जन सुराज ने तरारी उपचुनाव में जनरल एसके सिंह को दिया टिकट, पीके बोले- तीन सीटों पर जल्द करेंगे घोषणा

पटना। बिहार में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा के बाद राजनीतिक दलों की गतिविधियां तेज हो गई हैं। इन्हीं चुनावी सरगर्मियों के बीच प्रशांत किशोर की पार्टी ‘जन सुराज’ ने अपनी चुनावी रणनीति का पहला कदम उठाते हुए तरारी विधानसभा सीट से भारतीय सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है। यह घोषणा जन सुराज के कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज भारती ने बुधवार को की, जिसमें उन्होंने एसके सिंह को पार्टी का उम्मीदवार घोषित करते हुए उनके अनुभव और देशभक्ति की भावना पर जोर दिया। प्रशांत किशोर, जो चुनावी रणनीतिकार के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं, पिछले साल बिहार में अपनी पार्टी ‘जन सुराज’ की नींव रखी थी। उनका दावा है कि यह पार्टी बिहार की राजनीति को बदलने और लोगों की समस्याओं का समाधान करने के उद्देश्य से काम कर रही है। पिछले कुछ महीनों से प्रशांत किशोर और उनकी टीम बिहार के विभिन्न जिलों और गांवों में जाकर लोगों से सीधे संपर्क कर रही है, ताकि वे जमीनी स्तर पर बिहार की समस्याओं को समझकर समाधान प्रस्तुत कर सकें। 2 अक्टूबर को पार्टी की आधिकारिक घोषणा के बाद जन सुराज ने तरारी विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया, जो इस उपचुनाव में उम्मीदवार की घोषणा करने वाली पहली पार्टी बन गई है। प्रशांत किशोर ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि जन सुराज बिहार को एक नई दिशा देने के लिए चारों विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करेगी, और जल्द ही बाकी तीन सीटों पर भी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की जाएगी।
सेना से राजनीति में, एसके सिंह का नया सफर
तरारी विधानसभा सीट से जन सुराज ने भारतीय सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह को उम्मीदवार चुना है। एसके सिंह ने इस मौके पर अपने विचार रखते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा देश की सेवा में बिताया है, और अब समय आ गया है कि वे समाज के लिए कुछ करें। उन्होंने कहा, “अब तक समाज से लिया है, अब समाज को वापस देने का समय है।” सेना में अपने अनुभव का उल्लेख करते हुए एसके सिंह ने कहा कि जिस प्रकार उन्होंने भारतीय सेना में रहते हुए देश की सेवा की, उसी जोश और समर्पण के साथ वे बिहार को एक नई दिशा देने के लिए राजनीति में उतरे हैं। एसके सिंह ने प्रशांत किशोर की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले साल से ही वे प्रशांत किशोर के कार्यों और उनके मिशन को देख रहे हैं। उन्होंने कहा, “प्रशांत किशोर और उनकी टीम बिहार के हर गांव में जाकर लोगों को जागरूक कर रही है। यह एक ऐसा प्रयास है जिसे मैं अपना समर्थन देना चाहता हूं और अब इस मिशन का हिस्सा बनकर बिहार के लिए कुछ करना चाहता हूं।”
उपचुनाव और राजनीतिक परिदृश्य
तरारी विधानसभा सीट के उपचुनाव की घोषणा के साथ ही बिहार की चार सीटों पर चुनावी मुकाबला तय हो चुका है। इनमें रामगढ़, इमामगंज और बेलागंज सीटें भी शामिल हैं, जिन पर 13 नवंबर को चुनाव होने हैं। ये सभी सीटें इस साल की शुरुआत में खाली हो गई थीं, जब वहां के विधायक लोकसभा के लिए चुने गए थे। तरारी विधानसभा सीट पर जन सुराज के उम्मीदवार की घोषणा ने इस चुनावी दंगल में नई रोचकता ला दी है, क्योंकि यह पार्टी की पहली बड़ी राजनीतिक परीक्षा होगी। जन सुराज की रणनीति और उम्मीदवारों की घोषणा के बाद, अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों पर भी दबाव बढ़ गया है। अभी तक किसी अन्य दल ने तरारी या अन्य विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है, लेकिन जल्द ही वे भी अपने उम्मीदवारों को सामने लाएंगे।
प्रशांत किशोर का मिशन और चुनौतियां
प्रशांत किशोर, जो कई बड़े नेताओं और पार्टियों के लिए चुनावी रणनीति बना चुके हैं, अब अपने राजनीतिक मिशन पर हैं। उनका लक्ष्य बिहार की राजनीति में नए विकल्प पेश करना और पारंपरिक राजनीति से हटकर कुछ नया करना है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी पार्टी जन सुराज किस हद तक बिहार की राजनीति में अपनी जगह बना पाती है। उपचुनावों में जीत या हार पार्टी के भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। बिहार की जनता अब देख रही है कि जन सुराज किस तरह से अपनी योजनाओं को अमल में लाएगी और क्या वह राज्य के पारंपरिक राजनीतिक दलों के मुकाबले खड़ी हो पाएगी। तरारी विधानसभा उपचुनाव के लिए भारतीय सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह को उम्मीदवार घोषित कर जन सुराज ने चुनावी रण में अपनी मजबूती का परिचय दिया है। एसके सिंह के अनुभव और देशभक्ति की भावना पर पार्टी ने भरोसा जताया है, जो इस चुनाव में उनकी सबसे बड़ी ताकत बन सकती है। प्रशांत किशोर और उनकी टीम ने बिहार को बदलने के अपने मिशन को एक कदम आगे बढ़ाते हुए तरारी से चुनावी लड़ाई की शुरुआत की है। अब देखना होगा कि इस चुनावी मुकाबले में जन सुराज और एसके सिंह कितनी सफलता हासिल कर पाते हैं।
