पटना में उड़ीसा के युवक से 30 लाख की साइबर ठगी, ट्रेडिंग का झांसा देखकर अपराधियों ने उडाये पैसे

पटना। पटना में साइबर अपराधियों का जाल लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में, राजधानी के अशोक राजपथ में रहने वाले उड़ीसा निवासी तपन के साथ 30 लाख से अधिक की ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। यह ठगी ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश के बहाने की गई। तपन पटना के अशोक राजपथ में रहते हैं और उन्हें फेसबुक पर एक ऑनलाइन ट्रेडिंग का विज्ञापन दिखा, जिसमें मुनाफा कमाने का दावा किया गया था। इस विज्ञापन में दिए गए नंबर पर संपर्क करने के बाद, ठगों ने उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ लिया। ग्रुप में शामिल एक युवती ने तपन को बताया कि वे एक विशेष एप के जरिए ट्रेडिंग कर सकते हैं। युवती ने एक बैंक खाता नंबर भी दिया और कहा कि इसी में पैसे डालने होंगे। शुरुआत में, तपन को थोड़े मुनाफे के रूप में पैसे वापस भी मिले, जिससे उन्हें इस प्लेटफॉर्म पर भरोसा हो गया। गुरुवार देर रात, जब उन्होंने इस प्लेटफॉर्म में लगभग 30 लाख 10 हजार रुपये का निवेश किया, तभी अचानक एप से सारा डेटा गायब हो गया। इसके बाद, व्हाट्सएप ग्रुप से भी सारे मैसेज डिलीट कर दिए गए। यह देखकर तपन को समझ में आया कि उनके साथ ठगी हो चुकी है। इसके बाद, उन्होंने तुरंत साइबर थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है और साइबर अपराधियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है।
क्रेडिट कार्ड के जरिए 29 हजार की ठगी
साइबर अपराध का दूसरा मामला पटना के रानी तालाब इलाके से सामने आया है। यहां के निवासी ब्रजेश कुमार आईसीआईसीआई बैंक के क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं। एक दिन, उन्हें फोन पर एक व्यक्ति ने खुद को क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट का अधिकारी बताया और कहा कि बैंक की तरफ से उनके कार्ड पर एक खास ऑफर दिया जा रहा है। ब्रजेश इस झांसे में आ गए और फोन करने वाले व्यक्ति को अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी दे दी। जैसे ही उन्होंने जानकारी साझा की, उनके खाते से 29 हजार रुपये कट गए। जब उन्हें इस धोखाधड़ी का अहसास हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
साइबर ठगी से बचाव के उपाय
आजकल साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक या एप को डाउनलोड न करें। बैंक कभी भी फोन पर ओटीपी, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स या पासवर्ड नहीं मांगता। अगर कोई ऐसा करता है, तो वह निश्चित रूप से ठग हो सकता है। कई बार ऑनलाइन मुनाफे का लालच देकर ठगी की जाती है। किसी भी अनजान ग्रुप में शामिल होने से पहले उसकी विश्वसनीयता को जांच लें। अगर किसी के साथ साइबर ठगी होती है, तो उसे बिना देर किए साइबर क्राइम सेल या पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए। पटना में बढ़ती साइबर ठगी की घटनाएं यह दिखाती हैं कि अपराधी लगातार नए तरीके अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं। आम लोगों को चाहिए कि वे ऑनलाइन वित्तीय लेन-देन में पूरी सावधानी बरतें और अनजान व्यक्तियों या प्लेटफॉर्म्स पर भरोसा करने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें। साइबर सुरक्षा को मजबूत करने और लोगों को जागरूक करने की जरूरत है ताकि इस तरह की धोखाधड़ी से बचा जा सके।

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