल दिखावे के लिए हो रही हैं।
महागठबंधन को बताया स्वार्थ का गठबंधन
गिरिराज सिंह ने महागठबंधन को स्वार्थ का गठबंधन करार देते हुए कहा कि इस समूह के पास कोई स्पष्ट नीति नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी यादव इस गठबंधन में केवल मुंह ताकते रह जाएंगे, क्योंकि उन्हें अब तक मुख्यमंत्री पद का चेहरा तक घोषित नहीं किया गया है। इसके अलावा उन्होंने यह भी दावा किया कि महागठबंधन में भगदड़ मचने वाली है और इंडी अलायंस अब एक डूबता हुआ जहाज बन चुका है।
राजनीति का अगला चरण और जनता की भूमिका
बिहार की राजनीति में इस समय बयानबाजी का दौर चल रहा है और हर दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटा है। हालांकि, असली निर्णय तो जनता के हाथ में है। गिरिराज सिंह की टिप्पणियों से साफ है कि एनडीए महागठबंधन को गंभीर चुनौती के रूप में देख रहा है और पूरी कोशिश कर रहा है कि बिहार की जनता का विश्वास बरकरार रखा जाए। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की जनता किस राजनीतिक धारा को समर्थन देती है।


