आम बजट को बिहार के विपक्षी नेताओं ने बताया जनविरोधी व निराशाजनक

जन विरोधी है बजट: प्रवीण कुशवाहा
पटना। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और एआईसीसी सदस्य प्रवीण कुशवाहा ने संसद में पेश बजट को लेकर बेहद तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बजट को जनविरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आज जब मध्यम वर्ग की कमर टूट गई है तो ऐसे में इस बजट से काफी उम्मीदें थी लेकिन आज वित्त मंत्री ने बेहद निराशाजनक बजट पेश कर साबित कर दिया है कि यह सरकार केवल हम दो-हमारे दो की सरकार है। यह बजट गरीब, किसान और नौजवान विरोधी है। महंगाई से जूझते लोगों को कोई राहत नहीं मिली है। इस बजट को सिर्फ कॉर्पोरेट घरानों को समर्पित कर दिया है। श्री कुशवाहा ने कहा कि बजट अडानी-अंबानी की सरकार के लिए बनाया है। आम आदमी को टैक्स में राहत भी यह सरकार नहीं दे पाई है।

किसान और युवाओं को बर्बाद करने वाला बजट: युवा राजद
पटना। युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अरुण कुमार यादव ने केंद्रीय आम बजट प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि गांव, गरीब, किसान और युवाओं को बर्बाद करने वाला बजट है। बजट में गांव, गरीब, किसान, छात्र, युवा और आम जनता के लिए कुछ भी नहीं है। मोदी सरकार ने पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए देश का सबकुछ निजी हाथों बेचने में लगी हुई है, जो कि देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

योजनाओं से लोगों को भरमाने की कोशिश: एनसीपी


पटना। राष्टवादी कांग्रेस पार्टी ने ने संसद में वित्तमंत्री द्वारा पेश किए गए 2022-23 के बजट में देश के किसानों, बेरोजगारों एवं छोटे करदाताओं को राहत देने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया। श्री राणा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण बाजारों पर लगाए गए प्रतिबंध की वजह से छोटे-छोटे व्यवसायियों एवं दिहाड़ी मजदूरों को बजट से काफी उम्मीदें थी, लेकिन वित्त मंत्री ने उनके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं कर यह दिखा दिया कि केन्द्र सरकार सिर्फ अडानी, अंबानी, टाटा समेत कुछ गिने चुने औद्योगिक घरानों के लिए ही काम करने में विश्वास करती है। उन्होनें आगे कहा बजट में योजनाओं से लोगों को भरमाने की कोशिश की गई है जिससे आम आदमी को कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है।

बिहार के लिए निराशाजनक बजट: राजद
पटना। राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता सह विधायक डॉक्टर रामानुज प्रसाद, महासचिव भाई अरुण कुमार ने केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा 3.30 घंटा तक जो बजट प्रस्तुत किया गया, उसमें सिर्फ और सिर्फ आम जनता को निराशा ही हाथ लगी। इस बजट में सरकार सिर्फ अपना झोला भरने के लिए किस प्रकार से टैक्सों की बरसात की है, उससे ज्यादा कुछ नहीं है। कुल मिलाकर यह देखा गया कि यह बजट मध्यमवर्ग बिहार के तमाम लोगों के लिए घोर निराशा वाला बजट है।

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