November 19, 2025

बिहार सरकार छात्राओं को फ्री में करवाएगी जेईई और नीट की तैयारी, 232 कस्तूरबा विद्यालयों में होगी पढ़ाई

पटना। बिहार सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और दूरगामी कदम उठाया है, जिससे राज्य की बेटियों को उच्च गुणवत्ता वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का अवसर मिलेगा। अब राज्य के 232 कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों की छात्राएं न केवल कक्षा 9वीं से 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त करेंगी, बल्कि उन्हें जेईई और नीट जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं की तैयारी भी मुफ्त में कराई जाएगी।
योजना की रूपरेखा और लक्ष्य
इस योजना का मूल उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की लड़कियों को इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसे पेशेवर क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाना है। योजना के अंतर्गत कक्षा 9वीं से 12वीं तक की कुल 23,200 छात्राओं को लाभ मिलेगा। इन छात्राओं को जेईई (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) और नीट (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) की फाउंडेशन और एडवांस स्तर की तैयारी आधुनिक तकनीकी माध्यमों से कराई जाएगी।
तकनीक आधारित शिक्षा की व्यवस्था
सरकार ने इन विद्यालयों में तकनीक-समर्थित शिक्षा प्रदान करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए हैं। प्रत्येक कस्तूरबा विद्यालय के छात्रावास में स्मार्ट टीवी लगाए जाएंगे, जिनके माध्यम से छात्राओं को ऑनलाइन वर्चुअल क्लास, रिकॉर्डेड वीडियो और डिजिटल कंटेंट की सुविधाएं दी जाएंगी। इससे छात्राओं को विषयवस्तु को बेहतर ढंग से समझने और सीखने का अवसर मिलेगा, खासकर तब जब उनके आसपास अच्छे कोचिंग संस्थानों की कमी हो।
वित्तीय प्रावधान और कार्यान्वयन
शिक्षा विभाग ने इस योजना के लिए 3 करोड़ 48 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है और राशि की अवमुक्ति भी कर दी गई है। योजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को दी गई है। प्रत्येक विद्यालय में एक स्मार्ट टीवी की आपूर्ति के लिए लगभग 1.5 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। यह राशि महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) को भेजे गए पत्र के अनुसार जारी की जा चुकी है।
समावेशी शिक्षा की दिशा में कदम
इस योजना को लागू करने का मकसद केवल तकनीकी शिक्षा तक पहुंच देना नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक सुधार की दिशा में भी कदम है। राज्य सरकार इस बात को समझती है कि ग्रामीण और पिछड़े इलाकों की बेटियों के पास शैक्षणिक संसाधनों की भारी कमी होती है। कोचिंग संस्थानों की पहुंच और शुल्क जैसे कारक उनकी प्रगति में बाधक बनते हैं। ऐसे में यह योजना उन्हें मुख्यधारा की प्रतियोगी शिक्षा से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बनेगी।
छात्राओं के भविष्य निर्माण में सहायक
जेईई और नीट जैसी परीक्षाएं छात्राओं के लिए भविष्य के करियर की दिशा तय करती हैं। मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में प्रवेश के लिए ये परीक्षाएं अनिवार्य हैं, लेकिन अब तक आर्थिक असमानता और संसाधनों की कमी के कारण कई होनहार छात्राएं इन क्षेत्रों में पीछे रह जाती थीं। यह योजना उन छात्राओं को न केवल सपने देखने का साहस देगी, बल्कि उन्हें उन्हें साकार करने का मंच भी प्रदान करेगी।
शिक्षा के क्षेत्र में बिहार का बढ़ता कदम
बिहार सरकार की यह पहल न केवल राज्य के भीतर शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाएगी, बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर एक अनुकरणीय मॉडल भी बन सकती है। राज्य के सरकारी विद्यालयों में तकनीक के समावेश से शिक्षा का आधुनिकरण होगा और डिजिटल डिवाइड को कम किया जा सकेगा।
शिक्षा में समान अवसर की ओर
इस योजना के क्रियान्वयन से शिक्षा के क्षेत्र में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा मिलेगा। बालिकाओं को यदि बेहतर संसाधन, मार्गदर्शन और माहौल मिलें तो वे किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं रहतीं। राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही यह योजना बालिकाओं के आत्मबल, आत्मनिर्भरता और भविष्य निर्माण की दिशा में बड़ा कदम है। बिहार सरकार की यह पहल शिक्षा के माध्यम से सामाजिक न्याय और समावेशन की दिशा में एक उल्लेखनीय प्रयास है। कस्तूरबा विद्यालयों की छात्राओं को मुफ्त जेईई और नीट की तैयारी की सुविधा देकर सरकार ने यह साबित कर दिया है कि यदि इच्छाशक्ति हो तो सीमित संसाधनों में भी व्यापक बदलाव लाया जा सकता है। यह योजना आने वाले वर्षों में हजारों छात्राओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी और बिहार को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों की सूची में ला खड़ा करेगी।

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