केके पाठक का नया फैसला, सरकारी स्कूल में बच्चों को पैसे के बदले मिलेंगे पोशाक, आवंटन शुरू

- छात्रों को शर्ट पैंट और छात्रों को सलवार सूट मिलेगा, ठंड में दिए जाएंगे स्वेटर
पटना। आईएएस के के पाठक ने सराकरी स्कूल में पढ़ाई कर रहें स्कूली बच्चे को शर्ट, पैंट, लड़कियों को सलवार-शूट देने का फैसला लिया है। राज्य के सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को अब राशि के बदले अब स्कूल ड्रेस दिया जाएगा। इसमें दो जोड़ी ड्रेस के साथ बच्चों को एक जोड़ी जूते- मोजे दिए जायेंगे। यही नहीं कॉन्वेंट स्कूल की तरफ टाई भी पहनने को मिलेगी। ठंठ से बचने के लिए जाड़े में स्टूडेंट्स को स्वेटर भी दिए जाएंगे। प्रारंभिक विद्यालयों के पहली से आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को एक जोड़ी पोशाक में एक हाफ शर्ट एवं एक हाफ पैंट तथा एक फूल शर्ट एवं एक फूल पैंट मिलेगा। गर्मी में छात्र हाफ पैंट और हाफ शर्ट पहनेंगे। वहीं ठंड के मौसम फूल पैंट एवं फूल शर्ट पहन सकेंगे। वहीं क्लास वन से आठवीं तक की छात्राओं को दो जोड़ी सलवार और कमीज मिलेगी। इसी प्रकार कक्षा नौवीं से बारहवीं तक की छात्राओं को भी दो जोड़ी सलवार और कमीज मिलेगी। साथ में एक जोड़ी जूते-मोजे एवं एक स्वेटर भी दिये जाएंगे। स्कूली बच्चे के ड्रेस को लेकर आईएएस के के पाठक ने अहम बैठक की। डॉ। मदन मोहन झा स्मृति सभागार में अपर मुख्य सचिव केके पाठक की मौजूदगी में महत्वपूर्ण बैठक हुई।बैठक में प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र और माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में बच्चों के पोशाक में व्यवहार किये जाने वाले कपड़े की भी जांच-परख की गयी। अपर मुख्य सचिव केके पाठक की मौजूदगी में हुई बैठक में छात्र-छात्राओं को स्कूल ड्रेस उपलब्ध कराने के लिए जल्द निविदा निकाली जाएगी। मुख्यमंत्री पोशाक योजना के तहत 75 प्रतिशत उपस्थिति के आधार पर उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से राशि दी जा रही थी। इसके तहत कक्षा पहली से पांचवीं तक के प्रत्येक छात्र-छात्राओं को प्रति वर्ष 600 रुपये और कक्षा छठी से ऊपर के बच्चे को प्रति वर्ष 700 रुपये की दर से राशि उनके खाते में उपलब्ध कराने की व्यवस्था थी। क्लास नौवीं से 12वीं तक की छात्राओं को प्रति छात्रा प्रति वर्ष 1500 रुपये की राशि उनके खाते में उपलब्ध कराने की व्यवस्था रही है। यह भी जान लें कि वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रारंभिक कक्षाओं के लिए पोशाक योजना लागू की थी।
