September 18, 2025

पटना में खतरे के निशान से 51 सेंटीमीटर ऊपर बह रही गंगा : कई इलाकों में गुसा पानी, लोग कर रहें पलायन

पटना। राजधानी पटना में गंगा नदी खतरे के निशान से 51 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। इसके चलते निचले इलाके डूब चुके हैं। लोग पलायन कर रहे हैं। कुछ मचान बनाकर रहने को मजबूर हैं। घर पूरी तरह से डूब चुके हैं। गंगा किनारे बसे कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। जानकारी के अनुसार, नदी किनारे बसे गांव बिंद टोली की आबादी करीब 1 हजार है। 2015 में दीघा रेल पुल निर्माण के लिए इनको अपना घर छोड़ना पड़ा था। गंगा नदी में नाव पर चलकर हम गांव के बीचो बीच पहुंचे। यहां छोटे-छोटे बच्चे नाव पर चढ़कर स्कूल जाते दिखे। महिलाएं अपने बच्चे को गोद में लेकर बांस के बने मचान पर बैठी दिखाई दी। वहीं दूसरी तरफ गांव के पुरुष बाढ़ से बचने के लिए नाव के सहारे लगातार बांस लेकर जाते दिखे। भरे हुए पानी में बांस के सहारे वह मचान बनाकर अपने आपको सुरक्षित कर रहे हैं।
बिंद टोली गांव के लोग लगा रहे मदद की गुहार
बिंद टोली निवासी हरिंदर महतो ने बताया कि हमारा घर हर साल बाढ़ में डूबता जाता है, लेकिन किसी को इसकी परवाह नहीं। हमारे घर में छोटे-छोटे बच्चें हैं, हमारी परेशानी बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं। वहीं इस गांव के निवासी ओम प्रकाश का कहना है कि हमारे घर में पानी भर गया है और यह पानी दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। हमारे पास खाने के लिए भी कुछ नहीं है, आने जाने में भी काफी कठिनाई हो रही हैं। वही दरियापुर निवासी राजपतिया देवी ने कहा कि हमारे घर में पानी भर गया है। हर रोज यह बढ़ते जा रहा है, लेकिन हमारे लिए कोई व्यवस्था नहीं कराई जा रही। पानी में चलने की वजह से हमारी तबीयत भी खराब हो जा रही हैं। हर साल जब बाढ़ से हमलोग डूब के बच जाते हैं, तब हमें खाना पहुंचाया जाता है। वहीं कौशल्या देवी का कहना है कि पानी भरने से हमें खाने पीने की सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है।
पिछले 24 घंटे में 23 सेमी की हुई हैं बढ़ोतरी
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार गांधी घाट में जब नदी का जलस्तर 50 मीटर से अधिक होता है तो बाढ़ की स्थिति होने लगती है। आपदा प्रबंधन विभाग के नवल किशोर का कहना है कि गांधी घाट खतरे के निशान से 51 सेमी ऊपर है। सोमवार को जलस्तर 49.280 मीटर था लेकिन आज यह बढ़कर 49.510 मीटर तक पहुंच गया है। इसी के साथ जलस्तर में 23 सेमी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 16 सेमी ऊपर है। इतने खतरे के बावजूद वहां छोटे-छोटे बच्चे बाढ़ की पानी में नहाते हुए दिखे। वहां मौजूद गीता देवी का कहना है कि प्रशासन द्वारा बार बार हटाने पर भी इन बच्चों पर असर नहीं है। यह बच्चे किसी की नहीं सुनते, इसी वजह से आए दिन डूबने से मौत की घटना भी हो रही है।

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