सीतामढ़ी में एक परिवार के चार लोग तालाब में डूबे, बुजुर्ग और तीन बच्चियों की दर्दनाक मौत

सीतामढ़ी। बिहार के सीतामढ़ी जिले के बेला थाना क्षेत्र के मोहनपुर टोला स्थित उसरैना गाँव में शुक्रवार को एक दर्दनाक घटना ने पूरे गाँव को गमगीन कर दिया। इस दुखद हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की तालाब में डूबने से मौत हो गई। मृतकों में एक बुजुर्ग महिला और तीन मासूम बच्चियां शामिल हैं। घटना के बाद पूरे गाँव में सनसनी फैल गई और हर किसी की आंखों में आंसू थे। इस हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान 60 वर्षीय सगीरा खातून और उनकी तीन पोतियों—13 वर्षीय नाजिया खातून, 8 वर्षीय नासरीन खातून और 6 वर्षीय जैनब खातून के रूप में हुई है। घटना की जानकारी मिलते ही पूरे गाँव में मातम पसर गया। पीड़ित परिवार के घर में चारों ओर चीख-पुकार और शोक का माहौल बन गया। बताया जा रहा है कि इस परिवार के सदस्य, जिसमें तीन बच्चियां और एक वृद्ध महिला शामिल थीं, गाँव के तालाब में नहाने के लिए गए थे। तालाब के पास फिसलन होने के कारण, उनमें से एक बच्ची का पैर फिसल गया और वह पानी में डूबने लगी। इस स्थिति में, अन्य ने उसे बचाने की कोशिश की और एक-एक करके वे सभी पानी में डूबते चले गए। स्थानीय लोगों और परिजनों ने बताया कि तालाब के किनारे अत्यधिक फिसलन होने के कारण यह हादसा हुआ। जब परिवार के चारों सदस्य नहाने के लिए तालाब गए तो अचानक एक बच्ची का पैर फिसल गया। उसे बचाने के क्रम में बाकी तीनों लोग भी पानी में डूब गए। घटना की पुष्टि करते हुए मृतक सगीरा खातून के पति इस्लाम अंसारी ने बताया कि परिवार के सदस्य गाँव के तालाब में नहाने गए थे। जैसे ही इस दुखद घटना की खबर गाँव में फैली, गाँव में कोहराम मच गया। घटना के वक्त मृतक सगीरा खातून के पति इस्लाम अंसारी घर पर नहीं थे। दोपहर में जब वे घर लौटे और अपनी पत्नी और बच्चों को घर में नहीं पाया, तब उन्होंने उनकी खोजबीन शुरू की। आसपास पता लगाने के बाद भी जब उन्हें उनका कोई सुराग नहीं मिला, तब वे तालाब की ओर गए। तालाब के किनारे पहुँचते ही उन्होंने देखा कि पानी में चारों के शव तैर रहे थे। यह दृश्य देख इस्लाम अंसारी का दिल बैठ गया और वे स्तब्ध रह गए। इस हृदयविदारक घटना में एक ही परिवार के चार सदस्यों की जान चली गई, जिससे कमरुद्दीन आलम का परिवार शोक में डूब गया। कमरुद्दीन आलम, जो सगीरा खातून के बेटे और तीनों बच्चियों के पिता हैं, इस समय सऊदी अरब में काम करते हैं। जैसे ही उन्हें इस घटना की जानकारी मिली, उनकी दुनिया उजड़ गई। एक पिता के लिए तीन बेटियों और माँ को खो देना असहनीय पीड़ा है। कमरुद्दीन के सऊदी अरब से वापस आने की संभावना जताई जा रही है ताकि वे अपने परिवार के इस कठिन समय में शामिल हो सकें। घटना की सूचना मिलते ही बेला थाना प्रभारी रामाशंकर कुमार मौके पर पहुँचे और मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम कराने की पेशकश की, लेकिन मृतक के परिजनों ने पोस्टमार्टम से इनकार कर दिया। परिजनों का कहना है कि यह एक दुखद दुर्घटना है और वे शवों का अंतिम संस्कार करना चाहते हैं। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है और घटना के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। इस हादसे ने गाँव में शोक की लहर पैदा कर दी है और हर किसी के दिल को द्रवित कर दिया है। गाँव के लोग इस हादसे के बाद तालाब के किनारे की फिसलन को लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से यह मांग की है कि तालाब के पास सुरक्षा के इंतजाम किए जाएँ ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि तालाब के किनारे पर चेतावनी संकेत और फिसलन से बचने के उपाय किए जाने चाहिए ताकि किसी अन्य परिवार को इस तरह की पीड़ा से न गुजरना पड़े। इस घटना के बाद आसपास के गाँवों के लोग भी पीड़ित परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करने के लिए उनके घर पहुँचे। हर कोई इस परिवार की त्रासदी पर गहरा दुःख व्यक्त कर रहा है। गाँव के लोगों ने परिवार को सांत्वना दी और उन्हें इस कठिन समय में धैर्य रखने की सलाह दी। हर किसी का दिल इस हादसे से टूट गया है, खासकर इसलिए कि मासूम बच्चियों की ज़िन्दगी इस तरह से खत्म हो गई। सीतामढ़ी की यह घटना बताती है कि सुरक्षा उपायों और चेतावनी संकेतों की अनदेखी कभी-कभी कितनी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है। तालाबों और अन्य जल स्रोतों के पास सतर्कता और सावधानी बेहद आवश्यक है, विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के मामले में। प्रशासन और समाज को मिलकर ऐसे कदम उठाने की आवश्यकता है, जिससे किसी और परिवार को इस प्रकार की दर्दनाक घटना से न गुजरना पड़े।

 

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