गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी को बताया लंगूर, कहा- वे जाली आदमी, वोट के लिए कर रहे ड्रामा
पटना। बिहार की राजनीति में इन दिनों बयानबाज़ी का दौर तेज है। चुनावी माहौल में नेता एक-दूसरे पर जमकर शब्दबाण चला रहे हैं। इसी क्रम में बेगूसराय में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के हालिया कार्यक्रम को लेकर केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने राहुल गांधी की तुलना लंगूर से कर दी और उन्हें जाली आदमी बताते हुए उनके मछली पकड़ने के कार्यक्रम को वोट बटोरने का ड्रामा करार दिया।
बेगूसराय में राहुल का कार्यक्रम
राहुल गांधी रविवार को बेगूसराय पहुंचे, जहां उन्होंने पार्टी प्रत्याशी अमिता भूषण के समर्थन में चुनावी रैली को संबोधित किया। रैली के बाद राहुल गांधी मछली पालन क्षेत्र में पहुंचे, जहां मछली पकड़ने की गतिविधि चल रही थी। यहां उन्होंने तात्कालिक रूप से तालाब में छलांग लगा दी और आम लोगों के साथ मछली पकड़ने में शामिल हो गए। तालाब में तैरना और मछली पकड़ने की तस्वीरें व वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसे जनता के प्रति राहुल गांधी की सहजता और जुड़ाव का उदाहरण बताया। लेकिन इसी घटना ने विरोधियों को हमला बोलने का मौका दे दिया।
गिरिराज सिंह की प्रतिक्रिया
गिरिराज सिंह ने इस पूरे घटनाक्रम को पूरी तरह प्रायोजित बताया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जनता के सामने लोकप्रिय दिखने के लिए नौटंकी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तालाब में पहले से ही जाल में मछलियां फंसी हुई थीं, जिन्हें उठाकर राहुल ने गरीबों का मजाक उड़ाया। गिरिराज सिंह ने कहा कि सच्चा गरीब और मछुआरों की जिंदगी की समझ उसी को होती है, जिसने स्वयं कठिनाइयों को झेला हो। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, जिसके पैर न फटे बेबाई, वो का जाने पीर पराई। इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी को जाली आदमी बताते हुए कहा कि वे लंगूर की तरह तालाब में कूद गए और प्रदर्शन किया, ताकि सिर्फ कैमरे और वोटरों की नज़र में आएं। गिरिराज सिंह के शब्दों ने राजनीतिक चर्चा को और तेज कर दिया।
जीतनराम मांझी का भी तंज
सिर्फ गिरिराज सिंह ही नहीं, बल्कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी राहुल गांधी की इस गतिविधि को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के पास अब करने के लिए कोई सार्थक काम नहीं बचा है, इसलिए वे कभी छठ पूजा पर टिप्पणी करते हैं, कभी प्रधानमंत्री की मां पर विवाद खड़ा करते हैं और अब मछली पकड़कर प्रचार करने में लगे हैं। मांझी ने इसे भी वोट हासिल करने की कोशिश बताया।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया और संदेश
जहां भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेता इस घटना को राजनीतिक नौटंकी बता रहे हैं, वहीं कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी जनता के बीच रहकर उनकी जिंदगी को समझना चाहते हैं। कांग्रेस नेताओं ने इसे जनता से जुड़ने और किसानों व मछुआरों की समस्याओं को करीब से देखने की पहल बताया। वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी, जो इस दौरान मौजूद थे, उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए लिखा कि राहुल गांधी का यह व्यवहार लोगों के साथ जुड़ाव दिखाता है और उन्हें देखकर अच्छा लगा।
चुनावी रणनीति और राजनीतिक निहितार्थ
चुनावों के दौरान ऐसी गतिविधियां अक्सर दोनों पक्षों को अपनी-अपनी बयानबाज़ी का अवसर प्रदान करती हैं। राहुल गांधी का तालाब में कूदना जहां उनके समर्थकों के बीच एक सहज और सरल छवि बनाने का प्रयास माना जा रहा है, वहीं विपक्ष इसे दिखावा और प्रचार का हथकंडा बता रहा है। गिरिराज सिंह का बयान यह भी दर्शाता है कि बेगूसराय जैसे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में मुकाबला कितना तीखा होगा। राहुल गांधी की इस घटना और गिरिराज सिंह की टिप्पणी ने चुनावी बहस को और गर्म कर दिया है। बिहार में चुनावी जंग सिर्फ मुद्दों की नहीं, बल्कि छवि, रणनीति और जनसंपर्क की लड़ाई में भी बदलती दिखाई दे रही है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जनता इन बयानों को कैसे लेती है और किसकी छवि उनके दिलों में जगह बनाती है।


