December 24, 2025

लैंड सर्वे के ऑनलाइन आवेदन में अब वंशावली अनिवार्य नहीं, केवल नापी करने आए अमीन को दिखानी होगी वंशावली

पटना। बिहार में भूमि सुधार को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश में राज्य सरकार के द्वारा विशेष भूमि सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है, हालांकि लोगों को कागजात जमा करने के लिए 31 मार्च 2025 तक का समय दिया गया है लेकिन अगर जिनके कागजात जमा हो चुके हैं वह इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। भूमि सर्वेक्षण में लोगों की सबसे बड़ी समस्या वंशावली बनकर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि गलत वंशावली होने के कारण कई बार लोगों के ऑनलाइन आवेदन स्वीकार नहीं हो रहे हैं जिसको देखते हुए भूमि सुधार विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। जानकारी के मुताबिक अब लैंड सर्वे के ऑनलाइन आवेदन के लिए वंशावली की कॉपी देना अनिवार्य नहीं है, केवल जब आपकी जमीन की नापी करने अमीन आएंगे तो उनको और अधिकारी को आपको वंशावली दिखानी होगी। इसके आधार पर दखल के अनुरूप रैयत के नाम से संबंधित कागजात तैयार किए जाएंगे। यदि किसी जमीन के दखल या कागजात में गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित रैयत को दावा-आपत्ति दर्ज करनी होगी।राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने प्रक्रियाओं को सरल और समयबद्ध बनाने के लिए किश्तवार (गांवों का मानचित्र तैयार करना) का समय 30 दिन से बढ़ाकर 90 दिन कर दिया है।खानापुरी पर्चा वितरण का समय 15 दिन से बढ़ाकर 30 दिन, और इस पर दावा-आपत्ति दर्ज करने का समय 30 दिन से बढ़ाकर 60 दिन किया गया है। मार्च 2024 तक सभी नागरिकों को जमीन सर्वेक्षण के लिए आवेदन देना अनिवार्य है। 1 अप्रैल से यह सर्वेक्षण धरातल पर शुरू होगा। इसके लिए अपनी जमीन का खाता नंबर, खेसरा नंबर, रकवा, और चौहद्दी की जानकारी भरें। जमाबंदी रसीद (मालगुजारी रसीद) अपलोड करें। अपने पंचायत या अंचल कार्यालय जाकर आवेदन करें।आवश्यक दस्तावेज, जैसे खाता नंबर, खेसरा नंबर, और मालगुजारी रसीद, साथ लेकर जाएं। पटना जिले के 7 लाख परिवारों से आवेदन अपेक्षित हैं। अब तक करीब 3 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो कुल का 40% है। सर्वे टीम ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों से संपर्क कर आवेदन संख्या बढ़ाने पर काम कर रही है। राजस्व विभाग ने समयसीमा बढ़ाकर प्रक्रियाओं को सरल बनाया है। ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। समय पर आवेदन जमा करना 1 अप्रैल से सर्वेक्षण की सुचारू शुरुआत सुनिश्चित करेगा। नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे आवश्यक जानकारी देकर अपनी जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट कराएं।

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