गया में नाबालिक के साथ चार युवकों ने किया गैंगरेप, हथियार के बल पर वारदात, पुलिस ने किया गिरफ्तार
 
                - पिता के साथ घर लौट रही थी, मारपीट कर बनाया बंधक, जंगल में की हैवानियत
गया। बिहार के गया जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। गुरुआ थाना क्षेत्र में चार युवकों ने 15 वर्षीय नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। यह घटना तब हुई जब पीड़िता अपने पिता के साथ दर्शन करके घर लौट रही थी। रास्ते में अपराधियों ने पिता-पुत्री को बंधक बना लिया, पिता की पिटाई की और बेटी को जबरन उठा ले गए। बाद में पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से देसी कट्टा, कारतूस और बाइक बरामद की है।
दर्शन से लौटते समय रास्ते में हमला
घटना गुरुवार रात की बताई जा रही है। पीड़ित परिवार झारखंड के हंटरगंज थाना क्षेत्र के कौलेश्वरी माता मंदिर दर्शन के लिए गया हुआ था। परिवार ने यात्रा के लिए बारा गांव निवासी संदीप दास की पिकअप वैन बुक की थी। दर्शन के बाद वापसी के दौरान गाड़ी हंटरगंज में खराब हो गई। इसी दौरान चालक और यात्रियों के बीच कहासुनी हो गई थी। ग्रामीणों के अनुसार, इसी बहस के बाद चालक ने अपने कुछ साथियों को फोन किया। आगे रास्ते में जब गाड़ी गुरुआ इलाके के पास पहुंची, तो चार युवकों ने पिता और उसकी बेटी को रोक लिया। उन्होंने पिता की बेरहमी से पिटाई की और बेटी को जबरन सुनसान इलाके की ओर ले गए।
जंगल में की गई हैवानियत
पुलिस के मुताबिक, नाबालिग को चारों युवक पास के सुनसान क्षेत्रों में ले जाकर जंगल में ले गए। वहां उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया गया। घटना के बाद आरोपी वहां से फरार हो गए। पीड़िता देर रात तक जंगल में बेहोश पड़ी रही। पिता किसी तरह बचकर पास के गांव पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से बेटी की खोजबीन शुरू की। काफी तलाश के बाद युवती अपर मोरहर नहर के पास जंगल में अचेत अवस्था में मिली। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद गुरुआ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और कार्रवाई शुरू की। पीड़िता को तुरंत अस्पताल भेजा गया, जहां उसका उपचार किया जा रहा है।
आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
गया पुलिस ने घटना की जानकारी मिलते ही तेजी से कार्रवाई की। गुरुआ थाना अध्यक्ष मनेश कुमार ने बताया कि मुख्य आरोपी वैन चालक संदीप दास और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके पास से एक देसी कट्टा, एक जिंदा कारतूस और वारदात में इस्तेमाल की गई एक बाइक भी बरामद की गई है। मुख्य आरोपी संदीप दास ने पुलिस पूछताछ में कई अहम जानकारियां दी हैं। पुलिस यह पता लगा रही है कि इस अपराध की योजना पहले से बनाई गई थी या यह झगड़े के बाद अचानक की गई हरकत थी। सभी आरोपियों से गहन पूछताछ जारी है।
पिता का बयान
पीड़िता के पिता ने बताया कि परिवार के साथ वे छठ पूजा के बाद अपने बहनोई के घर गए थे। अगले दिन सभी लोग कोलेश्वरी माता मंदिर के दर्शन के लिए 25 लोगों के साथ पिकअप वैन में रवाना हुए थे। लौटते समय गाड़ी खराब हो जाने पर ड्राइवर और यात्रियों के बीच विवाद हुआ। उनका कहना है कि गाड़ी में बैठे चालक और उसके साथी रास्ते में शराब पीने लगे थे। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो चालक गुस्से में आ गया और बाद में बेटी को जबरन ले गया। पिता ने बताया कि उन्होंने समझा कि शायद चालक उसे घर छोड़ देगा, लेकिन जब घर पहुंचे तो लड़की वहां नहीं थी। इसके बाद जब वे खोजने निकले तो लड़की जंगल में बेहोशी की हालत में मिली।
ग्रामीणों में आक्रोश और सुरक्षा व्यवस्था
घटना की जानकारी मिलते ही पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया। शुक्रवार सुबह बड़ी संख्या में लोग गुरुआ थाना पहुंचे और आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की। भीड़ के बढ़ते तनाव को देखते हुए पुलिस ने अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति को रोका जा सके। शेरघाटी डीएसपी शैलेंद्र सिंह और सर्कल इंस्पेक्टर न्याज अहमद ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि मामले की जांच निष्पक्ष और तेज गति से होगी ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके।
पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई
शेरघाटी एएसपी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करवा लिया है और रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि चारों युवकों का आपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है। यह भी देखा जा रहा है कि क्या इनके किसी संगठित गिरोह से संबंध हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि किसी भी तरह की ढिलाई या राजनीतिक दबाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गया की यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज की संवेदनशीलता पर भी आघात करती है। एक नाबालिग बच्ची पर इस तरह का अत्याचार पूरे समाज के लिए शर्मनाक है। ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि आरोपियों को कड़ी सजा दी जाए और फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चलाकर जल्द फैसला सुनाया जाए। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने यह संकेत जरूर दिया है कि प्रशासन ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त है। हालांकि यह घटना फिर याद दिलाती है कि महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समाज और शासन दोनों को मिलकर काम करना होगा, ताकि ऐसी वीभत्स घटनाएं दोबारा न हों।



 
                                             
                                             
                                             
                                        