नवंबर के पहले दिन हुए 6 बड़े बदलाव: बैंक खाते में चार नॉमिनी हो सकेंगे, कमर्शियल सिलेंडर के दाम घटे, मुफ्त मिलेगा एआई का सब्सक्रिप्शन
नई दिल्ली। नवंबर महीने की शुरुआत के साथ इस बार देश में कई ऐसे बदलाव लागू हुए हैं, जिनका सीधा असर आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी, खर्च और सरकारी सुविधाओं से जुड़ी प्रक्रियाओं पर पड़ेगा। ये बदलाव बैंक खातों में नॉमिनी जोड़ने के नए नियम, आधार कार्ड अपडेट शुल्क, चैटजीपीटी गो और जेमिनी प्रो जैसे एआई सब्सक्रिप्शन, फास्टैग से जुड़े प्रावधान, पेंशन से जुड़े प्रमाणपत्र और कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी से संबंधित हैं। इन बदलावों को समझना जरूरी है, ताकि लोग समय पर आवश्यक कार्रवाइयाँ कर सकें और इनका लाभ उठा सकें।
बैंक खाते में नॉमिनी जोड़ने के नए नियम
पहले बैंक खातों में नॉमिनी जोड़ने की सुविधा तो थी, लेकिन इसकी संख्या सीमित होती थी। अब नया नियम लागू होने के बाद अकाउंट होल्डर अपने बैंक खाते में एक की जगह चार नॉमिनी जोड़ सकता है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यदि अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है, तो खाते में मौजूद राशि को लेकर विवाद या कानूनी प्रक्रिया लंबी नहीं चलेगी। इसके अलावा अकाउंट होल्डर यह भी तय कर सकेगा कि चार नॉमिनियों में से कौन कितना हिस्सा प्राप्त करेगा। यह सुविधा बैंकिंग दावों और उत्तराधिकार संबंधी प्रक्रियाओं को पारदर्शी और सरल बनाएगी। नॉमिनी को किसी भी समय बदला या हटाया भी जा सकेगा। यह बदलाव 1 नवंबर 2025 से लागू हो गया है, जिसका सीधा लाभ लाखों बैंक ग्राहकों को मिलेगा।
आधार कार्ड अपडेट से जुड़े नए शुल्क
आधार कार्ड से जुड़े अपडेट अब नए शुल्क नियमों के साथ होंगे। खास बात यह है कि बच्चे के आधार कार्ड में बायोमेट्रिक अपडेट अब एक साल तक मुफ्त रहेगा। इसका मतलब है कि बच्चों के बढ़ते उम्र के साथ फिंगरप्रिंट और आंखों के स्कैन में होने वाले बदलावों को माता-पिता आसानी से बिना अतिरिक्त खर्च के अपडेट करा सकेंगे। वहीं, वयस्कों के लिए नाम, जन्मतिथि, पता या मोबाइल नंबर बदलने की फीस 75 रुपए तय की गई है। यदि किसी व्यक्ति को बायोमेट्रिक अपडेट करवाना है, यानी फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन, तो इसके लिए 125 रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बिना किसी दस्तावेज के भी नाम, पता या जन्मतिथि में बदलाव किया जा सकता है, जो प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाता है।
कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में कमी
नवंबर की शुरुआत के साथ 19 किलो वाले कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी की घोषणा की गई है। कोलकाता में इसकी कीमत 6.50 रुपए घटकर 1694 रुपए हो गई है, जबकि चेन्नई में यह 4.50 रुपए सस्ता होकर 1750 रुपए में मिलेगा। इससे होटलों, ढाबों और कैटरिंग व्यवसाय से जुड़े लोगों को राहत मिलेगी।
चैटजीपीटी गो और जेमिनी प्रो सब्सक्रिप्शन मुफ्त
एआई टेक्नोलॉजी अब आम उपयोगकर्ताओं तक तेजी से पहुंच रही है। इसी कड़ी में ओपनएआई ने भारत में अपने चैटजीपीटी गो प्लान को एक साल के लिए फ्री करने की घोषणा की है। यह सुविधा 4 नवंबर 2025 से लागू होगी। जहां पहले इसकी कीमत 399 रुपए प्रति माह थी, वहीं अब यूजर को पूरे वर्ष में लगभग पाँच हजार रुपए का लाभ होगा। चैटजीपीटी गो प्लान में अधिक चैट लिमिट, इमेज जनरेशन और तेज़ रिस्पॉन्स जैसी सुविधाएँ शामिल होती हैं। इसके साथ ही गूगल का जेमिनी प्रो एआई मॉडल भी भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए मुफ्त उपलब्ध है। इससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सेवाओं का उपयोग सामान्य लोगों के लिए और आसान हो जाएगा।
फास्टैग के नए प्रावधान
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने फास्टैग को लेकर दो नए नियम लागू किए हैं। पहले नियम के अनुसार जिन गाड़ियों के फास्टैग में केवाईवी यानी नो योर व्हीकल वेरिफिकेशन पूरा नहीं हुआ है, उनका फास्टैग डीएक्टिवेट किया जा सकता है। हालांकि ग्राहकों को असुविधा से बचाने के लिए बैंकों द्वारा उन्हें रिमाइंडर भेजकर अतिरिक्त समय दिया जा रहा है। नया बदलाव यह है कि अब केवाईवी वेरिफिकेशन के लिए केवल नंबर प्लेट और फास्टैग की फ्रंट फोटो अपलोड करनी होगी। दूसरी ओर, टोल भुगतान से जुड़े नियम में भी बदलाव हुआ है। 15 नवंबर 2025 से फास्टैग न होने पर यूपीआई से टोल भुगतान करने पर 1.25 गुना टोल शुल्क लिया जाएगा। जबकि कैश भुगतान पर पहले की तरह दोगुना शुल्क ही देना होगा।
पेंशनधारकों के लिए लाइफ सर्टिफिकेट
केंद्र और राज्य सरकार से पेंशन पाने वाले सभी रिटायर्ड कर्मचारियों को नवंबर महीने के अंत तक अपनी जीवन प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है। अगर यह प्रमाणपत्र समय पर जमा नहीं किया जाता, तो उनकी पेंशन रोक दी जा सकती है। इसके साथ ही जो कर्मचारी नेशनल पेंशन सिस्टम से यूनिफाइड पेंशन स्कीम में स्विच करना चाहते हैं, उन्हें भी यह प्रक्रिया नवंबर के अंत तक पूरी करनी होगी। इन सभी बदलावों का उद्देश्य सरकारी सेवाओं को सरल बनाना, तकनीक को आम लोगों तक पहुँचाना और आर्थिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी करना है। समय रहते इन नियमों और सुविधाओं की जानकारी रखना हर नागरिक के लिए लाभकारी है, ताकि वे न केवल अतिरिक्त खर्च से बच सकें बल्कि उपलब्ध सुविधाओं का अधिकतम लाभ उठा सकें।


