मुख्यमंत्री महिला संवाद कार्यक्रम में श्रीचंदपुर पंचायत में उमड़ी महिलाओं की भीड़
बिहटा, (मोनु कुमार मिश्रा)। बिहटा प्रखंड के श्रीचंदपुर पंचायत में मुख्यमंत्री महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन एक विशेष अवसर बन गया। इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इसे डिजिटल प्रचार वैन के माध्यम से आयोजित किया गया, जिससे सूचना तकनीक का सीधा लाभ ग्रामीण महिलाओं को मिला। आयोजन स्थल पर महिलाओं की भारी भीड़ देखने को मिली, जो इस बात का प्रमाण था कि महिलाएं अब अपने अधिकारों और अवसरों को लेकर पहले से अधिक सजग हो रही हैं।
महिलाओं को दी गई योजनाओं की जानकारी
मंच पर मौजूद प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि सरकार महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने के लिए किस तरह से योजनाएं चला रही है, जैसे कि जीविका समूह, स्वरोजगार योजनाएं और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी पहलें। महिलाओं को यह भी समझाया गया कि वे कैसे इन योजनाओं से जुड़कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकती हैं।
जीविका दीदियों ने संभाला संचालन
कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी जीविका दीदियों ने उठाई और उसे बेहतरीन तरीके से निभाया। उनकी मेहनत और अनुशासन के चलते कार्यक्रम में कहीं भी अव्यवस्था नहीं दिखी। उन्होंने न केवल महिलाओं को प्रेरित किया, बल्कि उनके अनुभवों को साझा करने के लिए भी मंच तैयार किया।
खुलकर रखी अपनी बात
इस संवाद कार्यक्रम में महिलाओं ने खुलकर अपने विचार रखे। उन्होंने अपनी सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं को भी साझा किया, जिन पर मंच से जवाब भी मिला और समाधान के सुझाव भी दिए गए। यह माहौल महिलाओं के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाला रहा, क्योंकि आमतौर पर गांव की महिलाएं अपने मुद्दों को सार्वजनिक रूप से रखने में हिचकती हैं।
प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं की सक्रिय भूमिका
इस आयोजन में पंचायत प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही। सभी ने मिलकर यह दिखाया कि जब समाज के सभी वर्ग मिलकर किसी प्रयास में जुड़ते हैं, तो बदलाव की शुरुआत आसान हो जाती है।
महिला संवाद: एक सकारात्मक पहल
महिला संवाद कार्यक्रम महिलाओं को एक ऐसा मंच देता है, जहां वे अपनी आवाज़ उठा सकती हैं, समस्याएं साझा कर सकती हैं और एक-दूसरे से सीख सकती हैं। यह पहल केवल व्यक्तिगत स्तर पर महिलाओं को सशक्त नहीं बनाती, बल्कि पूरे समाज को जागरूक और समावेशी बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। इस तरह के आयोजनों से ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को ना सिर्फ जानकारी मिलती है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ता है, जिससे वे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं।


