September 9, 2025

वाराणसी में लगातार बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, लोगों के घरों में घुसा बाढ़ का पानी, जनजीवन प्रभावित

वाराणसी। पूर्वांचल में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर अब खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। घाटों पर पानी भर गया है, जिससे तर्पण करने आए लोगों को घाटों की बजाय सड़कों और गलियों में बैठना पड़ रहा है। कई रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। प्रशासन की ओर से राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं, लेकिन लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं।
घाटों पर पानी, लोगों की परेशानियां बढ़ीं
गंगा में जलस्तर बढ़ने से वाराणसी के सभी घाट जलमग्न हो गए हैं। इससे पूजा-पाठ करने वाले श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से वरुणा किनारे बसे आठ मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि घरों के अंदर पानी आने से दैनिक कार्य करना मुश्किल हो गया है। इसके अलावा सड़कों पर जलभराव से आवाजाही भी बाधित हो गई है। प्रशासन ने राहत कार्य के तहत सात राहत शिविर खोले हैं, जहां अब तक 150 से ज्यादा परिवारों के 600 से अधिक लोग शरण ले चुके हैं।
जलस्तर बढ़ने की रफ्तार
वाराणसी में सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर ढाई सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ता हुआ दर्ज किया गया। इस सीजन में यह चौथी बार है जब जलस्तर में इतनी तेजी से वृद्धि हुई है। पहले भी कई बार जलस्तर बढ़ने से लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। लगातार बढ़ते जलस्तर ने हजारों लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं।
बलिया, गाजीपुर और चंदौली में भी स्थिति गंभीर
केवल वाराणसी ही नहीं, बल्कि बलिया, गाजीपुर, चंदौली, मिर्जापुर और भदोही में भी स्थिति चिंताजनक है। बलिया में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यहां कई गांवों के स्कूल और सड़कें पानी में डूब चुकी हैं। खतरा बिंदु 57.615 मीटर से 1.18 मीटर ऊपर जलस्तर बढ़ा हुआ है। वहीं गाजीपुर और चंदौली में भी बाढ़ का पानी कई गांवों में पहुंच चुका है। चंदौली के बलुआ घाट की सभी सीढ़ियां और शवदाह स्थल फिर से पानी में डूब गए हैं। मिर्जापुर और भदोही में जलस्तर सबसे तेजी से बढ़ रहा है।
नाव यात्रियों और ढाबा संचालकों की चिंता
गंगा में जलस्तर बढ़ने से स्थानीय लोगों के साथ नाव संचालकों और ढाबा व्यवसायियों की चिंता भी बढ़ गई है। अम्बा से मोकलपुर घाट के सामने तेज लहरों से नाव चलाना जोखिम भरा हो गया है। लोग नाव से पार जाने में भय महसूस कर रहे हैं। वहीं चांदपुर, रामचन्दीपुर सहित अन्य इलाकों के लोगों का कहना है कि अगर जलस्तर और बढ़ा तो तेज लहरों की टक्कर से नदी का कटाव शुरू हो जाएगा, जिससे खेतों और घरों को नुकसान पहुंच सकता है।
प्रशासन की सतर्कता और राहत कार्य
जलस्तर बढ़ने के बाद प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। वाराणसी नगर निगम और जिला प्रशासन राहत कार्य में जुटा है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। राहत शिविरों में भोजन, दवाइयों और अन्य आवश्यक सामान की व्यवस्था की गई है। वहीं नाव संचालकों को सुरक्षित संचालन के लिए निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और सतर्क रहें। गंगा का जलस्तर बढ़ने से वाराणसी समेत पूरे पूर्वांचल में स्थिति गंभीर बनी हुई है। लोगों के घरों में पानी घुसने से उनकी दिनचर्या प्रभावित हो गई है। घाटों पर जलभराव और तेज लहरों से नाव चलाना जोखिमपूर्ण हो गया है। प्रशासन राहत कार्य में जुटा है, लेकिन जलस्तर बढ़ने से उत्पन्न संकट से निपटना बड़ी चुनौती बन गया है। लोगों को सुरक्षित रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जा रही है। आने वाले दिनों में स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

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