December 3, 2025

बिहार को फिर मिलेगी वंदे भारत ट्रेन की सौगात, रक्सौल से कोलकाता के लिए वंदे और अमृत भारत ट्रेन चलाने की तैयारी

पटना। बिहारवासियों के लिए एक और खुशखबरी है। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित महत्वपूर्ण शहर रक्सौल को जल्द ही वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों की सौगात मिलने जा रही है। रक्सौल से कोलकाता के बीच ये नई ट्रेन सेवाएं न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों को देश के बड़े शहरों से जोड़ेंगी, बल्कि भारत-नेपाल के व्यापार और पर्यटन को भी नई दिशा देंगी। रेलवे मंत्रालय ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं, और इसके लिए आधारभूत संरचना को मजबूत करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। रक्सौल स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने की योजना के तहत स्टेशन का जीर्णोद्धार, ओवरहेड इलेक्ट्रिक तारों का दुरुस्तीकरण, अत्याधुनिक वॉशिंग पिट का निर्माण, नया स्टेशन भवन, चौड़ा फुट ओवरब्रिज, चार एस्केलेटर और सेकंड इंट्री गेट जैसे कार्य किए जा रहे हैं। इन सभी कार्यों पर करीब 60 से 70 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जो बजट 2025-26 में स्वीकृत किए गए हैं। रेलवे ने ओएचई दुरुस्तीकरण के लिए 65,03,720 रुपये का ई-टेंडर भी जारी कर दिया है, जिसे छह माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह कार्य वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों के सुचारु संचालन के लिए अत्यंत आवश्यक है। समस्तीपुर रेल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक विनय श्रीवास्तव ने पहले ही इस प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड को भेजा था, जिसे जल्द ही स्वीकृति मिलने की संभावना है। स्टेशन के उन्नयन के लिए अलग-अलग मदों में राशि आवंटित की गई है, जिसमें स्टेशन भवन के लिए 19.92 करोड़, बाहरी हिस्से को आधुनिक बनाने के लिए 4.5 करोड़, फुट ओवरब्रिज के लिए 8.61 करोड़, एस्केलेटर के लिए 5.25 करोड़ और सेकंड इंट्री गेट के लिए 11.73 करोड़ रुपये शामिल हैं। इस नई पहल से न केवल रक्सौल और उसके आसपास के जिलों के लोगों को फायदा होगा, बल्कि नेपाल से भारत आने-जाने वाले यात्रियों को भी अधिक सुविधा मिलेगी। रक्सौल-कोलकाता वंदे भारत ट्रेन बिहार की मौजूदा 12 वंदे भारत ट्रेनों की श्रृंखला में एक और अहम कड़ी बनेगी, जो राज्य के करीब 15 जिलों को कवर कर सकती है। इसके माध्यम से न केवल बिहार को तेज गति की रेल सेवा का विस्तार मिलेगा, बल्कि आर्थिक विकास, व्यापारिक गतिविधियों और पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा। रेल मंत्रालय की इस योजना से स्पष्ट है कि सीमावर्ती और पिछड़े क्षेत्रों के विकास को लेकर सरकार गंभीर है और वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें अब केवल बड़े महानगरों तक सीमित नहीं रहेंगी। रक्सौल की यह परियोजना निश्चित रूप से बिहार के भविष्य की प्रगति में एक मील का पत्थर साबित होगी।

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